दिल्ली: निजी अस्पतालों में 30% बेड कोरोना मरीज़ों के लिए आरक्षित
दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने अब निजी अस्पतालों में कोरोना मरीज़ों के लिए 30 फ़ीसदी बेड रिज़र्व करने के लिए कहा है। सरकार का यह आदेश 100 से अधिक बेड वाले अस्पतालों पर लागू होगा। इन अस्पतालों में सामान्य बेड के अलावा आईसीयू बेड भी कोरोना मरीज़ों के लिए आरक्षित करने होंगे।
यह फ़ैसला तब लिया गया है जब दिल्ली में पिछले कुछ हफ्तों से संक्रमण के मामले बढ़े हुए हैं और 3 हज़ार से ज़्यादा केस आने लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सोमवार को देश की राजधानी में 3548 संक्रमण के मामले आए हैं और 15 लोगों की मौत हुई है। इससे एक दिन पहले रविवार को शहर में 4000 संक्रमण के मामले आए थे। यह पिछले चार महीनों में सबसे ज़्यादा आँकड़ा है।
इसके साथ ही अब दिल्ली में सक्रिय मामलों की संख्या काफ़ी ज़्यादा बढ़ गई है और शहर में मौजूदा समय में 14 हज़ार 589 केस हैं। हर रोज़ संक्रमण के मामले बढ़ने से यह संख्या और बढ़ने की आशंका है। यह इसलिए भी है कि महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में पिछली बार से ज़्यादा तेज़ी से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में सरकार को आशंका है कि अस्पतालों में कहीं बेड और दूसरी सुविधाएँ कम न पड़ जाएँ।
इसी को देखते हुए निजी अस्पतालों में बेड आरक्षित कर कोरोना संक्रमण से आने वाली किसी अनपेक्षित स्थिति से निपटने की तैयारी की जा रही है। सरकार के इस आदेश से 100 से ज़्यादा बेड वाले 54 निजी अस्पतालों में कोरोना मरीज़ों की व्यवस्था हो जाएगी। अब तक जहाँ कोरोना मरीज़ों के लिए 1844 सामान्य बेड थे वे अब बढ़कर 4442 बेड हो जाएँगे और जहाँ 638 आईसीयू बेड थे वे अब बढ़कर 1357 हो जाएँगे।
दिल्ली सरकार ने निजी अस्पतालों को यह भी निर्देश दिया है कि वे लगातार बेड की स्थिति को सरकारी पोर्टल पर अपडेट करते रहें।
बता दें कि दिल्ली देश के उन पाँच राज्यों में है जहाँ एक दिन में सबसे ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले आ रहे हैं। महाराष्ट्र में सबसे ज़्यादा मामले आ रहे हैं और वहाँ रविवार को 57 हज़ार से ज़्यादा पॉजिटिव केस आए। हालाँकि सोमवार को क़रीब 47 हज़ार संक्रमण के मामले आए। वैसे, आम तौर पर सोमवार को संक्रमण के मामले कम रिपोर्ट होते रहे हैं।
देश में रविवार को एक लाख से ज़्यादा संक्रमण के मामले आए थे और 1 लाख 3 हज़ार 558 मामले दर्ज किए गए थे। इससे पहले देश में एक दिन में कोरोना संक्रमण के इतने ज़्यादा मामले कभी नहीं आए थे। जब कोरोना की पहली लहर थी तब भी पिछले साल 16 सितंबर को 97 हज़ार 894 संक्रमण के मामले ही आए थे।