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सीपीएम ने दिल्ली अध्यादेश पर आप का समर्थन किया

सीपीएम ने दिल्ली अध्यादेश पर आप का समर्थन किया

दिल्ली राज्य के खिलाफ लाए गए केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर सीपीएम ने आज आम आदमी पार्टी को समर्थन देने का ऐलान किया है। आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने आज इस सिलसिले में सीपीएम नेता सीताराम येचुरी से मुलाकात की थी।

आम आदमी पार्टी को आज केंद्र सरकार के दिल्ली राज्य अध्यादेश के खिलाफ बड़ी सफलता उस समय मिली जब मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी यानी सीपीएम ने उसे समर्थन का ऐलान किया। केजरीवाल ने आज सीपीएम नेता सीताराम येचुरी से मुलाकात की थी। इस बैठक में प्रकाश करात और वृंदा करात के अलावा अन्य सीपीएम नेता भी मौजूद थे।  

बैठक के बाद केजरीवाल और येचुरी ने मीडिया को संबोधित किया। केजरीवाल ने कहा सीपीएम ने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली सरकार को समर्थन देने का फैसला किया है। सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा- हमने केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश की निंदा की है। यह असंवैधानिक है। यह कोर्ट की अवमानना ​​भी है। मैं सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस से संविधान बचाने के लिए आगे आने की अपील करता हूं। 

हालांकि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने कहा - वो (कांग्रेस) कह रहे हैं कि हम केजरीवाल को समर्थन नहीं करेंगे। ये मुद्दा केजरीवाल का नहीं है, ये मुद्दा देश के संविधान का है। ये कांग्रेस को तय करना है कि वो मोदी के साथ खड़ी है या देश की जनता के साथ। अगर ये राजस्थान सरकार के ख़िलाफ़ कोई अध्यादेश लाते हैं तो हम राजस्थान के साथ खड़े होंगे।

केजरीवाल विपक्ष के नेताओं का समर्थन हासिल करने के लिए उनके पास पहुंच रहे हैं ताकि संसद में संबंधित बिल लाए जाने पर अध्यादेश को कानून से बदलने की केंद्र की कोशिश विफल हो जाए। आप के राष्ट्रीय संयोजक ने अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता राहुल गांधी से भी समय मांगा है। लेकिन कांग्रेस की दिल्ली यूनिट केजरीवाल को किसी भी तरह का समर्थन देने के खिलाफ है। कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर केजरीवाल की पार्टी का राज्यसभा में समर्थन कर सकती है लेकिन वो अन्य मुद्दों पर केजरीवाल और उनकी पार्टी की अन्य नीतियों की समर्थक नहीं है। हालांकि कांग्रेस की स्थिति तभी साफ होगी, जब कांग्रेस आलाकमान से केजरीवाल की मुलाकात हो जाएगी।

इससे पहले केजरीवाल ने शनिवार को हैदराबाद में तेलंगाना के मुख्यमंत्री और बीआरएस अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव से मुलाकात की और केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगा। बीआरएस नेता केसीआर ने कहा कि वो इस मुद्दे पर केजरीवाल के साथ है।

केजरीवाल ने 23 मई को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। ममता बनर्जी ने उन्हें समर्थन देने का ऐलान किया था। ममता से भी पहले नीतीश कुमार और उनके डिप्टी तेजस्वी यादव ने पिछले दिनों दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में केजरीवाल ने राज्यसभा में "अध्यादेश" के विरोध का प्रस्ताव दिया। केजरीवाल ने कहा कि अगर यह अध्यादेश गिर जाता है तो यह आम चुनाव से पहले "सेमीफाइनल" हो सकता है। इसके बाद केजरीवाल ने मुंबई में 24 और 25 मई को शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार से भी मुलाकात की।

अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस की सैद्धांतिक सहमति है कि दिल्ली में तबादलों और नियुक्तियों पर केंद्र का मनमाना अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट को कमजोर कर रहा है। इसलिए कांग्रेस संसद में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के पक्ष में खड़ी होगी। लेकिन कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक ट्वीट में कहा था कि पार्टी कानून के शासन में विश्वास करती है और साथ ही किसी भी राजनीतिक दल द्वारा राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ झूठ पर आधारित अनावश्यक टकराव, राजनीतिक विच-हंट और अभियानों को माफ नहीं करती है। समझा जाता है कि कांग्रेस केजरीवाल से पिछले बयानों के लिए माफी चाहती है। मामला अभी लटका हुआ है। 

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