देश की मशहूर महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने की घोषणा गुरुवार को की है। उन्होंने यह ऐलान भारतीय कुश्ती संघ के गुरुवार को हुए चुनाव में संजय सिंह के नए चुने जाने से दुखी होकर किया है। इस चुनाव में संजय सिंह ने कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीत चुकी हरियाणा की पहलवान अनीता श्योराण को हराया है।
डब्लूएफआई के नए अध्यक्ष का चुनाव होने और इसमें संजय सिंह के चुने जाने के बाद पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। इसमें इन तीनों पहलवानों ने कहा है कि नए अध्यक्ष संजय सिंह पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी हैं, इसलिए उनके चुने जाने से वे नाखुश हैं।
उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्हें सरकार से उम्मीदें थी जो कि पूरी नहीं हुई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहलवान साक्षी मलिक बोलते-बोलते साक्षी काफी भावुक हो गई और अपने आंसूओं को रोक नहीं पाई। रोते हुए उन्होंने अपने जूतों को टेबल पर रख दिया और कहा कि अगर बृजभूषण का करीबी और सहयोगी जो कि उसका बिजनेस पार्टीनर है वह रेसलिंग फेडरेशन में रहेगा तो मैं कुश्ती को त्यागती हूं।
उन्होंने कहा कि बहुत साल लगे हमें हिम्मत जुटाने में तब जाकर हमने रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण को खिलाफ लड़ाई शुुरू की थी लेकिन आज जो चुनाव के नतीजें आए हैं उससे हम निराश हैं। बृजभूषण का राइट हैंड जो उसे अपने बेटे से भी अधिक प्रिय है जो उसका बिजनेस पार्टनर है वह फेडरेशन का अध्यक्ष बन गया।
साक्षी ने कहा कि मैं और बजरंग पूनिया ने जब गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी तब हमने उन्हें कहा था कि रेसलिंग को बचा लें। हमने महिला अध्यक्ष बनाने की मांग की थी, हमारा मानना है कि महिला अध्यक्ष होगी तो शोषण नहीं होगा।
पहले भी महिला की फेडरेशन में भागीदारी नहीं थी और अब भी नहीं मिली है। सरकार ने जो वादा किया था वह पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई हमने लड़ी हम नहीं जीत पाएं लेकिन हमारी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।
वहीं इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि देश जानता है कि पहलवान इतने दिनों से क्यों चुप थे। पहले हम सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे थे अब बहन बेटियों की लड़ाई लड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हममे जितना दम था हमने लड़ाई लड़ी। बृजभूषण सिंह के दाहिना हाथ माने जाने वाले को अध्यक्ष बना दिया गया है। बजरंग पूनिया ने कहा कि संजय सिंह को बृजभूषण अपने बेटे से भी ज्यादा मानता है। हमारी लड़ाई आने वाली पीढ़ियों को भी लड़नी होगी। उन्होंने कहा कि पूरे देश ने बृजभूषण सिंह के सिस्टम और पावर को देख लिया है।
एक्स पर भी लिखा कुश्ती को अलविदा
साक्षी मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद सोशल मीडिया साइट एक्स पर भी लिखा है कि मैंने देश के लिए जितने भी पुरस्कार जीते हैं आप सब के आशीर्वाद से जीते हैं , मैं आप सभी देशवाशियों की हमेशा आभारी रहुंगी। कुश्ती को अलविदा।इस पूरे घटनाक्रम से पहले बृजभूषण सिंह के करीबी माने जाने वाले संजय सिंह ने रेसलिंग फेडरेश ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद का चुनाव भारी बहुमत से जीत लिया है। भाजपा सांसद बृजभूषण की अध्यक्षता वाली पिछली बॉडी में वह संयुक्त सचिव थे। इस चुनाव में कुल 47 वोट पड़े जिसमें से संजय सिंह को 40 वोट मिले हैं। जबकि उनकी विरोधी अनीता श्योराण को इस चुनाव में मात्र 7 वोट ही मिला है।
संजय सिंह की इस जीत के बाद पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के समर्थकों ने जमकर खुशियां मनाई है। उनके समर्थकों ने इस जीत के बाद पोस्टर लहराया जिसपर लिखा था कि दबदबा है, दबदबा रहेगा। यह पोस्टर नई दिल्ली स्थित बृजभूषण सिंह के आवास के बाहर भी लगा दिखा है।
इस चुनाव में जीत के बाद संजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि जिनको कुश्ती करनी है वे कुश्ती करें। जिनको राजनीति करनी है वो राजनीति करें। संजय सिंह ने कहा कि आगे बच्चों के लिए कैंप लगाए जाएंगे, उनका साल खराब नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ओलंपिक में जाने वाले पहलवानों की तैयारी कराई जाएगी।
ओलंपिक में मेडल जीत चुकी हैं साक्षी मलिक
साक्षी मलिक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की महिला पहलवान हैं जिन्होंने देश के लिए कई मेडल जीते हैं। साक्षी मलिक ने 2020 के टोक्यों ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। इसके साथ ही साक्षी कॉमनवेल्थ गेम्स में तीन मेडल और एशियन चैंपियनशिप में 4 मेडल जीत चुकी हैं।साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, संगीता फोगाट आदि कई पहलवानों ने इस वर्ष के शुरुआती दिनों में रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। यौन शोषण से जुड़े आरोप लगाने के बाद ये पहलवान बृजभूषण शरण सिंह जो भाजपा के सांसद भी हैं को पद से हटाने की मांग करने लगे थे।
अपनी मांगों को लेकर उन्होंने लंबा आंदोलन भी चलाया था। एक समय तो साक्षी मलिक समेत कई पहलवानों ने अपने मेडल गंगा नदी में प्रवाहित करने तक की बात कही थी। इनके लंबे आंदोलन के बाद खेल मंत्रालय ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को निलंबित कर दिया था। वहीं बृजभूषण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। बाद में इनसे गृहमंत्री अमित शाह ने भी मुलाकात की थी। सरकार के आश्वासन के बाद इनका आंदोलन खत्म हुआ था।