गौरक्षकों का आतंकवादः फरीदाबाद में छात्र आर्यन मिश्रा की गौतस्कर समझकर हत्या
हरियाणा में गौरक्षा के नाम पर फैलाए जा रहे आतंकवाद की घटना सामने आई है। दिल्ली से सटे फ़रीदाबाद में 12वीं कक्षा के छात्र आर्यन मिश्रा का गोरक्षकों ने कथित तौर पर कार से पीछा किया और उसे पशु तस्कर समझकर मार डाला। पुलिस ने कहा कि 23 अगस्त के हमले के लिए गौरक्षक समूह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों की पहचान अनिल कौशिक, वरुण, कृष्णा, आदेश और सौरभ के रूप में की गई है।
हरियाणा के फरीदाबाद में 23 अगस्त की रात डस्टर कार सवार छात्र आर्यन मिश्रा की गोतस्कर समझकर हत्या कर दी गई।
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) September 2, 2024
आर्यन उस रात अपने लैंडलॉर्ड व अन्य लोगों के साथ मैगी खाकर लौट रहा था। रास्ते में कुछ लोगों ने गाड़ी रोकने की कोशिश की। डर की वजह से उन्होंने गाड़ी नहीं रोकी।
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पीड़ित आर्यन मिश्रा और उसके दोस्तों शैंकी और हर्षित को पशु तस्कर समझकर आरोपियों ने दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर फरीदाबाद के गदपुरी के पास लगभग 30 किलोमीटर तक उनकी कार का पीछा किया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक गोरक्षकों को सूचना मिली थी कि रेनॉल्ट डस्टर और टोयोटा फॉर्च्यूनर कारों में कुछ पशु तस्कर शहर की रेकी कर रहे हैं और मवेशियों को उठा रहे हैं।
गिरफ्तार आरोपियों को पशु तस्करों की तलाश के दौरान पटेल चौक पर एक डस्टर कार दिखी। इसके बाद उन्होंने कार चला रहे हर्षित को रुकने के लिए कहा। हालाँकि, आर्यन और उसके दोस्त नहीं रुके क्योंकि शैंकी की कुछ अन्य लोगों के साथ दुश्मनी थी तो उन्हें लगा कि शैंकी को मारने के लिए उन लोगों ने गुंडे भेजे होंगे।
जब कार नहीं रुकी, तो आरोपियों ने कार पर गोलियां चला दीं और अगली सीट पर बैठे एक गोली आर्यन मिश्रा की गर्दन के पास लगी। जब कार अंततः रुकी तो उसे फिर से गोली मार दी गई। ऐसा करते हुए आरोपियों को जरा भी दया नहीं आई। वे सधे हुए आतंकियों की तरह गोली मार रहे थे। लेकिन आरोपियों को जब कार में बैठी दो महिलाएं दिखीं तो वे समझ गए कि उन्होंने गलत युवक की हत्या की है और वे मौके से भाग गए।
आर्यन को अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। सूत्रों ने बताया कि घटना में इस्तेमाल किया गया हथियार भी अवैध था। आरोपी फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं और आगे की जांच जारी है।
हरियाणा में कथित गौरक्षकों का आतंकवाद बढ़ता जा रहा है। हाल ही में चरखीदादरी में कूड़ा बीनने वाले बंगाली मजदूर साबिर की हत्या गौमांस खाने के शक में कर दी गई। इस घटना पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बयान दिया था कि गांवों में गायों को लेकर काफी सम्मान है। अगर गांव वालों को पता चल जाता है तो उन्हें रोकना मुश्किल हो जाता है। पिछले हफ्ते हुए चरखीदादरी कांड को रफादफा कर दिया गया। इससे पहले मेवात में इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं, जब कथित गौरक्षकों ने कानून हाथ में लेकर इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया है। बल्लभगढ़ में चलती ट्रेन में जुनैद नामक युवक की हत्या असामाजिक तत्वों ने इसी तरह की थी लेकिन मामले को ट्रेन की सीट विवाद से जोड़ा गया। गुड़गांव के कथित गौरक्षकों ने राजस्थान से पशु पालकों को उठाकर उन्हें भिवानी के पास उनकी गाड़ी के साथ जिन्दा जला दिया गया।