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संघ प्रमुख भागवत से मिले फडणवीस, क्या ख़त्म होगा गतिरोध?

संघ प्रमुख भागवत से मिले फडणवीस, क्या ख़त्म होगा गतिरोध?

महाराष्ट्र में सरकार बनने में आ रही मुश्किलों के बीच बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार रात 11 बजे संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाक़ात की है।

महाराष्ट्र में सरकार बनने में आ रही मुश्किलों के बीच बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार रात 11 बजे संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाक़ात की है। महाराष्ट्र में 8 नवंबर तक सरकार का गठन होना है, वरना उसके बाद राष्ट्रपति शासन लग सकता है, ऐसे में बीजेपी अंतिम समय तक कोशिश कर रही है कि वह किसी भी तरह राज्य में सरकार बना ले। इस बीच उसने कई निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल कर बहुमत के जादुई आंकड़े 145 तक पहुंचने की कोशिश की लेकिन अभी भी वह इससे काफ़ी दूर है। 

फडणवीस ने संघ प्रमुख से नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में मुलाक़ात की। मंगलवार को ही बीजेपी कोर कमेटी की भी बैठक हुई थी। माना जा रहा है कि बीजेपी सरकार बनाने के सभी संभव विकल्पों पर विचार कर रही है और उसने शिवसेना को मनाने की कोशिश भी की है, लेकिन उसे कोई सफलता नहीं मिल सकी है। सवाल यह है कि क्या संघ प्रमुख बीजेपी और शिवसेना के बीच चल रहे गतिरोध को ख़त्म कर पायेंगे।

गडकरी निकालेंगे समाधान! 

बीजेपी-शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहे सियासी घमासान के बीच कहा जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र की राजनीति के बड़े नेता नितिन गडकरी को बीजेपी आलाकमान विवाद को थामने के लिये आगे ला सकता है। सोमवार को शिवसेना नेता किशोर तिवारी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से अपील की थी कि वह हिंदुत्व के हित में इस में इस विवाद का समाधान करे और उन्होंने गडकरी से आगे आने की अपील की थी। 

तिवारी ने एनडीटीवी से कहा कि उन्होंने शिवसेना से बातचीत के लिये बीजेपी से गडकरी को आगे लाने के लिये कहा है। तिवारी ने कहा कि उन्हें इस बात का विश्वास है कि गडकरी कुछ ही घंटों में इस विवाद का समाधान कर लेंगे। 

बीजेपी-शिवसेना के बीच तल्खियां बहुत ज़्यादा बढ़ गई हैं और इन दलों का सरकार गठन के लिए साथ आना मुश्किल दिख रहा है। लेकिन महाराष्ट्र में अब नयी तसवीर उभरकर सामने आ रही है। अंग्रेजी अख़बार ‘द टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ (टीओआई) के मुताबिक़, एनसीपी के एक नेता ने नाम न जाहिर न करके की शर्त पर कहा है कि एनसीपी शिवसेना के साथ सरकार बनाने की इच्छुक है और कांग्रेस इस गठबंधन को बाहर से समर्थन दे सकती है। 

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