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6 से 12 साल की उम्र के बच्चों को भी लगेगी वैक्सीन 

6 से 12 साल की उम्र के बच्चों को भी लगेगी वैक्सीन 

स्कूल खुलने के बाद छोटे बच्चों के संक्रमित होने के बीच उन्हें वैक्सीन लगने से वे कोरोना से संक्रमित होने से बच सकेंगे। 

भारत में अब 6 से 12 साल की उम्र के बच्चों को भी कोरोना की वैक्सीन लग सकेगी। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को इस उम्र के बच्चों को लगाए जाने को हरी झंडी दे दी है। बीते दिनों जब लंबे वक्त बाद बच्चों के स्कूल खुले तो दिल्ली-एनसीआर के शहरों में बड़ी संख्या में छोटे बच्चे कोरोना से संक्रमित हो गए। 

ऐसे में इस उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाने की मंजूरी मिलना निश्चित रूप से उनके माता-पिता के लिए एक राहत भरी खबर है।

डीसीजीआई ने भारत बायोटेक से कहा है कि वह इस बारे में सेफ्टी डाटा उसके पास जमा करे। इसके साथ ही पहले 2 महीने तक भारत बायोटेक हर 15 दिनों में इसका विश्लेषण भी डीसीजीआई को दे।

डीसीजीआई ने 5 से 12 साल की उम्र के बच्चों को कोर्बिवैक्स वैक्सीन लगाने की लिए भी हरी झंडी दे दी है। 

इस साल 16 मार्च से 12 से 14 साल की उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाए जाने का कार्यक्रम शुरू किया गया था और बीते लगभग डेढ़ महीने में बड़ी संख्या में इस आयु वर्ग के बच्चों ने वैक्सीन लगवाई है।

मार्च में ही सरकार ने 60 साल से ऊपर की उम्र के लोगों के लिए प्रिकॉशनरी डोज लगने के मामले में भी को-मॉरबिडिटी की शर्त को खत्म कर दिया था।

केंद्र सरकार ने इस साल की शुरुआत में ही 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाने का काम शुरू किया था।

निश्चित रूप से कोरोना से बच्चों की सुरक्षा की दिशा में यह एक बड़ा क़दम होगा। क्योंकि बच्चों को वैक्सीन न लगने के कारण उनके संक्रमित होने का ख़तरा ज़्यादा था और इस वजह से बीते दो साल में देश भर में लंबे वक़्त तक स्कूलों को बंद रखना पड़ा था। 

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