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ओडिशा, आंध्र के तटीय इलाक़ों तक पहुँचा चक्रवात गुलाब, तेज़ बारिश

ओडिशा, आंध्र के तटीय इलाक़ों तक पहुँचा चक्रवात गुलाब, तेज़ बारिश

जानिए, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में आज आने वाले चक्रवात 'गुलाब' को लेकर क्या-क्या बरती जा रही हैं सावधानियाँ और क्या तैयारी की गई है? चार महीने पहले ही 'यास' तूफान भी ओडिशा से टकराया था। 

चक्रवात गुलाब उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण तटीय ओडिशा पहुँच गया है और उसने वहाँ तेज बारिश शुरू कर दी है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार शाम को कहा कि चक्रवात अगले तीन घंटों में आंध्र प्रदेश के कलिंगपट्टनम और ओडिशा के गोपालपुर के बीच तटों को पार करेगा।

आईएमडी ने एक बयान में कहा, ''नवीनतम मौसम संबंधी टिप्पणियों के अनुसार, बादल तटीय क्षेत्रों पर छा गए हैं और इस तरह उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश और इससे सटे दक्षिण तटीय ओडिशा में चक्रवात की प्रक्रिया शुरू हो गई है।'' 

इसने यह भी कहा कि चक्रवात अगले तीन घंटों में कलिंगपट्टनम और गोपालपुर के बीच, कलिंगपट्टनम के उत्तर में लगभग 25 किमी उत्तर में तटों को पार करेगा।

मोदी ने पटनायक से बात की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी से बात की और चक्रवाती तूफान 'गुलाब' से उत्पन्न होने वाली किसी स्थिति से निपटने में केंद्र की ओर से मदद का भरोसा दिया।

उन्होंने ने ट्वीट किया, "ओडिशा में तूफान की स्थिति पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक जी से चर्चा की। केंद्र आने वाली मुश्किल में पूरी मदद करने का भरोसा देता है।"

इसके पहले मौसम विभाग ने कहा था कि चक्रवाती तूफ़ान 'गुलाब' सुबह क़रीब साढ़े पाँच बजे के आसपास उत्तर-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में गोपालपुर से लगभग 270 किमी पूर्व-दक्षिण पूर्व और कलिंगपट्टनम से 330 किमी पूर्व में केंद्रित था।

ओडिशा सरकार ने राज्य के दक्षिणी हिस्सों में सात ज़िले चिन्हित किए हैं और वहाँ से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर ले जाने का अभियान शुरू किया है। सबसे ज़्यादा फोकस गंजम और गजपति ज़िलों पर है। इनके इस चक्रवाती तूफ़ान से गंभीर रूप से प्रभावित होने की आशंका है।

 - Satya Hindi

एनडीआरएफ़ यानी राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की कई टीमें ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाक़ों में तैनात की गई हैं। सिर्फ़ ओडिशा में एनडीआरएफ़ के तीसरे बटालियन से ही 16 टीमों को अलग-अलग जिलों में भेजा गया है। 

एहतियात के तौर पर पूर्वी तट पर ट्रेनों को रद्द किया गया है और कई ट्रेनों का या तो मार्ग बदल दिया गया है या उन्हें पुनर्निर्धारित किया गया है।

मौसम विभाग ने 27 सितंबर को भी चक्रवात की भविष्यवाणी की है। इसने कहा है, '27 सितंबर के आसपास पूर्वोत्तर और इससे सटे पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उभरने की संभावना है। इसके प्रभाव में बाद के 24 घंटों के दौरान बंगाल की उत्तर-पूर्वी खाड़ी और आसपास में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके 29 सितंबर के आसपास पश्चिम बंगाल तट पर पहुँचने की संभावना है।'

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