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सांसदों के निलंबन के ख़िलाफ़ विपक्ष का हल्लाबोल जारी, संसद परिसर में प्रदर्शन 

सांसदों के निलंबन के ख़िलाफ़ विपक्ष का हल्लाबोल जारी, संसद परिसर में प्रदर्शन 

राज्यसभा से 12 सांसदों के निलंबन के ख़िलाफ़ विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल दिया है। सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने फिर प्रदर्शन किया है। 

राज्यसभा से 12 सांसदों के निलंबन के ख़िलाफ़ विपक्षी दलों के सांसदों ने गुरुवार को भी हल्लाबोल जारी रखा। सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया और नारेबाज़ी की। इस मुद्दे को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में भी जोरदार हंगामा जारी है। संसद सत्र के पहले ही दिन सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। 

कांग्रेस ने कहा है कि वह बीजेपी के नापाक इरादों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करती रहेगी और आम लोगों की आवाज़ उठाती रहेगी। 

प्रदर्शन करने वाले दलों में कांग्रेस के अलावा एनसीपी, आम आदमी पार्टी, डीएमके, समाजवादी पार्टी, आरजेडी, वाम दलों के सांसद शामिल हैं। इस दौरान सांसदों ने लोकतंत्र में हिटलरशाही नहीं चलेगी और लोकतंत्र की हत्या बंद करो जैसे कई नारे लगाए। 

 - Satya Hindi

क्यों हुआ निलंबन?

सांसदों के निलंबन के पीछे पिछले यानी मॉनसून सत्र में किए गए ख़राब व्यवहार को कारण बताया गया है। मॉनसून सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में खासा हंगामा हुआ था। राज्यसभा में विपक्षी सांसदों के वेल में आने की वजह से मार्शल्स को बुलाया गया था और उनकी कुछ सांसदों के साथ धक्का-मुक्की हुई थी। यह घटना 11 अगस्त को हुई थी। 

  • निलंबित सांसदों में कांग्रेस से फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह हैं। 
  • टीएमसी से डोला सेन और शांता छेत्री। 
  • शिव सेना से प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई। 
  • सीपीएम से एलमारम करीम सीपीआई से बिनॉय विश्वम शामिल हैं। 

सरकार बोली- माफ़ी मांगें सांसद 

सरकार ने इन सांसदों के सामने माफ़ी मांगने की शर्त रखी है। संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा है कि सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए सरकार को मजबूरी में निलंबन का यह प्रस्ताव सदन के सामने रखना पड़ा। लेकिन यदि ये 12 सांसद अभी भी अपने ख़राब व्यवहार के लिए सभापति और सदन से माफी मांग लें, तो हम इस मामले को बंद करने के लिए तैयार हैं। 

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