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स्वास्थ्य ढांचे को ध्वस्त कर सकती है कोरोना की सुनामी: डब्ल्यूएचओ 

स्वास्थ्य ढांचे को ध्वस्त कर सकती है कोरोना की सुनामी: डब्ल्यूएचओ 

बीते 1 महीने में ओमिक्रॉन दुनिया भर के अधिकतर देशों में फैल चुका है और ठीक इसी वक्त ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका में डेल्टा वैरिएंट की वजह से कोरोना के हजारों केस आ रहे हैं। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेताया है कि कोरोनावायरस की सुनामी दुनिया भर के स्वास्थ्य ढांचे को ध्वस्त कर सकती है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस ने कहा कि वे ओमिक्रॉन को लेकर बेहद चिंतित हैं क्योंकि यह बेहद तेजी से फैलता है और इसी वक्त डेल्टा वैरिएंट भी फैल रहा है और इस वजह से कोरोना की सुनामी आ रही है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होना जारी रहता है तो इससे स्वास्थ्य कर्मियों पर जबरदस्त दबाव पड़ेगा और हमारा स्वास्थ्य ढांचा ध्वस्त होने की कगार पर पहुंच जाएगा। 

टेड्रोस ने कहा कि स्वास्थ्य ढांचे पर जो दबाव पड़ा है वह सिर्फ कोरोनावायरस के नए मरीजों की वजह से ही नहीं है बल्कि बड़ी संख्या में बीमार होते स्वास्थ्य कर्मियों की वजह से भी है। 

बता दें कि बीते 1 महीने में ओमिक्रॉन दुनिया भर के अधिकतर देशों में फैल चुका है और ठीक इसी वक्त ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका में डेल्टा वैरिएंट की वजह से कोरोना के हजारों केस आ रहे हैं। 

इससे लड़ने के लिए स्वास्थ्य ढांचा बेहद मजबूत होना जरूरी है। दुनिया भर के स्वास्थ्य कर्मी पिछले लगभग 2 साल से कोरोना की महामारी के दौरान लगातार काम करते रहे हैं और ऐसे में एक बार फिर कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से उन पर दबाव बढ़ गया है। 

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने इसी ओर संकेत किया है कि ऐसे हालात में स्वास्थ्य ढांचा बिखर सकता है। डब्ल्यूएचओ ने यह उम्मीद जताई है कि 2022 में कोरोना महामारी का खात्मा हो जाएगा। 

डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि 2021 के अंत तक हर देश की 40 फ़ीसदी आबादी को पूरी तरह कोरोना वैक्सीन की डोज लग जानी चाहिए और 2022 के मध्य तक हर देश के 70 फीसद लोगों को पूरे टीके लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने कहा कि यूरोप के अलावा अन्य कई देशों में बड़ी संख्या में आ रहे कोरोना के मामलों के पीछे गलत जानकारी और अफ़वाह होना भी एक वजह है। उन्होंने कहा कि इस वजह से लोग वैक्सीन लगाने से पीछे हटे हैं और टीका नहीं लगाने वालों की मौत हो रही है। 

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने इस बात पर चिंता जताई कि 2020 में कोरोना से एक 1.8 लाख लोगों की मौत हुई थी जबकि 2021 में यह आंकड़ा 3.5 लाख तक पहुंच गया। उन्होंने कहा कि असल आंकड़े इससे कहीं ज्यादा हो सकते हैं। 

भारत में भी बीते दिनों में बड़ी संख्या में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले आए हैं और ऐसे में जब यह वायरस अधिकतर राज्यों में फैल चुका है तो स्वास्थ्य ढांचे का मजबूत होना और इसे लेकर सतर्क रहना बेहद जरूरी है। 

भारत में ओमिक्रॉन के चलते कोरोना की तीसरी लहर आने का अंदेशा जताया जा चुका है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के चलते हो रही रैलियों के कारण भी वायरस के बहुत तेज रफ्तार के साथ फैलने का खतरा बना हुआ है। 

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