दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति में हुई कथित गड़बड़ियों की जांच के मामले में सीबीआई ने मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बैंक लॉकर की जांच की। मनीष सिसोदिया का पंजाब नेशनल बैंक की गाजियाबाद ब्रांच में लॉकर है। कुछ दिन पहले सीबीआई ने आबकारी नीति के मामले में ही मनीष सिसोदिया के घर पर 14 घंटे तक छापेमारी की थी और उनके फोन और कंप्यूटर को जब्त कर लिया था।
इसके बाद सिसोदिया ने कहा था कि जांच एजेंसियां उन्हें गिरफ्तार कर सकती हैं।
बैंक लॉकर की जांच के बाद सिसोदिया ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनके लॉकर की जांच भी हो गई है, उसमें से भी कुछ नहीं निकला। उन्होंने कहा कि सारी जांच में उन्हें क्लीन चिट मिली है और एक पैसे की भी गड़बड़ी नहीं की गई है। सिसोदिया ने कहा कि उन्हें अपनी सच्चाई पर और ईश्वर पर भरोसा है।
सिसोदिया ने विधानसभा में कहा कि उनके लॉकर से कुल मिलाकर 70 से 80 हजार की कीमत का सामान मिला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सीबीआई उनके घर पर भेजी, बैंक लॉकर तलाशा गया लेकिन सीबीआई को कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि सीबीआई के अफसर दबी-छिपी जुबान में कहते हैं कि प्रधानमंत्री की ओर से बहुत दबाव है इसलिए दो-तीन महीने के लिए गिरफ्तार करना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सीबीआई से पूछ लेना चाहिए कि मनीष सिसोदिया ने उनके पूछे गए सवालों का क्या जवाब दिया।
सिसोदिया ने कहा कि बीजेपी के लोग कभी 1.5 लाख करोड़ के घोटाले का झूठ बोलते हैं तो कभी 30 करोड़ के घोटाले का। इन्होंने सीबीआई से लिखवाया कि एक कंपनी ने दूसरी कंपनी को बैंक में एक करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। उपमुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि यह पैसा मनीष सिसोदिया का कैसे हो गया?
दूसरी ओर, दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने सिसोदिया के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। दोनों की मांग है कि मनीष सिसोदिया को दिल्ली कैबिनेट से हटाया जाना चाहिए।
सिसोदिया ने सोमवार को ट्वीट कर कहा था, “सीबीआई मेरा बैंक लॉकर देखने आ रही है। 19 अगस्त को मेरे घर पर 14 घंटे की रेड में कुछ नहीं मिला था। लॉकर में भी कुछ नहीं मिलेगा। सीबीआई का स्वागत है, जांच में मेरा और मेरे परिवार का पूरा सहयोग रहेगा।”
आम आदमी पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार केजरीवाल सरकार के शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए अच्छे कामों से घबरा गई है और इसलिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर उसके नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। केजरीवाल सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन भी सलाखों के पीछे हैं।
आबकारी नीति के मामले में केजरीवाल सरकार पर मनीष सिसोदिया को मंत्रिमंडल से हटाने का दबाव बढ़ रहा है। क्या सिसोदिया को मंत्रिमंडल से हटाया जाएगा? इसके अलावा सिसोदिया की गिरफ्तारी होती है तो यह आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा।
दर्ज हुई थी एफआईआर
सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कर ली है और इसमें मनीष सिसोदिया का नाम अभियुक्तों की सूची में पहले नंबर पर है। सूची में मनीष सिसोदिया के अलावा आबकारी विभाग के कई अफसरों के साथ ही विजय नैय्यर और दिनेश अरोड़ा के नाम भी शामिल हैं। बीजेपी ने आरोप लगाया कि विजय नायर और दिनेश अरोड़ा अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के लिए नकदी इकट्ठा करने का काम करते थे।अरोड़ा, नायर देश छोड़कर क्यों भागे: बीजेपी
दिल्ली में बीजेपी के सांसद परवेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा है कि जब से नई आबकारी नीति के खिलाफ सीबीआई की जांच शुरू हुई है तब से दिनेश अरोड़ा देश छोड़कर फरार है और उसने इंस्टाग्राम पर मनीष सिसोदिया के साथ जो फोटो लगाई थी वह भी डिलीट कर दी है। उन्होंने कहा कि नायर भी देश छोड़कर भाग चुका है। उन्होंने कहा कि इसमें और भी बहुत सारे लोग शामिल हैं।
सीबीआई को 'ऊपर' से है आदेश: केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि सीबीआई को ऊपर से आदेश है कि दिल्ली सरकार के मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। केजरीवाल ने कहा था कि इससे पहले भी उनके, सिसोदिया और दिल्ली सरकार के कई अन्य मंत्रियों के खिलाफ कई तरह की जांच हो चुकी है लेकिन कुछ नहीं निकला।
जबकि दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा है कि केजरीवाल सरकार की नई आबकारी नीति शराब माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए थी।
आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने शराब माफियाओं के 144 करोड़ रुपए माफ करने का पाप किया है। गुप्ता ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के शराब माफियाओं पर इतने मेहरबान थे कि उन्होंने उनका कमीशन 2.50 फीसद से बढ़ाकर 12.50 फीसद कर दिया था।