जयपुर: लंपी वायरस से हजारों गायें मरी, बीजेपी का प्रदर्शन
लंपी वायरस से राजस्थान में हजारों गायों की मौत के मामले में बीजेपी ने मंगलवार को जयपुर में विधानसभा के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच अच्छी खासी धक्का-मुक्की हुई। बड़ी संख्या में बीजेपी के कार्यकर्ता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की अगुवाई में जुटे। उनका आरोप है कि राजस्थान सरकार ने लंपी वायरस को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई। अगर सरकार गंभीरता दिखाती तो गायों की जान बचाई जा सकती थी। बीजेपी ने गाय बचाओ गहलोत सरकार का नारा दिया है।
बताना होगा कि जुलाई महीने की शुरुआत से ही पश्चिमी राजस्थान से लंपी वायरस के कारण गायों की मौत होने की खबर आ रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में लगभग 60000 गायों की मौत हुई है लेकिन लोगों का कहना है कि यह आंकड़ा 4 से 5 लाख तक हो चुका है।
सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो मौजूद हैं जिनमें हजारों की संख्या में गायों की लाशों के अंबार देखे जा सकते हैं।
इतनी बड़ी संख्या में गायों की मौत होने की वजह से गायों के शवों को दफनाना, उनके शवों से उठने वाली बदबू और शवों के कारण महामारी फैलने की आशंका भी बनी हुई है। इसके साथ ही दूध के उत्पादन में भी कमी देखने को मिल रही है।
लंपी वायरस से बचाने के लिए गायों का टीकाकरण भी किया जा रहा है। लेकिन बावजूद इसके यह वायरस लगातार फैलता जा रहा है। पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर के अलावा बाड़मेर, बीकानेर, नागौर, जैसलमेर, धौलपुर में लंपी वायरस के कहर के कारण लगातार गायों की मौत हो रही है। लंपी वायरस साल 2019 में भी भारत में आया था लेकिन तब इसका कहर इतना ज्यादा नहीं था।
दूध पीयें या नहीं?
सोशल मीडिया पर इस वायरस को लेकर चल रही बहस के बीच एक सवाल यह भी खड़ा हो गया है कि लंपी वायरस से ग्रसित किसी गाय का दूध पीना सही है या नहीं। भारत सरकार के पशुपालन विभाग के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, अब तक देशभर के 197 जिलों में 16.42 लाख पशु इससे प्रभावित हैं और 75 हजार से ज्यादा पशुओं की मौत हो चुकी है।
राजस्थान में हालात इस कदर खराब हो गए हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लंपी वायरस को महामारी घोषित करने की मांग की है। सरकार ने कहा है कि केंद्र सरकार ने वैक्सीन और दवाएं दी हैं, लेकिन हम सरकार से मांग करते हैं कि इसे महामारी घोषित किया जाए।
लंपी वायरस की वजह से क्योंकि दूध का उत्पादन कम हुआ है इसलिए राजस्थान में कई जगहों पर मिठाई के कारीगरों को भी मुश्किल पेश आ रही है। इस वजह से दूध, खोये से बनने वाली मिठाई की कीमतें बढ़ गई हैं। जयपुर डेयरी फेडरेशन के मुताबिक, पहले जितना दूध इकट्ठा होता था उसमें 15 से 18 फीसद तक की कमी आई है हालांकि अभी इससे आपूर्ति बाधित नहीं हुई है। जयपुर डेयरी फेडरेशन राज्य का सबसे बड़ा दूध सहकारी केंद्र है।
कई राज्यों में दस्तक
लंपी वायरस का पहला मामला इस साल अप्रैल में गुजरात में देखने को मिला था। इस वायरस ने हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब में भी दस्तक दी है और वहां से भी लगातार गायों और अन्य पशुओं की मौत की खबर आ रही है।
लंपी वायरस अधिकतर गायों और भैंसों के शरीर में होता है। इस वायरस से आज तक किसी भी इंसान के संक्रमित होने का कोई मामला सामने नहीं आया है।
लंपी वायरस के लक्षण?
लंपी वायरस एक तरह की त्वचा की बीमारी है जिसमें गायों, बैलों और भैसों के शरीर पर मोटी-मोटी गांठें उभर कर आ जाती हैं। उनकी नाक बहने लगती है और मुंह से बहुत ज्यादा लार आने लगती है। लंपी वायरस के लक्षण यह हैं कि इसमें गायों और अन्य पशुओं को संक्रमित होने पर तेज बुखार आता है और निश्चित रूप से इससे संक्रमित होने के बाद उनके दूध देने की क्षमता बहुत कम हो जाती है।
फिलहाल गायों और अन्य पशुओं को लंपी वायरस से बचाने के लिए गोट पॉक्स की वैक्सीन इस्तेमाल की जा रही है और इसका कुछ हद तक असर भी दिखाई दे रहा है। केंद्र सरकार का कहना है कि उसने अब तक डेढ़ करोड़ टीके राज्यों को दे दिए हैं।