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दिल्ली शराब नीति केस में गवाह बने शख्स की फर्म ने बीजेपी को दिया 30 करोड़ चंदा

दिल्ली शराब नीति केस में गवाह बने शख्स की फर्म ने बीजेपी को दिया 30 करोड़ चंदा

जिस दिल्ली शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार किए गए हैं उसी मामले में गिरफ्तार एक व्यवसायी आख़िर सरकारी गवाह क्यों बने और बीजेपी को चंदा क्यों दिया?

दिल्ली शराब नीति मामले में केजरीवाल को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया, लेकिन इसी मामले में महीनों पहले हैदराबाद की एक कंपनी के मालिक ने गिरफ्तारी के बाद चुनावी चंदा देना शुरू कर दिया था। फिर वह सरकारी गवाह बन गए। और इसके बाद तो उन्होंने और भी चंदे दिए। उनकी और ऐसे ही आरोपियों की गवाही के आधार पर आम आदमी पार्टी के नेताओं पर भी कार्रवाई हुई।

गुरुवार को केजरीवाल को पीएमएलए मामले में गिरफ़्तार किया गया और गुरुवार को ही इलेक्टोरल बॉन्ड जारी होने के बाद दिल्ली शराब नीति मामले के आरोपी को बीजेपी को चंदा देने की बात जाहिर हुई। चुनाव आयोग द्वारा जारी चुनावी बॉन्ड डेटा से पता चला कि उसी मामले में आरोपी पी शरत चंद्र रेड्डी से जुड़ी एक कंपनी ने 2022 में भारतीय जनता पार्टी को 5 करोड़ रुपये का चंदा दिया था। रेड्डी को चंदा देने से ठीक पांच दिन पहले ही हिरासत में लिया गया था। दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में रेड्डी के सरकारी गवाह बनने के बाद भाजपा को 25 करोड़ रुपये का चंदा दिया गया।

यह कंपनी हैदराबाद में है। व्यवसायी शरत रेड्डी अरबिंदो फार्मा लिमिटेड के निदेशकों में से एक हैं। इसकी स्थापना उनके पिता पीवी राम प्रसाद रेड्डी ने की थी। उन्हें 10 नवंबर, 2022 को शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। न्यूज़लाउंड्री, स्क्रॉल और न्यूज़ मिनट ने एक साझा रिपोर्ट में कहा है कि उनकी कंपनी अरबिंदो फार्मा ने 15 नवंबर को 5 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे थे। इन सभी को 21 नवंबर, 2022 को भाजपा ने भुना लिया।

शरत रेड्डी जून 2023 में दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में सरकारी गवाह बन गए। नवंबर 2023 में अरबिंदो फार्मा ने भाजपा को 25 करोड़ रुपये और दिए।

कुल मिलाकर, कंपनी ने 52 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे, जिनमें से 34.5 करोड़ रुपये भाजपा को मिले। शरत रेड्डी को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने से पहले अरबिंदो फार्मा ने भारत राष्ट्र समिति को 15 करोड़ रुपये और तेलुगु देशम पार्टी को 2.5 करोड़ रुपये का चंदा भी दिया था।

ईडी ने शरत पर दिल्ली में शराब लाइसेंसिंग प्रक्रिया में रिश्वत लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया। यह नीति 2021-22 में आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा कुछ महीनों के लिए लागू की गई थी।

शरत और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता तेलुगु राज्यों के उन कई व्यक्तियों में से हैं जिन्हें ईडी ने अक्सर 'साउथ ग्रुप' कहा है।

ईडी ने आरोप लगाया है कि साउथ ग्रुप के लोगों ने विजय नायर के माध्यम से आम आदमी पार्टी को लगभग 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी। एजेंसी ने आरोप लगाया कि यह रकम दिल्ली में शराब कारोबार पर नियंत्रण हासिल करने के लिए दी गई थी और इस पैसे का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान किया था।

बता दें कि 1 जून, 2023 को दिल्ली की एक अदालत ने शरत को मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी। 'साउथ ग्रुप' के दो अन्य सदस्य- मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी और उनके बेटे राघव भी मामले में सरकारी गवाह बन गए। दिल्ली स्थित व्यवसायी दिनेश अरोड़ा भी गवाह बन गए।

ईडी ने 9 मार्च, 2023 को हैदराबाद स्थित व्यवसायी अरुण रामचंद्रन पिल्लई को गिरफ्तार करने के बाद मामले में तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता की कथित संलिप्तता की जांच शुरू की। निदेशालय ने कहा कि पिल्लई ने शराब नीति मामले में कविता के हितों का प्रतिनिधित्व करने की बात कबूल की है।

के कविता को ईडी ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में 15 मार्च को गिरफ्तार किया था। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इसी मामले में फरवरी 2023 से जेल में हैं। इसी मामले में आप नेता संजय सिंह भी जेल में हैं। और अब अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जा रही है। 

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