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आयकर छापों के बाद 'भास्कर' का एलान, चलेगी सिर्फ पाठकों की मर्जी...!

आयकर छापों के बाद 'भास्कर' का एलान, चलेगी सिर्फ पाठकों की मर्जी...!

आयकर विभाग के छापों के बाद 'दैनिक भास्कर' पत्र समूह के तेवर और तीखे हो गए हैं। पत्र समूह ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर 'साफ' कर दिया है, 'मैं स्वतंत्र हूं, क्योंकि मैं भास्कर हूँ। भास्कर में चलेगी सिर्फ पाठकों की मर्जी।'

आयकर विभाग के छापों के बाद 'दैनिक भास्कर' पत्र समूह के तेवर और तीखे हो गए हैं। पत्र समूह ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर 'साफ' कर दिया है, 'मैं स्वतंत्र हूं, क्योंकि मैं भास्कर हूँ। भास्कर में चलेगी सिर्फ पाठकों की मर्जी।'

बता दें, आयकर विभाग के लोगों ने गुरुवार तड़के दैनिक भास्कर पत्र समूह के देश भर के 40 ठिकानों पर छापे मारे। मध्य प्रदेश में भास्कर के भोपाल मुख्यालय के साथ ही इंदौर में भी इनकम टैक्स सर्वे कर रहा है। 

भोपाल में ही पत्र समूह के चेयरमेन सुधीर अग्रवाल के ई वन अरेरा कालोनी स्थित बंगले पर छापा मारा गया। भास्कर के प्रमोटर भी इसकी जद में हैं। समाचार लिखे जाने के समय तक सर्वे की कार्रवाई जारी थी।

सरकार की आलोचना

'दैनिक भास्कर' पत्र समूह काफी वक्त से केन्द्र की मोदी सरकार और बीजेपी-शासित राज्यों में तल्खियत दिखला रहा है। केन्द्र की मोदी सरकार के ऐसे फ़ैसले जो सीधे जनता से जुड़े हैं और जिन्हें लेने में अनेक तरह की कथित खामियाँ नज़र आयी हैं, उन्हें बहुत ही आक्रामक ढंग से भास्कर ने प्रकाशित करने का सिलसिला छेड़ रखा है।

डीजल-पेट्रोल और रसोई गैस के दामों में अनाप-शनाप वृद्धि से लेकर मंहगाई, केन्द्रीय कृषि बिल और इसके ख़िलाफ़ किसानों के देशव्यापी आंदोलन को 'दैनिक भास्कर' ने प्रमुखता से स्थान दिया है।

कोविड की दूसरी लहर के दौरान केन्द्र सरकार की तमाम कथित नाकामियों के साथ बीजेपी शासित राज्यों में कोरोना से मौतों के आँकड़ों के फ़र्जीवाड़े को भी 'भास्कर' ने जमकर उजागर किया है।

कोविड को लेकर टीकाकरण की तमाम खामियों और गड़बड़झालों को भी 'दैनिक भास्कर' पूरी दमदारी से उजागर कर रहा है। 

विज्ञापन बंद

सरकार ने नियमित विज्ञापन काफी पहले बंद कर खबरें छापने से बाज आने का संदेश भास्कर पत्र समूह को दिया था।

मोदी सरकार के बाद मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने भी नियमित विज्ञापनों को बंद कर दिया।

क्या कहा पूर्व संपादक ने?

'सत्य हिन्दी' की इसी मामले से जुड़ी बहस में शामिल हुए दैनिक भास्कर पत्र समूह के पूर्व संपादक और स्वतंत्र पत्रकार श्रवण गर्ग ने दो टूक कहा, 'इनकम टैक्स की छापामार कार्रवाई प्रेस की आजादी का हनन है।' 

गर्ग ने यह भी कहा, 'इतना जरूर कहूँगा कि सरकार ने यह कार्रवाई करने में कुछ देर की। जिस तरह से भास्कर के तेवर थे, उसे देखते हुए इस तरह की कार्रवाई पहले ही अपेक्षित थी। संभवत: केन्द्र की सरकार ने भास्कर को मौका दिया कि वह अपना सुर बदल ले। नहीं बदला तो एक्शन हो गया।'

इनकम टैक्स रेड के बाद भास्कर के सुर और तीखे हुए हैं। भास्कर ने अपने ट्विटर अकांउट पर अपनी स्वतंत्रता की बात कहते हुए संकेतों में स्पष्ट कर दिया है कि वह आयकर छापेमारी अथवा इस तरह की कार्रवाइयों से भयभीत होने वाला नहीं है।

भास्कर ने 'एलान-ए-जंग' करते हुए दो टूक चेतावनी भी दी है कि-'मैं स्वतंत्र हूँ, क्योंकि मैं भास्कर हूँ। भास्कर में चलेगी सिर्फ पाठकों की मर्जी।'

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