चीन: 'तीन माह में आएँगी तीन लहरें': विशेषज्ञों की चेतावनी
चीन में कोरोना का मौजूदा कहर कब तक रहेगा, इसका अनुमान महामारी विज्ञानियों ने लगाया है। उन्होंने सर्दियों के दौरान देश में वायरस की कम से कम तीन लहरों का अनुमान लगाया है। वह भी तीन महीने के अंदर। यानी अभी से लेकर मार्च तक चीन एक के बाद एक तीन लहरों का सामना कर सकता है। ऐसा महामारी विज्ञानियों ने अनुमान लगाया है।
उनका यह अनुमान ऐसे ही नहीं है, बल्कि कुछ तथ्यों पर आधारित है। एएनआई ने हॉन्गकॉन्ग पोस्ट की रिपोर्ट के हवाले से यह ख़बर दी है। इसके अनुसार हॉन्गकॉन्ग पोस्ट ने सरकारी मीडिया में आए चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुख्य महामारी विज्ञानी वू ज़ुन्यो के बयान के हवाले से कहा है, 'वर्तमान प्रकोप इस सर्दी में चरम पर होगा और तीन लहरों में चलेगा।' रिपोर्ट के अनुसार वू जुनयू ने बीजिंग में एक संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी की।
रिपोर्ट में वू के हवाले से कहा गया है, 'पहली लहर अब से जनवरी के मध्य तक चलेगी। इसके बाद दूसरी लहर के जल्द ही आने की आशंका है। यह लहर 21 जनवरी से शुरू होने वाले चंद्र नव वर्ष के लिए देश भर में सैकड़ों लाखों लोगों की सामूहिक यात्रा से शुरू हो सकती है।' समाचार रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने भविष्यवाणी की है कि 'छुट्टियों से काम पर लौटने के बाद फ़रवरी के अंत से मार्च के मध्य तक तीसरी लहर' का सामना करना पड़ेगा।
बता दें कि चीन में कोरोना से बड़ी संख्या में मौत होने की आशंका जताई गई है। लंदन स्थित ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स फर्म ने कहा है कि अगर चीन अपनी ज़ीरो कोविड नीति को हटाता है तो 13 लाख से 21 लाख लोगों की जान जोखिम में पड़ सकती है।
ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स फर्म ने कहा है, 'चीन की आबादी में प्रतिरक्षा का स्तर बहुत कम है। इसके नागरिकों को घरेलू स्तर पर उत्पादित वैक्सीन सिनोवैक और सिनोफार्म के टीके लगाये गये, जो काफी कम प्रभावकारिता वाले साबित हुए हैं और ये संक्रमण और मृत्यु के ख़िलाफ़ कम सुरक्षा प्रदान करते हैं।'
हाल ही में महामारी विशेषज्ञ एरिक फीगल-डिंग ने कहा है कि चीन में अस्पताल पूरी तरह से चरमरा गए हैं और अगले 90 दिनों में चीन की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी के संक्रमित होने और लाखों लोगों की मौत होने की आशंका है।
चीन में कोरोना से हालात ख़राब होने की ख़बर भी आ रही है। पिछले कुछ महीनों से चीन में मामले बढ़ने शुरू हुए तो सरकार ने सख्त लॉकडाउन व अन्य पाबंदियाँ लगाईं। लेकिन जैसे ही इसने उसमें ढील दी, ज़ीरो कोविड नीति में ढील दी तो संक्रमण बेतहाशा बढ़ा। अस्पताल मरीजों से अटे पड़े हैं और श्मशान और कब्रिस्तान में शवों की तादाद काफ़ी ज़्यादा बढ़ गई है।
हांगकांग पोस्ट ने पश्चिमी मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा है कि मांग में वृद्धि के कारण फ़ार्मेसी में स्टॉक कम पड़ रही हैं।
हांगकांग विश्वविद्यालय के तीन प्रोफेसरों के अनुमानों के अनुसार, देश भर में फिर से लॉकडाउन खुलने से मौजूदा परिस्थितियों में प्रति मिलियन लोगों पर 684 लोगों की मौत हो सकती है। चीन की आबादी क़रीब 1.4 बिलियन है।
अध्ययन के अनुसार, सभी प्रांतों में कोरोना प्रतिबंध हटाने से अस्पताल की क्षमता में 1.5 से 2.5 गुना वृद्धि देखी जाएगी। अगर चीन लोगों को बूस्टर शॉट्स और एंटी-वायरल ड्रग्स दे तो ख़राब हालात से बचा जा सकता है।