सीपीएम ने दिल्ली अध्यादेश पर आप का समर्थन किया
आम आदमी पार्टी को आज केंद्र सरकार के दिल्ली राज्य अध्यादेश के खिलाफ बड़ी सफलता उस समय मिली जब मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी यानी सीपीएम ने उसे समर्थन का ऐलान किया। केजरीवाल ने आज सीपीएम नेता सीताराम येचुरी से मुलाकात की थी। इस बैठक में प्रकाश करात और वृंदा करात के अलावा अन्य सीपीएम नेता भी मौजूद थे।
#WATCH | Delhi CM and AAP national convener Arvind Kejriwal meets CPI(M) General Secretary Sitaram Yechury for CPI(M)'s support against Centre's ordinance pic.twitter.com/rc8179N7SZ
— ANI (@ANI) May 30, 2023
बैठक के बाद केजरीवाल और येचुरी ने मीडिया को संबोधित किया। केजरीवाल ने कहा सीपीएम ने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली सरकार को समर्थन देने का फैसला किया है। सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा- हमने केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश की निंदा की है। यह असंवैधानिक है। यह कोर्ट की अवमानना भी है। मैं सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस से संविधान बचाने के लिए आगे आने की अपील करता हूं।
हालांकि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने कहा - वो (कांग्रेस) कह रहे हैं कि हम केजरीवाल को समर्थन नहीं करेंगे। ये मुद्दा केजरीवाल का नहीं है, ये मुद्दा देश के संविधान का है। ये कांग्रेस को तय करना है कि वो मोदी के साथ खड़ी है या देश की जनता के साथ। अगर ये राजस्थान सरकार के ख़िलाफ़ कोई अध्यादेश लाते हैं तो हम राजस्थान के साथ खड़े होंगे।
केजरीवाल विपक्ष के नेताओं का समर्थन हासिल करने के लिए उनके पास पहुंच रहे हैं ताकि संसद में संबंधित बिल लाए जाने पर अध्यादेश को कानून से बदलने की केंद्र की कोशिश विफल हो जाए। आप के राष्ट्रीय संयोजक ने अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता राहुल गांधी से भी समय मांगा है। लेकिन कांग्रेस की दिल्ली यूनिट केजरीवाल को किसी भी तरह का समर्थन देने के खिलाफ है। कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर केजरीवाल की पार्टी का राज्यसभा में समर्थन कर सकती है लेकिन वो अन्य मुद्दों पर केजरीवाल और उनकी पार्टी की अन्य नीतियों की समर्थक नहीं है। हालांकि कांग्रेस की स्थिति तभी साफ होगी, जब कांग्रेस आलाकमान से केजरीवाल की मुलाकात हो जाएगी।
इससे पहले केजरीवाल ने शनिवार को हैदराबाद में तेलंगाना के मुख्यमंत्री और बीआरएस अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव से मुलाकात की और केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगा। बीआरएस नेता केसीआर ने कहा कि वो इस मुद्दे पर केजरीवाल के साथ है।
Rajya Sabha में BJP बहुमत में नहीं
— AAP (@AamAadmiParty) May 30, 2023
अगर सारी Non-BJP Parties इकट्ठी हो जाएं—तो दिल्ली के लोगों के अधिकार छीनने वाला, अपमान करने वाला Modi सरकार का अध्यादेश गिर जाएगा@SitaramYechury जी, @cpimspeak का तहे दिल से धन्यवाद, जिन्होंने Support देने का फ़ैसला लिया।
—CM @ArvindKejriwal pic.twitter.com/WsRsRtAnrS
केजरीवाल ने 23 मई को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। ममता बनर्जी ने उन्हें समर्थन देने का ऐलान किया था। ममता से भी पहले नीतीश कुमार और उनके डिप्टी तेजस्वी यादव ने पिछले दिनों दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में केजरीवाल ने राज्यसभा में "अध्यादेश" के विरोध का प्रस्ताव दिया। केजरीवाल ने कहा कि अगर यह अध्यादेश गिर जाता है तो यह आम चुनाव से पहले "सेमीफाइनल" हो सकता है। इसके बाद केजरीवाल ने मुंबई में 24 और 25 मई को शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार से भी मुलाकात की।
वो (Congress) कह रहे हैं कि हम केजरीवाल को समर्थन नहीं करेंगे।
— AAP (@AamAadmiParty) May 30, 2023
ये मुद्दा केजरीवाल का नहीं है, ये मुद्दा देश के संविधान का है।
ये Congress को तय करना है कि वो Modi के साथ खड़ी है या देश की जनता के साथ।
अगर ये Rajasthan Govt के ख़िलाफ़ कोई Ordinance लाते हैं तो हम राजस्थान के… pic.twitter.com/10VsGUDnWR
अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस की सैद्धांतिक सहमति है कि दिल्ली में तबादलों और नियुक्तियों पर केंद्र का मनमाना अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट को कमजोर कर रहा है। इसलिए कांग्रेस संसद में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के पक्ष में खड़ी होगी। लेकिन कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक ट्वीट में कहा था कि पार्टी कानून के शासन में विश्वास करती है और साथ ही किसी भी राजनीतिक दल द्वारा राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ झूठ पर आधारित अनावश्यक टकराव, राजनीतिक विच-हंट और अभियानों को माफ नहीं करती है। समझा जाता है कि कांग्रेस केजरीवाल से पिछले बयानों के लिए माफी चाहती है। मामला अभी लटका हुआ है।