राजस्थान के करौली में हिंसा के बाद कर्फ्यू, हिन्दू नववर्ष पर बाइक रैली निकाली गई थी
राजस्थान के करौली में रविवार को भी कर्फ्यू लगा रहा। करौली में हिंदू नववर्ष का जश्न मनाने के लिए निकाली गई मोटरसाइकिल रैली में पथराव के बाद सांप्रदायिक झड़पें हुईं, जिसमें लगभग 35 लोग घायल हो गए। एडीजी कानून व्यवस्था हवा सिंह घूमरिया ने कहा कि शनिवार को हुई हिंसा के सिलसिले में 36 लोगों को हिरासत में लिया गया है और स्थिति अब नियंत्रण में है।पुलिस के मुताबिक नव संवत्सर के मौके पर शनिवार शाम को एक बाइक रैली मुस्लिम बहुल इलाके से निकाली गई। उसी दौरान कुछ शरारती तत्वों ने पथराव कर दिया। दूसरी तरफ से भी पथराव हुआ। इसके बाद हिंसा बढ़ गई और कुछ दुकानें और बाइकों को फूंक दिया गया। कई अन्य वाहन और दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं।
पुलिस ने रविवार को कहा कि करौली में अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है। 35 घायलों में से नौ को करौली जिला अस्पताल और एक को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शेष को इलाज के बाद शनिवार की रात छुट्टी दे दी गई। पुलिस ने कहा कि एक टीम संपत्ति के नुकसान का आकलन कर रही है।
राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एमएल लाठेर से बात की थी और जनता से शांति बनाए रखने की अपील की थी।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस उपाधीक्षक और निरीक्षक रैंक के 50 अधिकारियों समेत 600 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है और चार आईपीएस अधिकारियों को जयपुर से करौली भेजा गया है। सीएम अशोक गहलोत ने डीजीपी को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
उन्होंने कहा था कि हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख और अन्य सभी समुदायों को राज्य में शांति और विकास का माहौल बनाने में योगदान देने और अपनी रचनात्मक भूमिका निभाने की जरूरत है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने घटना के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि उन्होंने इस सवाल का जवाब नहीं दिया की हिन्दू नववर्ष पर बाइक रैली को मुस्लिम इलाके से क्यों निकाला गया। पुनिया ने कहा कि इन हालात के लिए कांग्रेस सरकार की तुष्टीकरण नीति जिम्मेदार है। अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। यह हिंदू नव वर्ष पर आयोजित बाइक रैली पर एक सुनियोजित हमला था। पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि राजस्थान में "घृणा की मानसिकता" को पनपने नहीं दिया जा सकता है।