दिल्ली शराब घोटाला केस में गिरफ्तार किये गये आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह अब 13 अक्टूबर तक ई़डी की रिमांड पर रहेंगे।
इससे पहले उन्हें पांच दिनों के लिए ईडी की रिमांड में भेजा गया था जिसकी अंतिम तिथि 10 अक्टूबर थी। इसलिए उन्हें मंगलवार को अदालत में पेश किया गया था।
पेशी के दौरान ईडी और संजय सिंह के वकीलों दलीलें दीं। ईडी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि संजय सिंह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। ईडी ने यह भी दावा किया कि उसके पास रिश्वत मांगे जाने के सबूत हैं।
ईडी ने अदालत को बताया कि फोन के डेटा को लेकर भी संजय सिंह ने ठीक से जवाब नहीं दिया है। ईडी ने उनकी रिमांड अवधि बढ़ाये जाने की मांग की ताकि जांच को और बेहतर तरीके से किया जा सके।
दूसरी तरफ कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संजय सिंह ने अदालत को बताया कि ईडी उन्हें रात के 10.30 बजे बाहर लेकर जा रही थी। संजय सिंह ने इस दौरान अपनी एनकाउंटर होने की भी आशंका जताई है। कहा है कि अगर मेरा एनकाउंटर हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा।
अदालत ने मीडिया से बात नहीं करने का दिया निर्देश
मंगलवार को ईडी की ओर से पेश किए गए आप के गिरफ्तार सांसद संजय सिंह को अदालत ने मीडिया से बात नहीं करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा है कि इसके कारण सुरक्षा में समस्या पैदा होती है।विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने यह टिप्पणी संजय सिंह के अदालत कक्ष में प्रवेश करने से पूर्व मीडिया से की गई बात के बाद की है।
उन्होंने मीडिया कर्मियों को भी निर्देश दिया है कि संजय सिंह को अदालत में पेश किए जाने के दौरान उनसे सवाल नहीं पूछा जाए। उन्होंने कहा कि यह सुरक्षा समस्या पैदा करता है।
कोर्ट में अपनी पेशी के लिए आए संजय सिंह ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में दावा किया है कि हमारे साथ ईमानदार लोग हैं जबकि बेईमान लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ है।
संजय सिंह ने जताई थी यातना दिए जाने की आशंका
इससे पहले बीते शनिवार को संजय सिंह ने ईडी द्वारा उन्हें पुलिस लॉकअप में स्थानांतरित करने की कोशिश' के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था। अपने वकील के माध्यम से दायर गए इस आवेदन में संजय सिंह ने आशंका जताई थी कि सीसीटीवी कैमरे की नजर से दूर ले जाकर उन्हें यातना दी जा सकती है।इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक ईडी ने कथित तौर पर आप सांसद संजय सिंह को उस सेल में कीटनाशक के छिड़काव का हवाला देते हुए अपने मुख्यालय के परिसर से तुगलक रोड पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित करने की कोशिश की थी, जहां उन्हें रखा गया था।
संजय सिंह ने राउज एवेन्यू कोर्ट में दायर अपने आवेदन में आरोप लगाया था कि ईडी उन्हें स्थानीय पुलिस स्टेशन लॉकअप में स्थानांतरित करने के लिए "काल्पनिक" आधार बना रहा है, जहां उन्हें सीसीटीवी कैमरे की नजर से दूर यातना दी जा सकती है।
कोर्ट में दिए गए इस आवेदन के अनुसार,संजय सिंह ने दावा किया था कि जब उन्होंने शिफ्ट होने से इंकार कर दिया तब उन्हें लॉक अप के बाहर सोने के लिए मजबूर किया गया और उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया।
उस आवेदन में कोर्ट से गुहार लगाई गई थी कि ईडी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संजय सिंह से पूछताछ सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दिशा निर्देशों के अनुसाकर केवल सीसीटीवी कवरेज वाले स्थान पर ही की जाए। साथ ही पूछताछ के उस सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित भी किया जाये।
इस आवेदन के अनुसार,संजय सिंह को यह आशंका थी कि उन्हें तुगलक रोड पुलिस स्टेशन में शिफ्ट कर यातना दी जा सकती थी। इसके लिए काल्पनिक आधार बना कर शिफ्ट किया जा रहा था।
याचिका में अनुरोध किया गया था कि सिंह को ईडी की हिरासत में रहने तक उसके मुख्यालय से किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित नहीं करने के निर्देश जारी किये जाएं।
4 अक्टूबर को गिरफ्तार हुए थे संजय सिंह
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को ईडी ने 4 अक्टूबर की शाम को गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले उनके दिल्ली स्थित घर पर इस दिन सुबह 7 बजे ईडी की टीम ने छापा मारा था। दिन भर उनसे पूछताछ हुई थी। दिल्ली में हुए कथित शराब घोटाले से जु़ड़े केस में उन्हें गिरफ्तार किया गया है।इस केस की चार्जशीट में संजय सिंह का भी नाम है। इसी केस में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जेल में बंद हैं। ईडी का आरोप है कि आप की जब दूसरी बार सरकार बनी, तब उस दौरान शराब नीति को लेकर ऐसे नियम बनाए गए ताकि कुछ लोगों को विशेष तौर पर लाभ हो।
जिस समय ये शराब नीति बनाई गई, उस समय मनीष सिसोदिया मंत्री थे। ईडी का दावा है कि इस घोटाले से जुड़े तार संजय सिंह से भी जुड़े हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 5 अक्टूबर को संजय सिंह को ईडी की पांच दिनों की हिरासत में भेज दिया था।
ईडी ने यह आरोप लगाते हुए 10 दिन की हिरासत मांगी थी कि सिंह के आधिकारिक नॉर्थ एवेन्यू आवास पर 2 करोड़ रुपये की अवैध नकदी का आदान-प्रदान हुआ। सिंह को मामले में "प्रमुख साजिशकर्ता" बताते हुए, ईडी ने अपने रिमांड आवेदन में कहा कि वह "कई आरोपियों और संदिग्धों" से निकटता से जुड़े हुए हैं।