चीनी सीमा पर तनाव : राजनाथ सिंह ने की रक्षा प्रमुखों से मुलाक़ात
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेन्स स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों से मुलाक़ात की है। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तीन भारतीय सैनिकों के शहीद होने की घटना के बाद यह बैठक हुई है।
बता दें कि सोमवार को ही वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों के साथ मारपीट में एक कर्नल स्तर के अधिकारी और दो सैनिकों की मौत हो गई। गोलियाँ नहीं चलीं, लेकिन पथराव और लाठी-डंडे का इस्तेमाल हुआ। समझा जाता है कि चीनी सैनिक भी मारे गए हैं, हालांकि चीन ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
इस वारदात के बाद मंगलवार को बैठकों का दौर शुरू हुआ है। रक्षा मंत्री ने स्थल सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवाणे, वायु सेना प्रमुख एअर चीफ़ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह से मुलाक़ात की है।
समझा जाता है कि रक्षा मंत्री ने स्थिति का जायजा लिया है और इससे निपटने की तैयारियों के बारे में बात की है।
भारतीय सेना ने एक आधिकारिक बयान में कहा है, ‘गलवान घाटी में सोमवार की रात को डि-एस्केलेशन की प्रक्रिया के दौरान भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस दौरान भारतीय सेना के एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए हैं। दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी इस वक्त इस मामले को शांत करने के लिए बड़ी बैठक कर रहे हैं।’
भारत और चीन के बीच जारी तनाव के सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे ने अपना पठानकोट दौरा रद्द कर दिया है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्वीट कर माँग की है कि सरकार इस मामले से कड़ाई से निपटे।
The tragic news from Ladakh is shocking & calls for resolute handling by our Govt. Meanwhile let us bow our heads in tribute to the three martyrs who gave their lives to protect India, & honour those who serve on our borders every day, risking their lives for our nation. #JaiHind
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) June 16, 2020
इसके पहले भारत और चीन की सेनाओं के वरिष्ठ अफ़सरों के बीच दो दौर की बातचीत के बावजूद पेगांग त्सो इलाक़े पर भारतीय दावे को चीन ने स्वीकार नहीं किया।
क्या है मामला
बता दें कि इस विवादित पेगांग झील के किनारे के इलाक़े में ही 5 मई की रात को दोनों सेनाओं के सैनिकों के बीच गुत्थमगुत्था हुई थी। चीनी सेना इस पूरे इलाक़े पर अपना दावा करती है, और इस बार भी चीन ने ज़्यादातर सैनिकों को इसी इलाक़े में तैनात कर दिया था।इंडियन एक्सप्रेस ने एक ख़बर में कहा है कि हालांकि चीनी सेना ने भारतीय सेना की बातों को गंभीरता से लिया है और ज़्यादातर दावों को मान लिया है। पर पेगांग त्सो इलाक़े पर उसने भारतीय दावों को नहीं माना है।