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पेशाब करने के दूसरे मामले में भी एयर इंडिया पर 10 लाख जुर्माना

पेशाब करने के दूसरे मामले में भी एयर इंडिया पर 10 लाख जुर्माना

विमान में एक बुजुर्ग महिला पर पेशाब करने के मामले में 30 लाख रुपये जुर्माना लगाए जाने के बाद अब पेशाब करने के दूसरे मामले में भी एयरलाइंस पर जुर्माना लगाया गया है। जानिए यह क्या था मामला।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय यानी डीजीसीए ने मंगलवार को एयर इंडिया पर फिर से जुर्माना लगाया है। इस बार यह जुर्माना पिछले साल 6 दिसंबर को पेरिस से नई दिल्ली आने वाली AI-142 उड़ान में यात्रियों के दुर्व्यवहार की दो घटनाओं से जुड़ा है। एयरलाइंस पर आरोप है कि उसने इन दो घटनाओं की जानकारी डीजीसीए को नहीं दी थी। इसके लिए उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।

एयरलाइन नियामक ने एक बयान में कहा कि पेरिस-नई दिल्ली उड़ान में दो घटनाएँ हुईं। एक घटना में एक यात्री को नशे की हालत में शौचालय में धूम्रपान करते हुए पकड़ा गया था और वह चालक दल के निर्देशों का पालन नहीं कर रहा था। जब महिला यात्री शौचालय गई तो एक अन्य यात्री ने कथित तौर पर उस खाली सीट और उस यात्री के कंबल पर पेशाब कर दी। 

डीजीसीए ने कहा कि उसने एयर इंडिया के जवाबदेह प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि क्यों न उनके नियामकीय दायित्वों की अवहेलना के लिए उनके ख़िलाफ़ ईडी की कार्रवाई की जाए। विमानन नियामक ने कहा कि एयर इंडिया ने 23 जनवरी 2023 को कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया और उसकी जाँच की गई। जाँच के बाद ही कार्रवाई की गई है। डीजीसीए ने कहा कि टाटा द्वारा संचालित एयरलाइन ने 6 दिसंबर की घटना को अपनी आंतरिक समिति को भेजने में देरी की।

इससे पहले विमान में ही पेशाब करने की एक अन्य घटना में भी 4 दिन पहले ही कार्रवाई की गई है। वह घटना न्यूयॉर्क-दिल्ली उड़ान में घटी थी। डीजीसीए ने एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और उसकी न्यूयॉर्क-दिल्ली उड़ान के पायलट के लाइसेंस को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया है।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहने के लिए एयर इंडिया के इन-फ्लाइट सेवाओं के निदेशक पर तीन लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

यह घटना 26 नवंबर, 2022 को हुई थी। एयरलाइन की न्यूयॉर्क-दिल्ली AI-102 फ्लाइट में सवार एक कथित रूप से नशे में धुत पुरुष यात्री शंकर मिश्रा ने एक बुजुर्ग महिला पर पेशाब कर दी थी।

डीजीसीए का कहना है कि यह घटना 4 जनवरी को डीजीसीए के संज्ञान में आई। उससे पहले एयर इंडिया ने आरोपी यात्री शंकर मिश्रा पर पेशाब करने की घटना के लिए चार महीने का प्रतिबंध लगाया था। यह प्रतिबंध उस पर लगाए गए 30 दिन के प्रतिबंध के अतिरिक्त था।

इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं करने के लिए एयर इंडिया की काफ़ी आलोचना हुई थी। यह आलोचना ख़ासकर इसलिए भी हुई थी कि फ्लाइट के लैंड होने के बाद शंकर मिश्रा को बिना किसी कार्रवाई के चले जाने दिया गया था।

विमान में पेशाब करने के मामले में एक महीना से ज्यादा बीत जाने के बाद एयरलाइंस की तरफ से 4 जनवरी को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी।

शिकायत में हुई देरी पर एयरलांइस की तरफ से कहा गया था कि वह पुलिस के पास नहीं गई क्योंकि उसे लगा कि दोनों पक्षों ने मामले को आपसी सहमति से सुलझा लिया है। बाद में शंकर मिश्रा को गिरफ़्तार किया गया।

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