दिल्ली के जहांगीरपुरी में सोमवार को एक बार फिर से पथराव की घटना हुई है। यहां शनिवार शाम को हनुमान जयंती के मौके पर निकाले गए जुलूस के बाद दो समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए थे। इस दौरान हालात को संभालने में जुटे कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
सोमवार को पथराव की ताजा घटना तब हुई जब इस मामले में एक अभियुक्त सोनू की पत्नी को पुलिस पूछताछ के लिए ले जा रही थी। लेकिन इसी दौरान कुछ घरों की छतों से पुलिस पर पथराव किया गया।
इंडिया टुडे के मुताबिक लगभग 50 महिलाओं ने सोनू शेख की पत्नी को पूछताछ के लिए ले जाए जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया और पुलिस पर पत्थर फेंके।
सोनू पर आरोप है कि उसने शनिवार को हुई सांप्रदायिक झड़प के दौरान सरेआम फायरिंग की थी। पथराव की ताजा घटना के बाद इलाके में माहौल एक बार फिर से तनावपूर्ण हो गया है।
दिल्ली पुलिस का बयान
हालांकि उत्तर पश्चिमी जिले की डीसीपी ने ट्वीट कर कहा है कि पथराव को लेकर मीडिया में आई खबरों में तथ्यों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि यह एक छोटी घटना थी। इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है और एक शख्स को हिरासत में लिया गया है।
दिल्ली पुलिस के कमिश्नर राकेश अस्थाना ने कहा है कि अभी तक हिंसा के मामले में 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और इसमें दोनों ही समुदाय के लोग हैं। उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने पर हर आरोपी के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी।
अस्थाना ने कहा कि इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच कर रही है और फॉरेंसिक टीमों ने इलाके का दौरा कर सैंपल इकट्ठा किए हैं। इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज और डिजिटल मीडिया से मिले वीडियो और तमाम सुबूतों की भी जांच की जा रही है।
सोशल मीडिया पर है निगाह
पुलिस आयुक्त ने कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया के जरिए माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन हम सोशल मीडिया पर भी पैनी निगाह रख रहे हैं और जो लोग गलत खबरें फैलाने के दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे किसी तरह की अफवाहों पर ध्यान ना दें।
पुलिस ने कहा है कि गिरफ्तार किए गए लोगों से 3 देसी पिस्तौल और पांच तलवारें बरामद की गई हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों में असलम नाम का शख्स भी शामिल है। असलम ने ही दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर मेदालाल मीणा पर गोली चलाई थी। असलम से देसी पिस्तौल बरामद हुई है।
गिरफ्तार किए गए दूसरे शख्स का नाम अंसार है और उस पर आरोप है कि वह चार पांच लोगों के साथ आया और उसने जुलूस में शामिल लोगों के साथ बहस शुरू कर दी। इस बहस के बाद ही दोनों ओर से पत्थरबाजी शुरू हो गई।
उठ रहे तमाम सवाल
देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं होने के कारण कुछ अहम सवाल खड़े हुए हैं। क्योंकि दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है इसलिए ये सवाल इस मंत्रालय को संभालने वाले अमित शाह और दिल्ली पुलिस से पूछे जा रहे हैं।
पत्रकार नागेंद्र शर्मा ने ऐसे ही कुछ सवाल पूछे हैं। इनमें पहला सवाल यह है कि दिल्ली पुलिस ने हनुमान जयंती के मौके पर शोभा यात्रा निकाले जाने की अनुमति क्यों दी। दूसरा सवाल यह है कि क्या दिल्ली पुलिस ने यात्रा के रास्ते को मंजूरी दी थी। बाकी सवाल यह हैं कि इससे पहले कितनी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई थी और यात्रा के दौरान हथियारों को ले जाने की अनुमति क्यों दी गई। पथराव की घटना कैसे और कहां से शुरू हुई।
निश्चित रूप से केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस को इन सवालों के जवाब जल्द से जल्द आम लोगों को देने चाहिए।