शिवराज सिंह से मुलाक़ात के लिए दिग्विजय सिंह को देना पड़ा धरना!
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा के सदस्य दिग्विजय सिंह को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मुलाकात का समय लेने के लिए धरना देना पड़ा।
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि भोपाल, राजगढ़, गुना और विदिशा में संचालित टेम एवं सिंचाई परियोजनाओं के प्रभावित किसानों तथा अन्य ग्रामीणों की राहत एवं पुनर्वास से जुड़ी कठिनाइयों को लेकर वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मिलना चाहते हैं।
दिग्विजय सिंह का आरोप है कि वे बीती 17 दिसंबर से मुख्यमंत्री से समय मांग रहे हैं। डेढ़ महीना बीत जाने पर भी समय नहीं मिल पाया। इसके बाद 12 जनवरी को उन्होंने घोषणा की कि 20 जनवरी तक सीएम ने मिलने के लिए समय नहीं दिया तो वे चारों जिलों के किसानों एवं प्रभावितों को लेकर मुख्यमंत्री निवास पर धरने पर बैठ जायेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘धरने की चेतावनी के बाद 18 जनवरी को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव का रात पौने ग्यारह बजे फोन आया कि मुख्यमंत्री ने 21 जनवरी को सवा ग्यारह बजे सीएम हाउस पर मुलाकात का समय दिया है।’
उन्होंने कहा कि ‘मुख्यमंत्री सचिवालय की सूचना के बाद कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए हरेक जिले से पांच-पांच प्रतिनिधि हमने बुलवा लिये। गुरुवार 20 जनवरी को पुनः फोन आया कि मुख्यमंत्री के साथ आपका अपाइंटमेंट निरस्त हो गया है। क्यों निरस्त हुआ? पूछने पर भी स्पष्ट नहीं किया गया।’
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री की आज की व्यस्तताएं ऐसी नहीं थी कि जिनकी वजह से तय मुलाकात का समय निरस्त करना पड़ता।
दिग्विजय सिंह द्वारा आज दिए गए धरने के दौरान मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव रस्तोगी का फिर से फोन आया। दिग्विजय सिंह ने स्पीकार ऑन करके रस्तोगी से बात की। रस्तोगी ने बताया कि 23 जनवरी को मुख्यमंत्री आपके द्वारा लाये जाने वाले प्रतिनिधिमंडल से मिलेंगे।
दिग्विजय सिंह ने चेताया कि यदि अप्वॉइंटमेंट रद्द हुआ तो इस बार भोपाल में नहीं चारों जिलों में सिंचाई परियोजनाओं कि किसी भी मशीन को घुसने नहीं दिया जायेगा। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव रस्तोगी से फोन पर मिले आश्वासन के बाद दिग्विजय सिंह ने अपना धरना समाप्त किया।
शिवराज को दिग्विजय सिंह ने दी थी यह ‘धमकी’
मुख्यमंत्री से 21 जनवरी की मुलाकात का कार्यक्रम रद्द किए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जमकर गुस्सा हुए थे। उन्होंने कहा था, ‘एक पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा के मौजूदा सदस्य के साथ इस तरह का बर्ताव शिवराज जी आपको बहुत महंगा पड़ेगा।’
दिग्विजय के इस बयान पर सरकार के प्रवक्ता और राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ‘एक पूर्व मुख्यमंत्री, राज्यसभा के सदस्य और वरिष्ठ नेता का रवैया निंदनीय है। मुख्यमंत्री से समय के लिए अड़ीबाजी और तालिबानी अंदाज कांग्रेस पार्टी के असली चरित्र को उजागर करता है।’
शिवराज ने कमलनाथ से की ‘शिकायत’
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीसीसी चीफ कमलनाथ की शुक्रवार को भोपाल के स्टेट हेंगर पर अनायास मुलाकात हुई। मुख्यमंत्री एक कार्यक्रम के लिए सोनकच्छ जा रहे थे, जबकि नाथ छिंदवाड़ा के अपने दौरे से भोपाल वापस लौटे थे।
सीएम से हुई मुलाकात के बाद कमलनाथ धरना स्थल पहुंचे और दिग्विजय सिंह से मुलाकात की। कमलनाथ ने मीडिया को बताया, ‘स्टेट हेंगर पर मिले सीएम ने दिग्विजय सिंह द्वारा उनके खिलाफ धरना दिये जाने का दर्द बयां किया था। मैंने कहा जब आप समय नहीं देंगे तो जनप्रतिनिधि क्या करेंगे?’