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कई देशों में रिकॉर्ड कोरोना केस, इटली में युद्ध के वक़्त जितनी मौतें

कई देशों में रिकॉर्ड कोरोना केस, इटली में युद्ध के वक़्त जितनी मौतें

कोरोना की वैक्सीन की आ रही एक के बाद एक उम्मीद वाली ख़बरों के बीच ही कई देशों में कोरोना संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है और मौत के रिकॉर्ड मामले आ रहे हैं।

कोरोना की वैक्सीन की आ रही एक के बाद एक उम्मीद वाली ख़बरों के बीच ही कई देशों में कोरोना संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है और मौत के भी रिकॉर्ड मामले आ रहे हैं। अमेरिका में बुधवार को क़रीब ढाई लाख संक्रमण के नये मामले आए और 3400 से ज़्यादा मौतें हुईं। दक्षिण कोरिया में संक्रमण के मामलों में रिकॉर्ड तेज़ी आई है। जर्मनी में बुधवार को रिकॉर्ड 952 मौतें हुईं। इटली में इतनी मौतें हो रही हैं जितनी युद्ध के दौरान होती हैं और वहाँ दूसरे विश्वयुद्ध के बाद सबसे ज़्यादा मौतें इस साल होने की आशंका है। और अकेले अमेरिका में तो अब तक 3 लाख से ज़्यादा भी मौतें हो चुकी हैं। 

अमेरिका में फाइजर वैक्सीन को लगाने की मंजूरी मिल चुकी है और इसकी शुरुआत हो भी गई है। लेकिन इस बीच डराने वाली ख़बर यह है कि अमेरिका कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का शिकार है। दिसंबर महीने में रिकॉर्ड संक्रमण के मामले आ रहे हैं। दो दिसंबर के बाद से हर रोज़ क़रीब 2 लाख से ज़्यादा संक्रमण के मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इससे पहले अमेरिका में सिर्फ़ एक बार 20 नवंबर को 2 लाख 4 हज़ार संक्रमण के मामले आए थे। 

वर्ल्डओ मीटर इंफ़ो के अनुसार, अमेरिका में सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले 11 दिसंबर को क़रीब 2 लाख 47 हज़ार पॉजिटिव केस आए थे। अब 16 दिसंबर को 2 लाख 46 हज़ार संक्रमण के मामले आए हैं। अमेरिका में अब तक 1 करोड़ 73 लाख संक्रमण के शिकार हो चुके हैं और 3 लाख 14 हज़ार से ज़्यादा मौतें हो चुकी हैं।

दक्षिण कोरिया में बुधवार को रिकॉर्ड 1078 नये मामले दर्ज किए जाने के बाद वहाँ की सरकार ने तुरंत ही अस्पताल के बेड बढ़ाए जाने पर ज़ोर दिया है ताकि देश में महामारी के अब तक के सबसे ज़्यादा असर से निपटा जा सके। रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में बुधवार को सिर्फ़ तीन बेड ही खाली थे।

दक्षिण कोरिया वही देश है जिसने बिना लॉकडाउन किए ही कोरोना को अब तक नियंत्रित किया था और दुनिया भर में उसके मॉडल की तारीफ़ की गई। स्थिति से निपटने में इसके मॉडल को ही अधिकतर देशों में अपनाया गया।

इटली में अब स्थिति ऐसी है कि पाबंदियों में और सख़्ती की जा रही है। देश में आँकड़े जारी करने वाली नेशनल स्टेटिस्टिक्स ब्यूरो ने कहा है कि देश में इस साल मौतें दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे ज़्यादा होंगी। ब्यूरो ने कहा है कि इस साल इटली में कुल मौतें 7 लाख से ज़्यादा हो सकती हैं। इस संख्या में कोरोना के अलावा दूसरे कारणों से हुई मौतें भी शामिल हैं। 

 - Satya Hindi

नेशनल स्टेटिस्टिक्स ब्यूरो के प्रमुख जियान कार्लो ब्लांगियार्डो ने कहा है कि इस साल इटली में मौतों की कुल संख्या 700,000 से अधिक होगी। पिछले साल 2019 में 647,000 मौतें हुई थीं। उन्होंने सरकारी टेलीविजन आरएआई से कहा, 'पिछली बार ऐसा तब हुआ था जब 1944 में दूसरा विश्व युद्ध चरम पर था।'

इटली में मंगलवार को कोरोना से 846 मौतें हुईं और अब तक 65 हज़ार से ज़्यादा मौतें कोरोना के कारण हो चुकी हैं। कोरोना से मौत के मामले में दुनिया में यह पाँचवें स्थान पर है। क्रिसमस से पहले बुधवार से इटली में दुकानें और स्कूल भी बंद किए गए हैं। नवंबर में ही बार, रेस्त्राँ आदि बंद कर दिए गए थे जब कोरोना की दूसरी लहर आई। 

जर्मनी में भी ऐसी ही हालत है। जर्मनी में भी सख़्ती बढ़ाई जा रही है। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और 16 राज्यों के गर्वनरों ने रविवार को नयी सख़्ती की घोषणा की। यह ऐसे समय में हो रहा है जब बुधवार को जर्मनी में रिकॉर्ड 952 मौतें हुई हैं। 

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