पहलवान यौन उत्पीड़न मामले में बृजभूषण को जमानत
पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को डब्ल्यूएफ़आई के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को राहत दी है और उन्हें रेगुलर जमानत दे दी। बृजभूषण के साथ ही सह-आरोपी विनोद तोमर को भी जमानत दे दी गई है। दिल्ली के राउज ऐवेन्यू कोर्ट ने अपने आदेश में आरोपियों को 25,000 रुपये के जमानत बांड भरने का निर्देश दिया और कहा कि उन्हें कड़ी शर्तों का सावधानीपूर्वक पालन करना होगा। मामले की अगली सुनवाई अब 28 जुलाई 2023 को होगी।
इससे पहले यौन शोषण का आरोप झेल रहे बृजभूषण सिंह को 18 जुलाई को अदालत ने अंतरिम जमानत दी थी। अप्रैल महीने में छह महिला पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी का आरोप लगाते हुए अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई थीं।
बृजभूषण सिंह पर 6 महिला पहलवानों और एक नाबालिग पहलवान ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। लेकिन बाद में नाबालिग ने अपना बयान बदल लिया। छह वयस्क महिला पहलवानों के आरोप अभी भी उनपर हैं। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट पेश की है। इसी के बाद बृजभूषण को अदालत ने तलब किया था।
सुनवाई के दौरान जब दिल्ली की राउज ऐवेन्यू कोर्ट ने बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को जमानत देने का फ़ैसला किया तो साथ में कई शर्तें भी लगाईं। अदालत ने कहा कि आरोपी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शिकायतकर्ताओं या गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे और अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेंगे।
पुलिस ने बृजभूषण की बेल का विरोध नहीं किया
बृजभूषण की बेल याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि क्या आप जमानत का विरोध कर रहे हैं? इस पर दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि हम न तो विरोध कर रहे हैं और न ही समर्थन, कोर्ट कानून के हिसाब से अपना फैसला ले।
आरोपी के खिलाफ जांच और पहलवानों को न्याय दिलाने के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन भी चला था। काफ़ी दबाव के बाद दिल्ली पुलिस ने पहलवानों की मांग पर केस दर्ज किया था।
महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप झेल रहे बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ जो चार्जशीट दायर की गई है उसमें डब्ल्यूएफ़आई के सहायक सचिव विनोद तोमर पर भी आरोप लगाए गए हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को कथित यौन उत्पीड़न में 'जानबूझकर सहायता' की। बृजभूषण सिंह पर छह शीर्ष महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
चार्जशीट में कहा गया है कि बृजभूषण सिंह पर आरोपों के पक्ष में कई सबूत मिले हैं। जिन छह मामलों में बृजभूषण पर आरोप लगाए गए हैं उनमें से दो में तोमर को सह-अभियुक्त के रूप में नामित किया गया है। द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार आरोप पत्र में कहा गया है कि तोमर ने यह सुनिश्चित किया कि जब शिकायतकर्ता तीन अलग-अलग मौकों पर बृजभूषण सिंह से मिलने गए तो वे अकेले हों। आरोप पत्र में कहा गया है कि एक मामले में पति को और दूसरे मामले में कोच को उनके साथ जाने से 'जानबूझकर' रोका गया। यह घटना राजधानी में अशोक रोड पर डब्ल्यूएफ़आई प्रमुख के कार्यालय-सह-निवास में घटी।