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कोरोना दवा बनने की संभावना बढ़ी; क्या इसी साल आ जाएगा टीका?

कोरोना दवा बनने की संभावना बढ़ी; क्या इसी साल आ जाएगा टीका?

कोरोना संकट के जूझ रही दुनिया के लिए एक दवा से उम्मीद जागी है। कोरोना वायरस वैक्सीन यानी टीका तैयार होने की संभावना बढ़ी है। लोगों में इस टीका को आजमाये जाने की रिपोर्ट आई है।

कोरोना संकट के जूझ रही दुनिया के लिए एक दवा से उम्मीद जागी है। कोरोना वायरस वैक्सीन यानी टीका तैयार होने की संभावना बढ़ी है। लोगों में इस टीका को आजमाये जाने की रिपोर्ट आई है। टीका बनाने की एक के बाद एक लगातार कई रिपोर्टें आने के बीच इस बार की यह ख़बर कुछ ठोस जान पड़ती है। यह इसलिए कि जैसे ही दवा बनाने वाली कंपनी मॉडर्ना ने इस टीका को इंसानों पर आजमाए जाने की घोषणा की शेयर बाज़ार में इसके शेयरों में ज़बरदस्त उछाल आया। इससे मॉडर्ना का यह ताज़ा दावा काफ़ी उम्दा जान पड़ता है। कंपनी ने तो यह उम्मीद भी जताई है कि इस साल के आख़िर या अगले साल की शुरुआत तक यह लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगा। तो सवाल है कि कोरोना दवा कंपनी ने कितनी तरक्की की है

मॉडर्ना ने सोमवार को कहा कि लोगों में परीक्षण किया जाने वाला पहला कोरोना वायरस वैक्सीन सुरक्षित और वायरस के ख़िलाफ़ इम्यून यानी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रोत्साहित करने में सक्षम लगता है। कंपनी का यह दावा उस आधार पर है जिसमें इसने मार्च की शुरुआत में आठ लोगों पर इस वैक्सीन के दो-दो डोज को आजमाया है। 

वे लोग 18 से 55 वर्ष की आयु के हैं और पूरी तरह स्वस्थ हैं। फिर इन लोगों के शरीर से एंटीबॉडी का परीक्षण लैब में मानव कोशिकाओं पर किया गया। और वे एंटीबॉडी वायरस को फिर से पनपने से रोकने में सक्षम थे। वैक्सीन में यही सबसे प्रभावी और महत्वपूर्ण ज़रूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उन न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडीज का स्तर उन रोगियों में पाए गए एंटीबॉडीज के स्तरों से मेल खाता है जो कोरोना वायरस की बीमारी से ठीक हो गए थे। हालाँकि कंपनी की ओर से कहा गया है कि अब दो और आयु वर्ग, 55 से 70 व 71 और उससे अधिक पर वैक्सीन का परीक्षण करने की तैयारी की जा रही है।

मॉडर्ना इस वैक्सीन को बनाने में तेज़ी से आगे बढ़ रही है और अमेरिकी फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने कंपनी को दूसरे फ़ेज के ट्रायल के लिए मंजूरी दे दी है।

हालाँकि कंपनी ने जो दावे किए हैं वे काफ़ी उत्साहजनक हैं लेकिन यह अभी भी काफ़ी छोटे स्तर पर ही परीक्षण किया गया है। इसलिए इस आधार पर पुख्ता रूप से अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि यह दवा पूरी तरह से काम ही करेगी। इसे और पुख्ता बनाए जाने के लिए बड़े स्तर पर परीक्षण की ज़रूरत होगी। इसके बाद ही इस वैक्सीन को कोरोना के ख़िलाफ़ कारगर घोषित किया जा सकता है। 

मॉडर्ना के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ताल ज़क्स ने एक इंटरव्यू में कहा कि यदि यह ट्रायल ठीक-ठीक चलता रहा तो यह वैक्सीन इस साल के आख़िर में या 2021 की शुरुआत में आम लोगों के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो जाएगा। 

यही वह घोषणा है जिसके बाद कंपनी के शेयरों में ज़बरदस्त उछाल आया। मॉडर्ना के शेयरों में 25 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई। एस एंड पी 500 में भी 3 फ़ीसदी का उछाल आया।

बता दें कि मॉडर्ना ने यह वैक्सीन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ एलर्जी एंड इंफेक्शस डिजीज के साथ मिलकर बनाया है जिसके प्रमुख डॉ. एंथोनी फॉसी हैं। यही संस्थान क्लिनिकल ट्रायल का नेतृत्व कर रहा है। अमेरिका के फ़ेडरल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हेल्थ का एक हिस्सा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ एलर्जी एंड इंफेक्शस डिजीज संस्थान कोरोना वायरस के टीका बनाने के लिए दूसरे शोधों में भी शामिल है।

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