दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कम से कम दो-तीन दिन जेल में ही रहना पड़ेगा। इसके बाद हाईकोर्ट के फ़ैसले से तय होगा कि उनकी जेल से रिहाई होगी या नहीं। केजरीवाल को निचली अदालत द्वारा दी गई जमानत के ख़िलाफ़ दिल्ली हाईकोर्ट ने फ़ैसला सुरक्षित रख लिया है। दोनों पक्षों से दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा, 'मैं इस आदेश को दो तीन दिनों के लिए सुरक्षित रख रहा हूँ।' अब घोषणा होने तक निचली अदालत का आदेश स्थगित रहेगा।
इससे पहले ईडी ने केजरीवाल की जमानत के निचली अदालत के आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से गलत आदेश है। ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने निचली अदालत के आदेश को गलत बताया और कहा कि जांच एजेंसी को निचली अदालत के समक्ष बहस के लिए सही मौक़ा नहीं दिया गया। इससे पहले हाईकोर्ट से केजरीवाल को झटका लगा। ईडी की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने तब तक उनकी रिहाई पर रोक लगा दी जब तक कि वह इस मामले को सुनकर फ़ैसला न सुना दे।
ईडी ने शुक्रवार सुबह ही केजरीवाल की जमानत को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और तुरंत सुनवाई की अपील की थी। अदालत ने याचिका स्वीकार भी कर ली, सुनवाई भी कर ली और रिहाई पर रोक भी लगा दी।
कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार रात को ही उनको जमानत दी है। केजरीवाल के वकील शुक्रवार को कोर्ट में 1 लाख रुपये का जमानत बांड जमा करने वाले थे जिसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया जाता। केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। मई में उन्हें आम चुनावों के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने 1 जून तक अंतरिम जमानत दी थी। केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी अंतरिम जमानत याचिका मंजूर किए जाने के बाद 10 मई को रिहा किया गया था। उन्होंने 2 जून को आत्मसमर्पण कर दिया था।
ईडी का प्रतिनिधित्व करने वाले एएसजी एसवी राजू ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सुबह बताया था कि ट्रायल कोर्ट का आदेश अपलोड नहीं किया गया है और शर्तों का भी पता नहीं हैं। एएसजी राजू ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि जांच एजेंसी को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध करने का पूरा मौका नहीं दिया गया है। एएसजी एसवी राजू ने उच्च न्यायालय से आग्रह किया था कि आदेश पर रोक लगाई जाए और मामले की जल्द से जल्द सुनवाई की जाए।
सुबह याचिका सामने आने के क़रीब 15 मिनट बाद ही हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई शुरू कर दी। ईडी की ओर से रखी गई दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि मामले की सुनवाई तक निचली अदालत द्वारा दी गई जमानत पर रोक रहेगी।
इससे पहले निचली अदालत ने केजरीवाल को जमानत देते हुए पहले कुछ शर्तें लगाईं। इन शर्तों में यह भी शामिल है कि वह जांच में बाधा डालने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे। न्यायाधीश ने आप प्रमुख को यह भी निर्देश दिया कि जब भी जरूरत हो, वह अदालत में पेश हों और जांच में सहयोग करें।
राउज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की उस प्रार्थना को खारिज कर दिया था जिसमें उसने जमानत आदेश को 48 घंटे के लिए स्थगित रखने की मांग की थी ताकि वह अपील में उच्च न्यायालय जाने जैसे कानूनी उपायों का लाभ उठा सके। इसके बाद ईडी ने कहा था कि यदि केजरीवाल जेल से बाहर आते हैं तो वह उन्हें दी गई राहत के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेगा।
जमानत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी ने कहा था कि यह सत्य की जीत हुई है। आप ने ट्वीट किया है, 'सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। बीजेपी की ईडी की तमाम आपत्तियों को ख़ारिज करते हुए माननीय न्यायालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी को जमानत दे दी है।'
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'पीएमएलए के मामलों में किसी भी तरह की राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट तक इंतज़ार करना पूरी न्याय व्यवस्था का दम घोट रहा था। निचली अदालतें भी समय पर न्याय दें, यह बहुत ज़रूरी था। हर मामला सुप्रीम कोर्ट जाये, ये सुप्रीम कोर्ट का बोझ बेवजह बढ़ा रहा था।'
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के बाद आप विधायक दिलीप पांडे ने एएनआई से कहा, 'यह सत्य की जीत है। हम पहले दिन से कह रहे हैं कि पूरा मामला फर्जी है। हम अदालत के इस फैसले का सम्मान करते हैं।'
आप सांसद संजय सिंह ने कहा, 'अरविंद केजरीवाल का ऐसे समय में जेल से बाहर आना लोकतंत्र को मजबूत करने वाला है। यह दिल्ली के लोगों के लिए अच्छी खबर है। ईडी के अब तक के बयान झूठ पर आधारित थे। यह केजरीवाल को फंसाने के लिए बनाया गया एक बेबुनियाद फर्जी मामला है।'