आबकारी नीति: ईडी ने की 35 जगहों पर छापेमारी

04:48 pm Sep 06, 2022 | सत्य ब्यूरो

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के द्वारा लाई गई और फिर वापस ली गई आबकारी नीति के मामले में जांच एजेंसी ईडी ने मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर व कई शहरों में 35 जगहों पर छापेमारी की। बता दें कि आबकारी नीति को लेकर दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच अच्छा-खासा घमासान छिड़ा हुआ है। 

इस बीच उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक बार फिर कहा है कि सीबीआई को तलाशी में कुछ नहीं मिला और ईडी को भी कुछ नहीं मिलेगा। 

आबकारी नीति में हुई कथित गड़बड़ियों के मामले में अभियुक्त बनाए गए समीर महेंद्रु के दिल्ली स्थित आवास पर भी ईडी ने छापेमारी की। इसके अलावा गुड़गांव, लखनऊ, हैदराबाद, मुंबई और बेंगलुरु में भी कई जगहों पर ईडी ने छापेमारी की है। 

अभी तक ईडी की टीम मनीष सिसोदिया के घर पर नहीं पहुंची है। याद दिलाना होगा कि सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की थी और गाजियाबाद के पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच में स्थित उनके बैंक लॉकर को भी खंगाला था। 

बीजेपी ने जारी किया स्टिंग

इस बीच बीजेपी के द्वारा जारी किए गए एक स्टिंग को लेकर दिल्ली की सियासत गर्म है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि स्टिंग में दिख रहे शख्स का नाम कुलविंदर मारवाह है। पार्टी ने कहा है कि कुलविंदर मारवाह सीबीआई के द्वारा आबकारी नीति के मामले में दर्ज की गई एफआईआर में आरोपी बनाए गए सनी मारवाह के पिता हैं।  

‘अफसर को करनी पड़ी आत्महत्या’

दूसरी ओर, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि सीबीआई के एक लीगल अफसर जितेंद्र कुमार ने बीते दिनों आत्महत्या कर ली थी और वह उनके खिलाफ सीबीआई के द्वारा दर्ज किए गए मामले के कानूनी पहलुओं को देख रहे थे। 

उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि आत्महत्या करने वाले सीबीआई अफसर पर यह दबाव डाला जा रहा था कि वह उनके खिलाफ गलत तरह से केस बनाकर उन्हें गिरफ्तार कराने के लिए कानूनी मंजूरी दें। 

सिसोदिया ने कहा कि आत्महत्या करने वाले अफसर इसकी मंजूरी नहीं दे रहे थे और इस वजह से बहुत दबाव में थे और उन्होंने आत्महत्या कर ली। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत दुखद घटना है कि एक सीबीआई अफसर को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा है। 

सिसोदिया ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से 3 सवाल पूछे हैं। पहला सवाल यह कि अफसरों पर इतना दबाव क्यों बनाया जा रहा है कि वे खुदकुशी कर रहे हैं। दूसरा सवाल केंद्र सरकार का काम क्या सिर्फ ऑपरेशन लोटस चलाना रह गया है। तीसरा सवाल यह कि अपने राजनीतिक विरोधियों को कुचलने के लिए सरकार के अधिकारियों को कितना और टॉर्चर किया जाएगा।