अमित मालवीय के मुक़दमे पर द वायर के संपादकों के घर छापे
दिल्ली पुलिस ने सोमवार को न्यूज पोर्टल द वायर के संस्थापक और संपादक सिद्धार्थ वरदराजन व एम के वेणु के घरों की तलाशी ली। यह तलाशी बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय की एफ़आईआर के बाद ली गई है। मालवीय ने द वायर की एक रिपोर्ट को लेकर कुछ दिन पहले ही एफ़आईआर दर्ज कराई है। टेक कंपनी मेटा से जुड़ी उस रिपोर्ट को द वायर ने अपनी वेबसाइट से हटा लिया है। उस रिपोर्ट पर कई सवाल खड़े हुए थे।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पुलिस ने वरदराजन और वेणु के घरों से फोन, लैपटॉप जैसे उपकरण जब्त किए हैं। पुलिस ने कहा है कि वे उनके उपकरणों की जाँच करेंगे और सबूत जुटाएँगे। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने यह भी कहा कि किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है।
अमित मालवीय ने तीन दिन पहले शुक्रवार को द वायर, वरदराजन और संपादकों- सिद्धार्थ भाटिया, वेणु और जाह्नवी सेन के ख़िलाफ़ विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) को शिकायत सौंपी थी। इसके बाद शनिवार को उन पत्रकारों पर धोखाधड़ी, जालसाजी और 'फर्जी रिपोर्ट' प्रकाशित करने का आरोप लगाया गया। इसके अलावा मानहानि, आपराधिक साजिश जैसे आरोप भी लगाए गए हैं।
मालवीय ने कहा कि मेटा द्वारा साफ़ तौर पर इनकार करने के बावजूद कि रिपोर्ट में फर्जी दस्तावेजों का हवाला दिया गया था, द वायर ने फॉलो-अप रिपोर्टें प्रकाशित कीं।
मालवीय ने कहा कि यह साफ़ है कि द वायर और कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने मेरी प्रतिष्ठा को खराब करने के इरादे से एक आपराधिक साजिश रची, जानबूझकर मेरा नाम रिपोर्ट में डाला और मुझे फँसाने के लिए गढ़े हुए सबूत बनाए गए...।
हालाँकि, इस बीच न्यूज पोर्टल द वायर ने खुद पहल करते हुए तमाम मेटा रिपोर्टों को सही न पाए जाने पर खेद जताते हुए वापस ले लिया था यानी उन रिपोर्टों को अपनी वेबसाइट से हटा लिया था।
बता दें कि द वायर ने बीजेपी के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित की थी। उस रिपोर्ट के अनुसार इंस्टाग्राम एकाउंट की कुछ पोस्ट को बिना किसी वेरिफिकेशन के केवल इस वजह से हटाने का दावा किया गया कि इसे अमित मालवीय ने रिपोर्ट किया था। 'द वायर' की रिपोर्ट में कहा गया था कि मेटा के विवादित क्रॉसचेक प्रोग्राम के तहत मालवीय को विशेषाधिकार प्राप्त था। मालवीय को यह अधिकार था कि अगर कोई बात या सामग्री बीजेपी या सरकार विरोधी है तो शिकायत कर उसे वो हटवा सकते थे। साथ ही उन्हें यह भी अधिकार प्राप्त था कि अमित मालवीय इंस्टाग्राम पर नियम विरुद्ध कुछ भी प्रकाशित करें। हालाँकि मेटा ने द वायर के इन आरोपों का खंडन किया था। इन घटनाक्रमों के बाद ही द वायर ने उन सभी रिपोर्टों को हटा लिया था।