चुनाव से पहले आप को झटका, कैलाश गहलोत ने पार्टी छोड़ी
जल्द ही होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। इसके एक वरिष्ठ नेता कैलाश गहलोत ने दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है और इसके साथ ही उन्होंने पार्टी भी छोड़ दी है। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अभी तक किसी भी पार्टी में शामिल होने की घोषणा नहीं की है, लेकिन सोशल मीडिया पर बीजेपी को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को संबोधित अपने त्यागपत्र में गहलोत ने अधूरे वादों और हालिया विवादों को पद छोड़ने का कारण बताया। गहलोत के पास परिवहन के अलावा प्रशासनिक सुधार, आईटी, गृह और महिला एवं बाल विकास जैसे विभाग थे।
आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में गहलोत ने कहा कि पार्टी लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने से हटकर अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ने लगी है। पत्र में उन्होंने लिखा है, 'एक और दुखद बात यह है कि लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय हम केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं। इससे दिल्ली के लोगों को बुनियादी सेवाएं देने की हमारी क्षमता भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। अब यह साफ़ है कि अगर दिल्ली सरकार अपना अधिकांश समय केंद्र से लड़ने में बिताती है तो दिल्ली के लिए वास्तविक प्रगति नहीं हो सकती।'
गहलोत ने पार्टी के सामने आने वाली चुनौतियों को गिनाया। उन्होंने कहा, 'मैं आपसे यह भी साझा करना चाहता हूं कि आज आम आदमी पार्टी गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। अंदरूनी चुनौतियों के साथ-साथ उन मूल्यों के प्रति भी चुनौतियां हैं, जिनके कारण हम आम आदमी पार्टी में आए। राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं ने लोगों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को पीछे छोड़ दिया है, जिससे कई वादे अधूरे रह गए हैं। उदाहरण के लिए यमुना नदी को ही लें, जिसे हमने स्वच्छ नदी में बदलने का वादा किया था, लेकिन कभी ऐसा नहीं कर पाए। अब यमुना नदी शायद पहले से भी अधिक प्रदूषित हो गई है।'
उन्होंने यमुना नदी को साफ करने में विफलता को उजागर किया, जबकि यह एक प्रमुख चुनावी वादा था। उन्होंने लिखा, 'हमने लोगों से स्वच्छ यमुना का वादा किया था, लेकिन हम उस प्रतिबद्धता को पूरा करने में विफल रहे हैं।'
उन्होंने कहा, "
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इसके अलावा अब 'शीशमहल' जैसे कई शर्मनाक और अजीबोगरीब विवाद हैं, जो अब सभी को संदेह में डाल रहे हैं कि क्या हम अभी भी आम आदमी होने पर विश्वास करते हैं।
कैलाश गहलोत
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच लगातार चल रही खींचतान ने शहर की प्रगति में बाधा उत्पन्न की है। गहलोत ने कहा, 'अब यह साफ़ हो गया है कि अगर दिल्ली सरकार अपना अधिकांश समय केंद्र से लड़ने में बिताती है, तो दिल्ली के लिए वास्तविक प्रगति संभव नहीं है।'
कैलाश गहलोत ने पत्र के अंत में कहा कि उनके पास पार्टी से खुद को दूर करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने लिखा, 'मेरे पास आप से दूर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है, इसलिए मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।'
फ़रवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले केजरीवाल सरकार में अहम मंत्री रहे गहलोत का इस्तीफा आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका है। गहलोत एक जाट नेता हैं जो दिल्ली के मित्रांव गांव से हैं। वह 2015 के विधानसभा चुनावों से पहले आप में शामिल हुए और नजफगढ़ सीट पर जीते। वह 2020 में फिर से जीते। माना जा रहा है कि बीजेपी अब कैलाश गहलोत के इस्तीफ़े और उनके द्वारा की गई टिप्पणी का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी के ख़िलाफ़ चुनाव अभियान में जमकर करेगी। बीजेपी ने एक ट्वीट कर कहा भी है कि हर कोई केजरीवाल की डूबती नाव से भागने वाला है।
केजरीवाल की डूबती नाव से सब भागने वाले हैं
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) November 17, 2024
दिल्ली में 👉 #आ_रही_है_भाजपा
एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कैलाश गहलोत का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। इंडिया टुडे ने आप सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि गहलोत सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच के घेरे में थे और पहले भी ईडी और आयकर विभाग की छापेमारी का सामना कर चुके थे, जिसके कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
आप सूत्रों ने कहा है कि भाजपा आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने के प्रयास में आप नेताओं को निशाना बनाने के लिए ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है।