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गठबंधन दलों की बैठक में हुआ फैसला, हेमंत सोरेन नहीं देंगे इस्तीफा

गठबंधन दलों की बैठक में हुआ फैसला, हेमंत सोरेन नहीं देंगे इस्तीफा

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन फिलहाल इस्तीफा नहीं देंगे। रांची में उनके आवास पर हुई गठबंधन दलों की बैठक में यह फैसला लिया गया है। इससे पहले कई दिनों से अटकले लगाई जा रही थी कि हेमंत सोरेन इस्तीफा दे सकते हैं।  

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन फिलहाल इस्तीफा नहीं देंगे। रांची में उनके आवास पर बुधवार को हुई गठबंधन दलों की बैठक में यह फैसला लिया गया है। इससे पहले कई दिनों से अटकले लगाई जा रही थी कि हेमंत सोरेन इस्तीफा दे सकते हैं। 

राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि अपनी गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए हेमंत सोरेन इस्तीफा देंगे और अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सीएम की कुर्सी सौंप देंगे। अब गठबंधन दलों की बैठक में साफ कर दिया गया है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे। 

प्राप्त जानकारी के मुताबिक गठबंधन दलों की इस बैठक में कुल 43 विधायक उपस्थित थे। इसके बाद मीडिया को जानकारी देते हुए कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि बैठक में फैसला लिया गया है कि हेमंत सोरेन सीएम हैं और आने वाले दिनों में भी वहीं सीएम रहेंगे। 

सूत्रों का दावा है कि इस बैठक में सभी विधायकों ने एक स्वर में कहा है कि हेमंत सोरेन सीएम बने रहेंगे। वहीं गठबंधन दल ईडी के अगले कदम पर भी नजर रखेंगे। 

45 मिनट तक चली इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की है। हेमंत सोरेन ने इस मौके पर विधायकों से कहा है कि सोशल मीडिया और अखबारों पर ध्यान न दें। मैं किसी भी कीमत पर इस्तीफा नहीं दे रहा हूं। 

सीएम हेमंत सोरेन ने सभी दलों के विधायकों को अभी रांची में ही रहने का निर्देश दिया है। राजधानी के राजनैतिक गलियारों में इन दिनों चर्चा है कि सभी विधायक मिलकर पिकनिक मनाने जा सकते हैं। 

इस बैठक के बाद विधायक मथुरा महतो ने कहा कि हेंमत सोरेन सरकार पर कोई संकट नहीं है। हमारे सीएम हेमंत सोरेन आगे भी अपने पद पर बरकरार रहेंगे। मथुरा महतो ने कहा कि इस्तीफे की बात सही नहीं है, जैसा है वैसा चलता रहेगा।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और राज्य सरकार में मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा है कि हेमंत सोरेन हमारे सर्वमान्य नेता हैं और सीएम की कुर्सी पर वही मौजूद रहेंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि नये साल में हम सभी मिले हैं। उन्होंने कहा कि गठबंधन में शामिल सभी दलों के विधायकों मिले और मिठाइयां खाई है। 

ईडी के कारण दबाव में हैं हेमंत सोरेन 

मिथिलेश ठाकुर भले ही इस बैठक को एक सामान्य बैठक और मिठाई खाने के लिए हुई बैठक बताए लेकिन राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि हेमंत सोरेन सरकार पर खतरा मंडरा रहा है। ईडी की कार्रवाई से हेमंत सोरेन और उनकी सरकार दबाव में हैं। 

7 बार ईडी के नोटिस के बावजूद हेमंत सोरेन पूछताछ के लिए एक बार भी उपस्थित नहीं हुए हैं। ईडी भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में उनसे पूछताछ करना चाहती है। इसके लिए वह बार-बार समन जारी कर बुला चुकी है। 29 दिसंबर को भी ईडी ने समन जारी कर उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था। 

ईडी ने उन्हें दो दिन में वह स्थान बताने के लिए भी कहा था जहां उनसे पूछताछ की जा सकती है। 7वीं बार भी वह पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए हैं। वह कानूनी सलाह लेकर ईडी का अब तक सामना करते आए हैं। 

वहीं माना जा रहा है कि 7 बार समन करने के बावजूद पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं होने पर ईडी हेंमत सोरेन को गिरफ्तार कर सकती है। गिरफ्तारी की स्थिति में वह अपनी पत्नी कल्पाना सोरेन को मुख्यमंत्री बना सकते हैं। 

कल्पना सोरेन को विधानसभा चुनाव लड़ाने की अटकले भी चल रही हैं। ये अटकले तब तेज हो गई थी जब झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सरफराज अहमद ने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि उनकी सीट पर होने वाले उपचुनाव में कल्पना सोरेन चुनाव लड़ कर विधानसभा पहुंच सकती है। हेमंत सोरेन उन्हें विधायक बनाकर संकट के समय सत्ता सौंप सकते हैं।  

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