भारत में कोरोना वायरस पीड़ितों की संख्या 107 हुई, इटली-ईरान से 452 भारतीय लौटे
भारत में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़कर 107 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 15 मार्च दोपहर 12 बजे तक के ये आँकड़े हैं और इसमें विदेशी पर्यटकों के मामले भी शामिल हैं। अब तक इस वायरस से भारत में दो लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस से बचने के लिए देश में तो बचाव के उपाय किए ही जा रहे हैं, इसके साथ ही विदेशों में फँसे भारतीयों को भी लाने की कोशिशें तेज़ी से चल रही हैं। इस वायरस की ज़बरदस्त चपेट में आए इटली और ईरान में फँसे 452 भारतीयों को रविवार को देश में वापस लाया गया। उन्हें 14 दिन के लिए अलग-थलग रखा जाएगा। दुनिया भर में इस वायरस का खौफ है और इसलिए इससे बचने के उपाय किए जा रहे हैं। दक्षिण एशिया में भी इससे बचाव के लिए साझा प्रयास किए जा रहे हैं। दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन यानी सार्क देशों की आज वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से शिखर वार्ता होगी। इस संगठन के सभी देश इसमें शिरकत करेंगे। दक्षिण एशिया में भी कोरोना वायरस के खौफ के बाद यह शिखर वार्ता हो रही है।
इस वायरस से काफ़ी ज़्यादा प्रभावित देशों में रह रहे भारतीयों में तो खौफ और भी ज़्यादा है। सबसे पहले जहाँ चीन में इस वायरस का ज़्यादा असर था वहाँ से भारतीयों को वापस लाया गया था। अब इटली और ईरान में इसका ज़्यादा असर है। इटली से रविवार को ही 218 भारतीयों को सुरक्षित देश लाया गया है। इनमें मिलान में पढ़ने वाले 211 छात्र भी शामिल हैं। विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने उनके दिल्ली पहुँचने की जानकारी ट्वीट करके दी। उन्होंने कहा कि इन्हें 14 दिन तक डॉक्टरों की निगरानी में अलग-थलग रखा जाएगा।
218 Indians including 211 students from Milan landed in Delhi. All will be quarantined for 14 days. GoI is committed to reach out to Indians in distress, wherever they are!
— V. Muraleedharan (@MOS_MEA) March 15, 2020
Appreciate Govt. of Italy for their support and team @IndiainItaly @cgmilan1 @airindiain .@DrSJaishankar
बता दें कि चीन के बाद सबसे ज़्यादा मौतें इटली में ही हुई हैं। चीन में जहाँ 3199 लोगों की मौत हुई है वहीं इटली में 1441 लोगों की। इटली में दो दिन पहले ही एक दिन में सबसे ज़्यादा 250 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है। अब उसी इटली में इस वायरस का कहर ऐसा है कि फ़िलहाल सबसे ज़्यादा पॉजिटिव केस इटली में ही हैं। चीन से भी ज़्यादा। चीन में जहाँ फ़िलहाल क़रीब 10 हज़ार पॉजिटिव केस हैं तो इटली में 17 हज़ार से ज़्यादा लोग इससे पीड़ित हैं।
इटली में हालत बिगड़ने का ही नतीजा है कि अब विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी का केंद्र अब यूरोप हो गया है। पहले यह चीन में था। चीन ही वह देश है जिसके वुहान शहर में इस वायरस का पहला मामला सामने आया था। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि हर रोज़ अब यूरोप में उतने पॉजिटिव केस आ रहे हैं जितने केस चीन में भी कभी नहीं आए थे। चीन को छोड़ दें तो यूरोप में इतनी मौतें हुई हैं जितनी बाक़ी दुनिया में भी नहीं।
ईरान से 234 भारतीय वापस लाए गए
कोरोना वायरस की मार झेल रहे ईरान में फँसे 234 भारतीयों को भारत ले आया गया है। विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि इसमें 131 छात्र और 103 तीर्थयात्री शामिल हैं। ईरान से विमान दिल्ली पहुँचा और यहाँ से फिर यह जैसलमेर के लिए रवाना हुआ। सेना के आइसोलेशन वॉर्ड में सभी आने वालों की स्क्रीनिंग की जाएगी और इसके बाद जैसलमेर के क्वैरंटाइन में रखा जाएगा। इससे पहले शुक्रवार को भी 44 यात्रियों का एक जत्था ईरान से भारत वापस लाया गया था।
234 Indians stranded in #Iran have arrived in India; including 131 students and 103 pilgrims.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) March 14, 2020
Thank you Ambassador @dhamugaddam and @India_in_Iran team for your efforts. Thank Iranian authorities.
कोरोना वायरस से तीसरा सबसे ज़्यादा प्रभावित देश ईरान ही है। ईरान में 12 हज़ार से ज़्यादा लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है और 600 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं।
दुनिया भर में कोरोना वायरस से अब तक 5800 लोगों की मौतें हो चुकी हैं। 1 लाख 56 हज़ार से ज़्यादा लोग इस वायरस का शिकार हो चुके हैं। हालाँकि राहत की बात यह है कि इनमें से क़रीब 76 हज़ार लोग पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। चूँकि इसका इलाज नहीं ढूँढा जा सका है इसलिए सावधानियाँ बरतने पर ज़ोर दिया जा रहा है ताकि यह दूसरे लोगों में न फैले।