क्या एनसीपी में हुई बग़ावत?; सरकार बनाने का फ़ैसला मेरा नहीं: शरद पवार
महाराष्ट्र की राजनीति में हुए सियासी उलटफेर में जो सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है, वह यह कि क्या राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में कोई बग़ावत हुई है? क्योंकि देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सिर्फ़ अजीत पवार का नाम लिया है न कि पार्टी प्रमुख शरद पवार का। हालाँकि शरद पवार ने कहा है कि बीजेपी के साथ सरकार बनाने का फ़ैसला उनका नहीं है। शरद पवार ने कहा है कि अजीत पवार का बीजेपी को समर्थन देने का फ़ैसला उनका निजी है और इसका एनसीपी से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि वह इस फ़ैसले का समर्थन नहीं करते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल पटेल ने भी कहा है कि यह शरद पवार का फ़ैसला नहीं है।
Ajit Pawar's decision to support the BJP to form the Maharashtra Government is his personal decision and not that of the Nationalist Congress Party (NCP).
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) November 23, 2019
We place on record that we do not support or endorse this decision of his.
ख़बरों के मुताबिक़, एनसीपी में बग़ावत हुई है और पार्टी के 56 में 22 विधायक अजीत पवार के साथ हैं। इसके अलावा कुछ शिवसेना के विधायकों के भी बीजेपी के संपर्क में होने की बात कही जा रही है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि एनसीपी में बग़ावत होने की सूरत में भी क्या अजीत पवार और बीजेपी राज्य में बहुमत साबित कर पाएंगे। क्योंकि 288 विधायकों वाली राज्य की विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों की ज़रूरत है। बीजेपी के पास 105 विधायक हैं और कुछ निर्दलीय मिलाकर उसका दावा है कि उसके पास 119 विधायक हैं और 22 विधायक अजीत पवार के साथ आते हैं तो यह योग 141 बैठता है जो बहुमत के आंकड़े से 4 दूर है।
सबसे अहम बात यह है कि अजीत पवार पार्टी के संसदीय बोर्ड के नेता हैं और राज्य की राजनीति में उनका भी सियासी रसूख है। काफ़ी दिनों से यह देखा जा रहा था कि अजीत पवार अपनी पार्टी से नाराज चल रहे थे। विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने विधायक के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। तब भी इसे लेकर ख़ासी हैरानी हुई थी। अजित के इस्तीफ़े को लेकर अनेक कयास लगाए गए थे और कुछ लोगों ने इसे पवार परिवार में सियासी कलह का नतीजा बताया था तो कुछ ने कहा था कि पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री पद के रूप में प्रोजेक्ट नहीं कर रही थी, इसलिए वह नाराज थे।