+
CPM, येचुरी, बृंदा करात ने किस आधार पर अयोध्या जाने का निमंत्रण ठुकराया?

CPM, येचुरी, बृंदा करात ने किस आधार पर अयोध्या जाने का निमंत्रण ठुकराया?

सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी और प्रमुख नेता बृंदा करात ने 22 जनवरी के अयोध्या निमंत्रण को ठुकराते हुए कहा कि धर्म और आस्था व्यक्तिगत मामला है। सीपीएम ने भारतीय संविधान का हवाला देते हुए अपनी बात कही। जानिए सीपीएम का पूरा पक्षः

सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने का निमंत्रण ठुकरा दिया है। पार्टी ने मंगलवार को पूरी मजबूती से कहा कि धर्म एक व्यक्तिगत पसंद है। येचुरी ने कहा- “हमारी नीति धार्मिक मान्यताओं और हर शख्स के अपने विश्वास को आगे बढ़ाने के अधिकार का सम्मान करना है। धर्म एक व्यक्तिगत पसंद है जिसे राजनीतिक लाभ के साधन में नहीं बदला जाना चाहिए। पार्टी की ओर से कहा गया है कि "कॉमरेड सीताराम येचुरी निमंत्रण मिलने के बावजूद समारोह में शामिल नहीं होंगे।"

सीपीएम के पोलित ब्यूरो ने एक बयान में कहा कि येचुरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला है। हम समारोह में शामिल नहीं होंगे। 

इसमें कहा गया है कि यह "सबसे दुर्भाग्यपूर्ण" है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने एक धार्मिक समारोह को राज्य प्रायोजित (state sponsored) कार्यक्रम में बदल दिया है जिसमें सीधे प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य सरकारी अधिकारी शामिल हैं। सीपीएम ने सुप्रीम कोर्ट और संविधान का हवाला देते हुए कहा-

भारत में शासन का एक बुनियादी सिद्धांत, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया है, यह है कि संविधान के तहत भारत में राज्य का कोई धार्मिक जुड़ाव नहीं होना चाहिए। अयोध्या में कार्यक्रम के आयोजन में सत्तारूढ़ शासन द्वारा इसका उल्लंघन किया जा रहा है।


-सीपीएम, 26 दिसंबर 2023 सोर्सः पीटीआई

सीपीएम नेता बृंदा करात का कहना है- "हमारी पार्टी अयोध्या में राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह में शामिल नहीं होगी... हम धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करते हैं लेकिन वे एक धार्मिक कार्यक्रम को राजनीति से जोड़ रहे हैं...यह है एक धार्मिक कार्यक्रम का राजनीतिकरण। यह सही नहीं है।"

भाजपा, आरएसएस और जुड़े संगठनों ने 22 जनवरी के कार्यक्रम को लेकर योजनाबद्ध तरीके से निमंत्रण भेजने के नाम पर जनता का अभी से पूरा फोकस इस पर करा दिया है। इस समय भाजपा के सामने सिर्फ 22 जनवरी का कार्यक्रम है। लेकिन 22 जनवरी को भव्य बनाने के लिए भाजपा कई कार्यक्रम कर रही है। सरकार भी अपने तरीके से जुटी है। 30 दिसंबर को पीएम मोदी अयोध्या में एयरपोर्ट का उद्घाटन करने जा रहे हैं, वे वहां एक रोड शो भी कर सकते हैं। आरएसएस की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे और सोनिया गांधी को भी 22 जनवरी का निमंत्रण भेजा गया है। कांग्रेस पसोपेश में है कि जाएगी या नहीं। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मीडिया से कहा है कि 22 जनवरी को पता चल जाएगा कि कौन जा रहा है और कौन नहीं। कांग्रेस ने भी आरोप लगाया है कि भाजपा इस कार्यक्रम का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है। 

राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को किया जाएगा, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और 6,000 से अधिक लोगों के "प्राण प्रतिष्ठा" समारोह में भाग लेने की उम्मीद है।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें