राकेश अस्थाना दिल्ली पुलिस के नए कमिश्नर होंगे। गृह मंत्रालय ने मंगलवार रात को उनकी निुयक्ति से जुड़ा आदेश जारी कर दिया है। राकेश अस्थाना वर्तमान में बीएसएफ़ के महानिदेशक पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। अस्थाना 1984 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अफ़सर हैं। तीन दिन बाद वह सेवानिवृत्त होने वाले थे लेकिन उससे पहले ही उन्हें यह अहम जिम्मेदारी दी गई है।
अस्थाना सीबीआई प्रमुख की दौड़ में भी थे लेकिन उनकी जगह सुबोध जायसवाल इस पद पर चुने गए थे।
आलोक वर्मा से था झगड़ा
केंद्र सरकार ने राकेश अस्थाना को 2019 में सीबीआई के विशेष निदेशक पद से हटा दिया था। यहां उनका तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा से झगड़ा चल रहा था लेकिन केंद्र सरकार ने वर्मा को भी पद से हटा दिया था।
राकेश अस्थाना के बारे में कहा जाता है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नज़दीकी हैं और इसीलिए उन्हें सीबीआई में लाया गया था। विशेष निदेशक रहते हुए वह सीबीआई में तमाम बड़े और नीतिगत निर्णय लिया करते थे। लेकिन बाद में आलोक वर्मा की उनसे अनबन शुरू हो गई थी।
दोनों ने एक-दूसरे के ख़िलाफ़ शिकायत की थी और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था। इसके बाद दोनों को ही पद से हटा दिया गया था। इस मामले से तब मोदी सरकार की ख़ासी किरकिरी हुई थी।
सीबीआई के विशेष निदेशक पद से हटाए जाने के बाद उन्हें नागरिक उड्डयन सुरक्षा और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) का महानिदेशक बनाया गया था। दिल्ली पुलिस के वर्तमान आयुक्त एसएन श्रीवास्तव का कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो चुका है, उनकी जगह बालाजी श्रीवास्तव को अतिरिक्त कार्यभार दिया गया था।
एनसीबी का महानिदेशक रहते हुए अस्थाना ने नशीली दवाओं को जब्त करने की दिशा में तेज़ी से काम किया और मुंबई फ़िल्म इंडस्ट्री में कोकीन और सिंथेटिक दवाओं के आने की जांच भी की। जबकि बीएसएफ़ के महानिदेशक रहते हुए उन्होंने सीमाओं की सुरक्षा के लिए काम किया।
अस्थाना को अगस्त, 2020 में बीएसएफ़ का महानिदेशक नियुक्त किया गया था।