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ख़तरा: तेलंगाना, कर्नाटक में 100 से ज़्यादा छात्र कोरोना पॉजिटिव

ख़तरा: तेलंगाना, कर्नाटक में 100 से ज़्यादा छात्र कोरोना पॉजिटिव

कर्नाटक और तेलंगाना में बीते तीन दिनों में कुल मिलाकर 100 से ज़्यादा छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। ओमिक्रॉन के संक्रमण के बीच यह चिंताजनक ख़बर है। 

देश भर में ओमिक्रॉन के बढ़ते ख़तरे के बीच कर्नाटक और तेलंगाना से परेशान करने वाली ख़बर आई है। दोनों ही जगहों पर बीते तीन दिनों में कुल मिलाकर 100 से ज़्यादा छात्र कोरोना पॉजीटिव पाए गए हैं। उधर, ओमिक्रॉन का संक्रमण भी अपने पांव पसार रहा है और अब यह राजस्थान तक पहुंच गया है। 

तेलंगाना के करीमनगर में आनंद राव इंस्‍टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज के 43 छात्र कोरोना पॉजीटिव मिले हैं। अधिकारियों ने इस कॉलेज को बंद कर दिया है। पिछले हफ़्ते कॉलेज में एक कार्यक्रम हुआ था और उसके बाद ही इन छात्रों के कोरोना पॉजीटिव होने का सिलसिला शुरू हुआ। 

स्वास्थ्य महकमे ने कैंपस के सभी 1 हज़ार छात्रों का कोरोना टेस्ट कराने का फ़ैसला किया है।

संक्रमित लोगों में से 92 फ़ीसदी को पहली डोज लग चुकी थी जबकि 46 फ़ीसदी को दोनों डोज़ लगी थीं। 

इसी तरह कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले के जवाहर नवोदय विद्यालय में 59 छात्र और स्टाफ़ के 10 लोग कोरोना पॉजीटिव पाए गए हैं। स्वास्थ्य महकमे का कहना है कि इनमें से किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं हैं और सभी को आइसोलेट कर दिया गया है। 

306 लोग हुए थे संक्रमित

दो हफ़्ते पहले कर्नाटक के धारवाड़ में स्थित एसडीएम मेडिकल कॉलेज में एक फ्रेशर पार्टी हुई थी, जिसके बाद कॉलेज के स्टूडेंट और स्टाफ़ में से 306 लोग कोरोना पॉजीटिव पाए गए थे। इनमें से अधिकतर लोगों को वैक्सीन को दोनों डोज लग चुकी थीं। संक्रमित लोगों को कॉलेज के कैंपस के अंदर ही क्वारंटीन किया गया था और दो हॉस्टल को भी सील कर दिया गया था। 

फैल रहा ओमिक्रॉन 

उधर, कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली और महाराष्ट्र के बाद यह वैरिएंट अब राजस्थान पहुंच गया है। राजस्थान के जयपुर में इस वैरिएंट से संक्रमण के नौ मामले मिले हैं। इन नौ लोगों में से चार लोग कुछ दिन पहले दक्षिण अफ्रीका से आए थे। 

राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि जयपुर में संक्रमित मिले नौ लोगों ने 28 नवंबर को एक शादी समारोह में शिरकत की थी। इन लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया तो इनके ओमिक्रॉन से संक्रमित होने की बात सामने आई। 

दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहली बार 25 नवंबर को ओमिक्रॉन के पहले मामले की पुष्टि हुई थी। इसके बाद से कई देशों में इस संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। 

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