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महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के सात नए मामले, देश में 12वां संक्रमण

महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के सात नए मामले, देश में 12वां संक्रमण

दक्षिण अफ्रीका में 25 नवंबर को पहली बार ओमिक्रॉन का मामला सामने आने के बाद इस हफ़्ते की शुरुआत में भारत के कर्नाटक में ओमिक्रॉन के दो मामले पाए गए थे। इसके बाद से मामले बढ़ते जा रहे हैं। 

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमण के सात नए मामले पाए गए हैं। इसके साथ ही देश में ओमिक्रॉन वायरस से संक्रमित लोगों की तादाद 12 हो गई। यह निश्चित रूप से चिंता की बात है। 

बता दें कि 24 नवंबर 2021 को नाइजीरिया के लागोस से एक महिला महाराष्ट्र के  पिंपरी-चिंचवाड़ नगरपालिका क्षेत्र में अपने भाई से मिलने आई थी। उनके साथ उनकी दो बेटियों और भाई समेत कुल छह लोगों का सैंपल पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी में जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था। रविवार की शाम आई रिपोर्ट में सभी में ओमिक्रॉन वायरस पाए जाने की पुष्टि हो गई। 

इसके अलावा पुणे के एक व्यक्ति में ओमिक्रॉन वायरस की पुष्टि हुई है। इसके बाद महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन पॉजिटिव मरीजों की कुल संख्या आठ हो गई है।

इसके अलावा ओमिक्रॉन वैरिएंट दिल्ली भी पहुँच चुका है। 

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने रविवार को दिल्ली में ओमिक्रॉन वैरिएंट के पहले मामले की पुष्टि की। तंजानिया से लौटे मरीज को राष्ट्रीय राजधानी के लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ ओमिक्रॉन मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाया गया है।

सत्येंद्र जैन ने मीडिया से कहा, 'अब तक कोविड -19 पॉजिटिव आए 17 लोगों को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से बारह नमूनों का जीनोम अनुक्रमण किया गया है। शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, बारह नमूनों में से एक में ओमिक्रॉन वैरिएंट था। इस रोगी को अलग-थलग कर दिया गया है।' उन्होंने यह भी कहा कि ओमिक्रॉन से प्रभावित देशों से उड़ानें रोक दी जानी चाहिए।

दिल्ली में संक्रमण के मामलों की पुष्टि होने से पहले कर्नाटक में दो और गुजरात व महाराष्ट्र में एक-एक मामलों की पुष्टि हो चुकी है। दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहली बार 25 नवंबर को ओमिक्रॉन के पहले मामले की पुष्टि हुई थी। इसके बाद से कई देशों में इस संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। 

शनिवार को ही दक्षिण अफ्रीका से दुबई और दिल्ली के रास्ते महाराष्ट्र के मुंबई लौटे एक व्यक्ति में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण की पुष्टि हुई है। यात्री कल्याण-डोंबिवली नगरपालिका क्षेत्र का निवासी है और उसने कोविड-19 का टीका नहीं लिया है। यह देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट का चौथा मामला था। 

इससे पहले शनिवार को ही दिन में जिम्बाब्वे से गुजरात के जामनगर शहर में आये एक 71 वर्षीय एनआरआई में इस नये संक्रमण की पुष्टि हुई थी।

जामनगर के इस एनआरआई के दो सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए थे। एक गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर को, जिसने ओमिक्रॉन वैरिएंट की पुष्टि की और दूसरा एनआईवी पुणे को। एनआईवी पुणे से जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट सोमवार को आने की उम्मीद है।

कर्नाटक में ही इस वैरिएंट से संक्रमण के दो मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से एक 46 वर्षीय डॉक्टर और दूसरा 66 वर्षीय दक्षिण अफ्रीकी नागरिक नए वैरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं।

इन दो लोगों में से एक व्यक्ति हवाई जहाज से देश से बाहर चला गया है। कर्नाटक सरकार ने अब कहा है कि वह इस मामले की जाँच करेगी। कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु में नागरिक उड्डयन के अधिकारियों को एक पुलिस शिकायत दर्ज करने और एक दक्षिण अफ्रीकी यात्री को दी गई नकारात्मक कोविड टेस्ट रिपोर्ट की वैधता की जांच करने का निर्देश दिया है।

20 नवंबर को बेंगलुरु पहुंचे यात्री की हवाई अड्डे पर टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। वह बेंगलुरु के एक पांच सितारा होटल में रुके थे। 23 नवंबर को उन्होंने कथित तौर पर निजी लैब से एक नकारात्मक टेस्ट रिपोर्ट प्राप्त की। इस रिपोर्ट से उन्हें 27 नवंबर को दुबई के रास्ते दक्षिण अफ्रीका लौटने की अनुमति मिल गई। इस बीच गुरुवार यानी 2 दिसंबर को कर्नाटक सरकार ने कहा कि दक्षिण अफ्रीकी नागरिक से लिए गए नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग में ओमिक्रॉन वैरिएंट की पुष्टि हुई है।

ओमिक्रॉन वैरिएंट के ख़तरे के बीच देश में कई जगहों से इस तरह की ख़बरें आ रही हैं कि विदेशों से आए लोग ग़ायब हो गए हैं। इस तरह का एक वाकया उत्तर प्रदेश के मेरठ से भी सामने आया है। 

यहां 13 लोग ऐसे हैं जो बीते दिनों में विदेश से लौटे हैं लेकिन उनका कहीं पता नहीं चल पा रहा है। इन लोगों ने प्रशासन को अपने पते भी ग़लत दिए हैं फिर भी इन्हें खोजने की पूरी कोशिश की जा रही है।

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