दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने समन भेज कर 21 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। उनसे ईडी दिल्ली शराब घोटाला मामले में पूछताछ करना चाहती है। इस बीच अब खबर आ रही है कि अरविंद केजरीवाल 19 दिसंबर से 30 दिसंबर तक के लिए विपश्यना करने जा रहे हैं, इसलिए वह 21 दिसंबर को ईडी के समक्ष उपस्थित नहीं हो सकते हैं।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्डा ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 19 दिसंबर से विपश्यना के लिए प्रस्थान करेंगे। वह नियमित रूप से विपश्यना के लिए जाते हैं। यह उनका पहले से निर्धारित और पहले से घोषित कार्यक्रम है। वह अपने वकीलों की सलाह पर निर्णय लेंगे कि ईडी को क्या जवाब देना है या नहीं देना है।
राघव चड्डा के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि अब फिर एक बार अरविंद केजरीवाल ईडी के समन को नजरअंदाज करेंगे और पूछताछ के लिए नहीं जाएंगे। हालांंकि अभी इसको लेकर कुछ भी दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है लेकिन राजनैतिक विश्लेषकों की माने तो अरविंद केजरीवाल इस बार भी ईडी के समक्ष पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं होना चाहते हैं। संभावना इस बात की है कि वह दूसरी बार भी पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय नहीं जाएंगे।
उनके ईडी कार्यालय जाने को लेकर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं कि पिछली बार जब 2 नवंबर को उन्हें ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था तब उन्होंने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी व्यस्ताओं का हवाला देकर आने में असमर्थता जताई थी। अगर इस बार भी वे पूछताछ के लिए नहीं पहुंचते हैं तो यह लगातार दूसरी बार होगा जब वह ईडी के समन को नजरअंदाज करेंगे।
वह यह सवाल भी उठ रहा है कि अरविंद केजरीवाल विपश्यना करने क्यों जा रहे हैं? अगर वह विपश्यना करने जाते रहते भी हैं तो फिलहास इसे टाल सकते हैं और 21 दिसंबर के बाद भी वह विपश्यना करने जा सकते हैं। ईडी के समन और पूछताछ की तिथि और विपश्यना जाने के बीच क्या कोई संबंध है इसको लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
नहीं आने को लेकर बता सकते हैं यह कारण
राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर अरविंद केजरीवाल ईडी के समक्ष 21 दिसंबर को उपस्थित नहीं होते हैं तो वह इसके पीछे विपश्यना के लिए जाने का कारण दे सकते हैं। वह ईडी और जनता को बता सकते हैं कि मैं तो विपश्यना के लिए गया था इसलिए ईडी के समक्ष पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हो सका।प्राप्त जानकारी के मुताबिक ईडी के तीन सम्मन को नजरअंदाज किया जा सकता है। इसलिए भी अरविंद केजरीवाल इसे टाल सकते हैं। वह अपने कानूनी सलाहकारों की सलाह पर ही ईडी के समन को नजरअंदाज करने या पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं होने का जोखिम ले रहे हैं। वह सोच-समझ कर कानूनी तरीके से ईडी का सामना कर रहे हैं।
कई राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को आशंका है कि, हो सकता है कि पूछताछ के लिए बुलाकर ईडी उन्हें गिरफ्तार कर ले। केजरीवाल अभी किसी गिरफ्तारी से बचना चाहते हैं। उनकी पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं उप मुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी ईडी ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।
अरविंद केजरीवाल की सबसे बड़ी चिंता इस समय यह है कि अगर ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया तो दिल्ली का मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा। वह आम आदमी पार्टी के संयोजक भी हैं। पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं। उनके बिना पूरी पार्टी को एकजुट रखना मुश्किल है। इसलिए केजरवाल को अभी अपनी पार्टी की भी चिंता है।