मुंबई-पुणे से अपने गांवों की ओर भाग रहे लोग, कैसे रुकेगा कोरोना का संक्रमण?
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से निपटने के लिए राज्य सरकार ने चार शहरों को 31 मार्च तक बंद करने की घोषणा तो कर दी लेकिन इसके साथ ही एक नयी मुसीबत सरकार के सामने खड़ी हो गई है। मुंबई और पुणे में नौकरी करने वाले लोग इस वायरस के संक्रमण के खौफ से अपने गांवों की तरफ़ भाग रहे हैं। इस वजह से पुणे, मुंबई में लंबी दूरी के रेलवे और बस स्टेशनों पर देर शाम से ही भारी भीड़ रही।
सरकार सोशल डिस्टेंसिंग के जरिये दफ्तरों-दुकानों को बंद करवाकर कोरोना के संक्रमण को रोकने की योजना बना रही है लेकिन मुंबई, पुणे के रेलवे स्टेशनों पर उमड़ रही भारी भीड़ उसके लिये परेशानी का कारण बन गयी है।
गांवों में फैलेगा कोराना वायरस!
महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में 11 नए लोगों में कोरोना वायरस से संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें से 8 लोग विदेश यात्रा से मुंबई लौटे हैं जबकि 3 उनके संपर्क में आने की वजह से संक्रमित हुए हैं। इनमें 10 मामले मुंबई तथा एक पुणे का है। हालांकि महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री से महाराष्ट्र को लंबी दूरी की अधिक ट्रेन मुहैया कराने का अनुरोध किया है ताकि इस भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। लेकिन यह फार्मूला ज्यादा खतरनाक हो सकता है क्योंकि यदि कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति ट्रेन में यात्रा करेगा तो वह दूसरे लोगों को और अपने गांव में जाकर भी इस संक्रमण को फैलाएगा। इससे अच्छा तो यह होगा कि सरकार लोगों से कहे कि वे जहां हैं, वहीं रहें और अपने गांवों की ओर नहीं जाएं।
घूमने-फिरने निकल गये लोग
चार शहरों को बंद करने की घोषणा के समय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह बात स्पष्ट रूप से कही थी कि यह बंद छुट्टी मनाने या घूमने-फिरने के लिए नहीं किया जा रहा है। लेकिन उसके बावजूद मुंबई के लोग शनिवार और रविवार को बेरोकटोक घूमते-फिरते रहे। अधिकांश लोग रविवार के जनता कर्फ्यू और वाट्सएप ग्रुपों की भ्रामक अफवाहों के चलते खाने-पीने का सामान खरीदते नजर आये।
राज्य सरकार ने मुंबई और प्रदेश में कोरोना पीड़ितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए टेस्टिंग लैब की संख्या तीन से बढ़ाकर सात कर दी है। स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने कहा है कि वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से लैब बढ़ाने की मंजूरी देने की मांग कर रहे हैं।
टोपे ने कहा कि मुंबई को कम से कम 15 टेस्टिंग लैब की ज़रूरत है। उधर, पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने भी इस मामले में दखल देते हुए केंद्र सरकार और स्वास्थ्य मंत्री से बात की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में कोरोना वायरस की टेस्टिंग लैब शुरू की जानी चाहिए। पवार ने कहा कि केंद्र सरकार जांच किट उपलब्ध कराये और बाक़ी का काम राज्य सरकार कर लेगी।
मध्य-पूर्व देशों से आने वाले 500 यात्रियों को शुक्रवार को पवई और सहारा हवाई अड्डे के आस-पास कुछ होटल्स में क्वरेंटीन किया गया है। इनमें से अधिकांश C श्रेणी के कोरोना पीड़ित पाए गए हैं जिन्हें 14 दिनों तक यहां ठहराया जाएगा। इनमें से अधिकांश लोग गुजरात, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के हैं। सरकार ने बढ़ते हुए मरीजों की संख्या देख वेंटिलेटर्स भी मंगाए हैं।