हाई कोर्ट- सत्येंद्र जैन प्रभावशाली हैं, सबूत से छेड़छाड़ संभव; जमानत याचिका रद्द
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को आज फिर से झटका लगा है। उन्हें जमानत नहीं मिली। दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। इसके लिए उन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने मई 2022 में गिरफ्तार किया था। उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि सत्येंद्र जैन मामले में सबूत के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं क्योंकि वह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं।
ट्रायल कोर्ट द्वारा जैन की जमानत की याचिका पहले ही खारिज की जा चुकी है और इसीलिए उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था। अब हाई कोर्ट ने यह भी कहा है कि सत्येंद्र जैन को जमानत देने से इनकार करने के निचली अदालत के आदेश में कुछ भी ग़लत नहीं है या उस फ़ैसले में कुछ भी कमी नहीं है।
सत्येंद्र जैन के ख़िलाफ़ सबसे पहले सीबीआई ने 24 अगस्त, 2017 में मामला दर्ज किया था। यह 1.68 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति का मामला था। इसके बाद इस मामले में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। बाद में ईडी ने पिछले साल मई में आप नेता को गिरफ़्तार किया था।
सत्येंद्र जैन ने पहले कहा था कि उन्होंने जांच में प्रवर्तन निदेशालय के साथ सहयोग किया था। दिल्ली के पूर्व मंत्री ने यह भी कहा कि ट्रायल कोर्ट के जज और ईडी ने पूरी तरह से आवास की दर्ज प्रविष्टियों के आधार पर अपराध की पहचान करके पीएमएलए यानी धन शोधन निवारण अधिनियम को ग़लत तरीक़े से पढ़ा और ग़लत तरीक़े से लागू किया है। उन्होंने उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में कहा था कि आवास में दर्ज प्रविष्टियाँ पीएमएलए के तहत दंडनीय अपराध का कारण नहीं बन सकती हैं।
ईडी ने आरोप लगाया है कि कथित अपराध के समय मंत्री रहते सत्येंद्र जैन के 'लाभदायक स्वामित्व और नियंत्रण' वाली कंपनियों ने शेल कंपनियों से हवाला ज़रिए कोलकाता स्थित एंट्री ऑपरेटरों को 4.81 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की थी।
सत्येंद्र जैन ने इस साल 1 मार्च को दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जैन दिल्ली के स्वास्थ्य और जेल मंत्री थे। हालाँकि, नवनियुक्त आप मंत्री आतिशी मारलेना ने कहा है कि जेल से रिहा होने के बाद वह अपना पद संभाल लेंगे।
सत्येंद्र जैन वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद हैं। वह हाल में इसलिए सुर्खियों में रहे कि तिहाड़ जेल में आप नेता के मालिश करवाते हुए और सेल के अंदर शानदार भोजन करते हुए वीडियो सामने आये थे। इन वीडियो के सामने आने के बाद ईडी ने आरोप लगाया था कि जैन को जेल में विशेष सुविधाएँ दी जा रही हैं।
ईडी के कहने के बाद नवंबर 2022 में एक समिति का गठन किया गया था कि सत्येंद्र जैन को जेल में विशेष सुविधाएँ दी जा रही हैं या नहीं। जाँच समिति ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया था कि सत्येंद्र जैन ने तिहाड़ जेल के अंदर विशेष सुविधाओं का आनंद लेने के लिए अपने आधिकारिक पद और अधिकार का दुरुपयोग किया था।