गौरक्षाः मेवात महापंचायत में धमकियां, सरकारी शर्तें टूटीं
मेवात के नूंह में रविवार को हिन्दू महापंचायत में तमाम लोग तलवारें और बंदूक लेकर पहुंचे। हालांकि जिला प्रशासन ने अनुमति देते हुए शर्तें लगाई थीं कि कोई हथियार लेकर नहीं आएगा और न ही नफरती भाषण होंगे। लेकिन मंच से समुदाय विशेष को धमकियां दी गईं। हरियाणा सरकार को मंच से चेतावनी दी गई है कि वो गाय तस्करी के मामलों की सुनवाई के लिए एक विशेष फास्ट-ट्रैक अदालत खोले। एक महीने का समय दिया गया है। इस उग्र महापंचायत में सोहना के बीजेपी विधायक संजय सिंह मौजूद थे। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और गौ रक्षा दल के सदस्यों ने यह ' हिन्दू महापंचायत' आयोजित की थी। इसमें राज्य सरकार से मेवात में गो तस्करी और वध के खतरे को समाप्त करने की अपील की गई। उन्होंने गौ तस्करी और वध में लगे लोगों की संपत्तियों की कुर्की और नीलामी की भी मांग की।
फिरोजपुर झिरका के कांग्रेस विधायक मम्मन खान की "गौ रक्षकों" (गोरक्षकों) के खिलाफ कथित टिप्पणी के जवाब में 'महापंचायत' बुलाई गई थी। सोहना के बीजेपी विधायक संजय सिंह को सौंपे गए मांगपत्र में, 'महापंचायत' ने गौरक्षकों के खिलाफ सभी एफआईआर रद्द करने की मांग की।भाषण में कहा गया कि मवेशी तस्करों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए। सभी तस्करों पर एक विशेष फास्ट-ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाना चाहिए और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। गोहत्या के माध्यम से उनकी सभी संपत्तियों की नीलामी की जानी चाहिए और 'गौशालाओं' और 'गौ रक्षकों' को वितरित की गई धनराशि को वितरित किया जाना चाहिए।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि महापंचायत में कुछ लोग तलवारें और बंदूके लेकर आए थे। समुदाय विशेष को मंच से चेतावनी दी गई।
इस संबंध में पूछे जाने पर, नूंह के डिप्टी कमिश्नर अजय कुमार ने टीओआई को बताया कि उन्होंने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ शर्तों के साथ रविवार दोपहर को पंचायत आयोजित करने की अनुमति दी थी। शर्तों में से एक यह थी कि किसी को भी हथियार के साथ आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हम इसके खिलाफ उचित कार्रवाई कर रहे हैं। नूंह पुलिस ने इस संबंध में किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया।