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कोरोना: भारत ले सबक, चीन के नानजिंग शहर ने कैसे किया क़ाबू

कोरोना: भारत ले सबक, चीन के नानजिंग शहर ने कैसे किया क़ाबू

क्या आपको पता है कि चीन का एक शहर ऐसा है जहाँ आठ मार्च से कोरोना का कोई नया केस नहीं आया। यानी एक तरह से कहें तो उन्होंने इस वायरस के फैलने पर नियंत्रण पा लिया है। तो आख़िर उन्होंने कोरोना पर कैसे काबू पाया? 

क्या आपको पता है कि चीन का एक शहर ऐसा है जहाँ आठ मार्च से कोरोना का कोई नया केस नहीं आया। यानी एक तरह से कहें तो उन्होंने इस वायरस के फैलने पर नियंत्रण पा लिया है। तो आख़िर उन्होंने कोरोना पर कैसे काबू पाया? 

चीन का यह शहर है नानजिंग। इस शहर की आबादी है तक़रीबन 80 लाख। आँकड़ों के मुताबिक़ इस वायरस से प्रभावित लोगों की संख्या हर रोज़ जहाँ 93 तक पहुँच गई थी पर वह 8 मार्च तक ज़ीरो हो गई है।

तो आइए, आपको बताते हैं कि उस शहर में किन क़दमों को उठाकर कोरोना वायरस को नियंत्रित किया गया है।

यदि आप नानजिंग शहर में बाहर से आ रहे हैं तो आपको रजिस्टर कराना होगा। समूहों में इकट्ठा होने की मनाही है। सुपरमार्केट में जाते ही पहले आपके शरीर के तापमान की जाँच होती है। लिफ्ट में टिश्यू पेपर रखे हैं। यदि आपको लिफ्ट का बटन दबाना है तो टिश्यू पेपर से दबाएँ।

होटल-रेस्त्राँ

होटलों-रेस्त्राओं में हर घंटे स्वच्छता की जाँच होती है। यहाँ यदि आप स्नैक्स लेने भी पहुँचते हैं तो आपको पहले अपनी पूरी जानकारी देनी होगी। इसके लिए क्यू आर कोड लगे होते हैं, मोबाइल से स्कैन कर पूरी जानकारी देनी होती है। 

भुगतान भी सिर्फ़ कैशलेस और बिना छुए होता है। पैकेज्ड फूड लेते हैं तो उस पर इसको तैयार करने वाले आदमी और डिलीवरी मैन के नाम और उस व्यक्ति का तापमान भी दर्ज किया जाता है।

यदि आप वहाँ बैठकर खाना खाना चाहते हैं तो क्यू आर कोड से आपको अपनी पूरी जानकारी देनी होगी और यह बताना होगा कि कहीं आप पिछले 14 दिन के अंदर हुएई प्रांत यानी वुहान में तो नहीं गए हैं।

यदि होटल में खाना खाते हैं तो एक-दूसरे से काफ़ी दूरी बनाए रखनी होगी। एक टेबल पर एक ही व्यक्ति बैठ सकता है। दो टेबलों के बीच दूरी क़रीब 2 मीटर तक है।

यातायात

यदि आप कैब बुक करते हैं तो आप पाएँगे कि कैब में ड्राइवर और यात्री के बैठने की जगह के बीच प्लास्टिक कवर लगाया गया है। कैब ड्राइवर दिन में तीन बार इन्फ़ेक्शन को ख़त्म करने वाली दवा छिड़कते हैं।

मेट्रो परिसर में घुसते ही आपका तापमान चेक किया जाता है। मेट्रो में बार-बार घोषणा की जाती है कि सभी की ज़िम्मेदारी है कि मेट्रो की खिड़की के पास लगे क्यू आर कोड स्कैन कर अपनी पूरी जानकारी रजिस्टर करें। इसमें उस दौरान का समय भी दर्ज होता है।

ये जानकारियाँ इसलिए देनी ज़रूरी हैं कि यदि वायरस से प्रभावित कोई व्यक्ति है तो उस बारे में जानकारी दी जा सके और उस दौरान आसपास रहे लोग अपनी जाँच करवा सकें। मेट्रो में सभी लोग मास्क लगाए हैं। यदि आप मास्क लगाए हुए नहीं हैं तो आपको कहीं आने-जाने नहीं दिया जाएगा।

आउटडोर गतिविधियाँ

काफ़ी भीड़भाड़ इलाक़े भी खाली-खाली हैं। गिने-चुने लोग ही देखे जा सकते हैं। इसके लिए किसी ख़ास क्षेत्र में वायरस संक्रमण देखने के लिए 'इन्फ़ेक्शन डिटेक्शन मैप' भी है। इसमें दिखाता है कि कहाँ वायरस से पीड़ित लोग थे और कहाँ-कहाँ वे पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। 

नानजिंग में लोगों के बीच प्रसिद्ध जगहों में से एक कन्फ्यूसियस टेंपल है। वहाँ पहले अंदर घुसने के कई दरवाजे खुले होते थे। लेकिन अब सिर्फ़ एक से ही अंदर जाने की इजाज़त है। यहाँ भी क्यू आर कोड से जानकारी देने के बाद भी अंदर जाने दिया जाता है। इसमें आई कार्ड नंबर भी देना होता है यानी कोई दूसरे देश से जाए तो उसका अंदर जाना मना है।

कंपनियों में काम

कुछ कंपनियों ने कार्यालय क़रीब दो हफ़्तों के लिए बंद कर दिए हैं। यदि कंपनी खुली हो तो काम करने वाले सभी लोगों का मास्क पहनना ज़रूरी है। कंपनी में सैनिटाइज़र होना चाहिए। हर कर्मचारी का तापमान हर रोज़ मापा जाना ज़रूरी है। इस रिपोर्ट को अधिकारियों को देना ज़रूरी है। अधिकारी कार्यालय जाकर भी चेक करते हैं। यदि किसी को बुखार है तो कई क़दम उठाने होते हैं और इसकी पूरी जानकारी देनी होती है कि संबंधित व्यक्ति उस दौरान कहाँ-कहाँ गया। क्या उसे जुकाम है। वह बाइक से आता है या कार से? 

कर्मचारी लंच के लिए खाना लाना घर से पसंद करते हैं। 

चीन में सभी स्कूल एक महीने के लिए बंद हैं। इस दौरान बच्चे घर पर ही ऑनलाइन कक्षायें ले रहे हैं।

स्वास्थ्य निगरानी

नानजिंग के बाहर से या विदेश से आए कर्मचारियों को दो हफ़्ते के लिए निगरानी में रखा जाता है। होटलों में कोरोना फैलने की आशंका की वजह से सेंट्रल एयर कंडीशनिंग सिस्टम को बंद कर दिया गया है। होटल स्टाफ़ तीन बार खाना पहुँचाते हैं। होटल में खाना पहुँचाने के लिए जब लिफ्ट का प्रयोग किया जाता है तो उस दौरान उसमें किसी दूसरे व्यक्ति को जाने की इजाज़त नहीं होती है जिससे कि वायरस न फैले।

वायरस को नियंत्रित करने के लिए इतने सख़्त क़दम को पालन कराना आसान नहीं है। लेकिन अगर जान बचानी है तो ऐसे क़दम तो उठाने ही होंगे वर्ना लोगों की जानें जाएँगी।

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