सवर्ण से शादी की वजह से दलित को बनाया जा रहा है खलनायक?
साक्षी अजितेश के विवाह ने पूरे देश में भूचाल ला दिया है। जब से साक्षी का वीडियो सोशल मीडिया पर वाइरल हुआ है और टीवी चैनलों पर उसके और अजितेश के इंटरव्यू चलने लगे हैं तब से हर घर में उनके बारे चर्चा आम हो गयी है । कुछ साक्षी के पक्ष में है तो कुछ उसके पिता के साथ। लेकिन इस बहस में अब गंदगी घुस गयी है। अजितेश का चरित्र हनन की कोशिश की जा रही है। उसे एक ऐसे इंसान के तौर पर पेश किया जा रहा है जैसे वो कोई बहुत शातिर हो और उसने बहला फुसला कर साक्षी से शादी कर ली हो। और इस प्रक्रिया में टीवी चैनेल और सोशल मीडिया दोनो ही बराबर के अपराधी हैं ।
सामाजिक विकृति
सोशल मीडिया में जिस तरह से उसके ख़िलाफ़ भद्दे कमेंट्स किए जा रहे हैं, वह एक सामाजिक विकृति की ओर इशारा करती है कि आधुनिकता के तमाम दावे के बाद भी समाज का एक वर्ग आज भी एक दलित लड़के को इंसान मानने को तैयार नहीं है। अगर दलित लड़का किसी ऊँची जाति की लड़की से प्रेम विवाह कर ले तब तो समाज को आग ही लग जाती है और फिर वो सारे प्रयास किये जाते है जिससे ये साबित किया जाये कि दलित लड़का कितना बडा अपराधी या निकृष्ट है ।अतीत की पड़ताल
इसकी बानगी टेलीविज़न चैनलों पर पिछले कुछ दिनों में देखने को मिली है। उसके अतीत की पड़ताल कर उसे नशेडी बताया जा रहा है। कुछ दूसरे चैनल उसे कई लड़कियों का बेवफ़ा प्रेमी साबित कर रहे हैं। कुछ टेलीविज़न चैनलों ने दिखाया कि अजितेश गांजा पी रहा है, कुछ ने पड़ोसियों के हवाले से बताया कि वह लड़कियाँ छेड़ने के मामले में पिट चुका है, या यह कि उसने लाखों रुपये कर्ज किसी से ले लिया, लेकिन नहीं चुकाया। एक टीवी चैनेल ने रिपोर्ट की कि उसने ख़ुद को ठाकुर बता कर किसी ठाकुर लड़की से सगाई कर ली, बाद में वह रिश्ता टूट गया।सोशल मीडिया पर तो हालत और भी बुरे हैं । फ़ेसबुक और ट्विटर पर साक्षी और अजितेश को लेकर भयंकर आपत्तिजनक बातें कही जा रही हैं, निहायत घटिया और भद्दे-भद्दे कमेंट किए जा रहे हैं।
Kisiko chaheyh hai Sakshi jese daughter #SakshiMishra #AjiteshKumar pic.twitter.com/mC40tsSdQj
— Animesh Tiwari (@ianimeshtiwari) July 14, 2019
साक्षी को भी लगातार निशाना बनाया जा रहा है। और ये साबित करने की कोशिश की जा रही है कि वह अजितेष के इशारे पर अपने माता पिता की इज्जत उछाल रही है। वह उन माँ बाप की पगड़ी उछाल रही है जिसने उसको पाल पोस कर बडा किया। उसे जीवन दिया।
ऐसे में ये सवाल उठना लाज़मी है कि ऐसा क्यों हो रहा है क्या सिर्फ इसलिये कि एक दलित लडके ने सवर्ण लड़की से शादी की है क्या यह पितृसत्तात्मक व्यवस्था, दलित उत्पीड़न, समाज की सोच की सड़ाँध और उन सबको तोड़ कर बाहर निकलने की छटपटाहट का मिला जुला रूप है, जिसे मीडिया का एक हिस्सा अपने हिसाब से इस्तेमाल कर रहा है
Times When Sakshi Mishra’s father was hero. It’s really heart breaking for parents to see their children bashing them in public.
— Geetika Swami (@SwamiGeetika) July 14, 2019
And Media should refrain from getting cheap publicity and TRP.#SakshiMishra #SakshiAjitesh pic.twitter.com/fAPebByW2n
आशंका सही साबित
साक्षी ने अपने वीडियो में कहा था कि उसकी जान को ख़तरा है। और अपनी जान बचाने के लिये उसने वीडियो बनाया था। सोमवार को उसकी यह आशंका सही साबित हुई। सोमवार को जब वह अपने पति अजितेश के साथ सुरक्षा की गुहार लगाने इलाहाबाद हाई कोर्ट गई, अदालत परिसर में ही अजितेश पर हमला हुआ और कुछ लोगों ने उसे पीटा।फ़ेसबुक और ट्विटर पर साक्षी और अजितेश को लेकर आपत्तिजनक बातें कही जा रही हैं, भद्दे-भद्दे कमेंट किए जा रहे हैं।
आम आदमी तो आम आदमी, राजनेता भी इस विवाद में कूद पड़े। बीजेपी विधायक और मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने बहुत ही आपत्तिजनक बाते सोशल मीडिया पर लिखी। उन्होंने लिखा - ‘मेरा मानना है कि इस तरह की ख़बर से बालिका भ्रूण हत्या की वारदात में अभूतपूर्व बढ़ोतरी होगी और लिंग अनुपात बिगड़ जाएगा। सामाजिक सर्वेक्षणों में यह साफ़ पता चल जाएगा। नर्सिंग होम और निजी अस्पतालों में गर्भपात की घटनाएँ बढ़ जाएँगी।’
मेरा मानना है कि ऐसी खबरों से अब कन्या भ्रूण हत्या की घटनाएं देश मे अप्रत्याशित रूप से बढ़ेगी तथा महिला पुरुष के लिंगानुपात में भारी अंतर आएगा जो हमे अगले तीन वर्षों में सामाजिक सर्वे में स्पष्ट रूप से दिखेगा
— Gopal Bhargava (Leader of Opposition) (@bhargav_gopal) July 14, 2019
नर्सिंग होम एवं निजी अस्पतालों में गर्भपात का गौरखधंधा खूब फलेगा फूलेगा
यह ट्वीट कई सवाल खड़े करता है। यह इस विधायक की मानसिकता को तो दिखाता ही है, उसके पुरुष होने के अहंकार को भी साफ़ करता है। सवाल यह है कि यह क्यों मान लिया जाए कि अपनी इच्छा से विवाह करने पर लोग लड़कियों को जन्म से पहले ही मार डालेंगे। सवाल यह भी उठता है कि क्या वे इस तरह भ्रूण हत्या को वाजिब ठहराने की कोशिश कर रहे हैं इन सब के बीच यह सवाल कहीं गुम हो गया है कि साक्षी बालिग़ है और उसे अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने का हक़ है। यह अधिकार उसे देश का संविधान देता है। माँ-बाप ने उसे जीवन दिया, लेकिन उसकी जीवन माँ बाप का ग़ुलाम कैसे हो सकता है। और इन सबसे बीच किसी लड़के को कोई कैसे चरित्रहीन बता सकता है और ये कहने वाले हम कौन होते हैं