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आबकारी मामला: CBI ने दाखिल की चार्जशीट, सिसोदिया का नाम नहीं

आबकारी मामला: CBI ने दाखिल की चार्जशीट, सिसोदिया का नाम नहीं

चार्जशीट में कुल 7 लोगों के नाम हैं। इसमें आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन विभाग के प्रभारी विजय नायर और हैदराबाद के कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली का भी नाम है। इसके अलावा चार्जशीट में शराब कारोबारी समीर महेंद्रू, बोइनपल्ली के सहयोगी अरुण पिल्लई, मुथु गौतम और दो सरकारी कर्मचारियों का भी नाम शामिल है। 

सीबीआई ने केजरीवाल सरकार के द्वारा लाई गई और फिर वापस ली गई आबकारी नीति के मामले में अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। चौंकाने वाली बात है कि चार्जशीट में दिल्ली सरकार के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम नहीं है। लेकिन जांच एजेंसी ने कहा है कि सिसोदिया के खिलाफ जांच चल रही है। 

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई के विशेष जज एमके नागपाल के सामने चार्जशीट दाखिल की गई है। 

बताना होगा कि नई आबकारी नीति को लेकर दिल्ली में पिछले कई महीनों से जबरदस्त बवाल चल रहा है। इस मामले में मनीष सिसोदिया के सहयोगी और कारोबारी दिनेश अरोड़ा सरकारी गवाह बने थे। 

चार्जशीट में कुल 7 लोगों के नाम हैं। इसमें आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन विभाग के प्रभारी विजय नायर और हैदराबाद के कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली का भी नाम है। इसके अलावा चार्जशीट में शराब कारोबारी समीर महेंद्रू, बोइनपल्ली के सहयोगी अरुण पिल्लई, मुथु गौतम और दो सरकारी कर्मचारियों का भी नाम शामिल है। ये कर्मचारी पहले आबकारी विभाग में काम करते थे।

विजय नायर को आबकारी नीति के मामले में सितंबर में सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई ने कहा था कि इंडोस्पिरिट्स के निदेशक समीर महेंद्रू ने दिनेश अरोड़ा की राधा इंडस्ट्रीज को 1 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे। समीर महेंद्रू को भी आबकारी नीति के मामले में सितंबर में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था।

एफआईआर में था सिसोदिया का नाम

सीबीआई ने कुछ महीने पहले इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी और इसमें मनीष सिसोदिया का नाम अभियुक्तों की सूची में पहले नंबर पर था। एफआईआर में अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन अरोड़ा को मनीष सिसोदिया का करीबी सहयोगी बताया था। सीबीआई ने एफआईआर में आरोप लगाया था कि ये तीनों शराब लाइसेंस धारियों से इकट्ठा किए गए धन को मैनेज करने और इसे डाइवर्ट करने के काम में शामिल थे।

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कुछ दिन पहले जांच एजेंसी ईडी ने दावा किया था कि आबकारी नीति में 100 करोड़ रुपए की रिश्वतखोरी हुई थी। ईडी ने दावा किया था कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित तीन दर्जन से अधिक वीआईपी ने कथित तौर पर डिजिटल सुबूतों को मिटाने के लिए 140 से अधिक मोबाइल फोन बदले थे। 

सीबीआई ने कुछ महीने पहले मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की थी और गाजियाबाद के पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच में स्थित उनके बैंक लॉकर को भी खंगाला था। सिसोदिया को कुछ दिन पहले जांच एजेंसी सीबीआई के द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया था। तब आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था।

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भ्रष्टाचार का आरोप

बीजेपी का कहना है कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नई आबकारी नीति में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया है जबकि आम आदमी पार्टी सरकार का कहना है कि यह पूरा मामला फर्जी है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है। 

ताबड़तोड़ छापेमारी और गिरफ्तारी

आबकारी नीति के मामले में जांच एजेंसी ईडी ने बीते महीनों में देशभर में कई जगहों पर छापेमारी की है। ईडी ने दिल्ली में 25 जगहों पर छापेमारी की थी जबकि उससे पहले दिल्ली-एनसीआर, पंजाब और हैदराबाद में 35 जगहों पर ईडी के अफसरों की टीम पहुंची थी। 

‘कोई घोटाला नहीं हुआ’

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि दिल्ली सरकार की जिस आबकारी नीति को लेकर विवाद हो रहा है, वह सबसे अच्छी आबकारी नीति थी और दिल्ली सरकार उस आबकारी नीति को पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से लागू कर रही थी। उन्होंने कहा था कि अगर दिल्ली के तत्कालीन उप राज्यपाल ने 48 घंटे पहले उस आबकारी नीति को फेल करने की साजिश के तहत अपना फैसला नहीं बदला होता तो दिल्ली सरकार को इस आबकारी नीति से कम से कम 10000 करोड़ रुपये हर साल मिलते। उन्होंने कहा था कि नई आबकारी नीति में किसी तरह का कोई घोटाला नहीं हुआ था।

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