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समय पर कोरोना टीकाकरण का लक्ष्य पाने के लिए रोज़ाना देनी होंगी 92 लाख खुराक़ें

समय पर कोरोना टीकाकरण का लक्ष्य पाने के लिए रोज़ाना देनी होंगी 92 लाख खुराक़ें

एक मोटे अनुमान के अनुसार, कोरोना टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने के लिए यह ज़रूरी है कि रोज़ाना कम से कम 92 लाख लोगों को कोराना टीका दिया जाए।

ऐसे समय जब कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो चुकी है और सरकारें कोरोना टीकाकरण के लक्ष्य से लगातार पिछड़ती जा रही हैं, टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल कर लेने की संभावना निहायत ही कम नज़र आती है। 

एक मोटे अनुमान के अनुसार, कोरोना टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने के लिए यह ज़रूरी है कि रोज़ाना कम से कम 92 लाख लोगों को कोराना टीका दिया जाए।

यह मुश्किल इसलिए है कि पूरे देश में औसतन रोज़ाना 30 लाख लोगों को ही कोरोना टीका दिया जा रहा है। यकायक तीन गुणा अधिक लोगों का टीकाकरण कैसे हो, यह अहम सवाल है। 

मुश्किल काम

उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र, इन चार राज्यों को अपने सर्वोत्सकृष्ट प्रदर्शन से भी दुगना काम करना होगा, जो बेहद मुश्किल है।

 यूपी और बिहार को अकेले ढ़ाई गुणा अधिक लोगों को कोरोना टीका देना होगा, तब वे इस लक्ष्य को हासिल कर सकेंगे। 

लक्ष्य हासिल करना कितना मुश्किल है, इसे इससे समझा जा सकता है कि जुलाई के अंत तक कोरोना टीके की 47 करोड़ खुराक़ें दी जा चुकी थीं। यानी 141 करोड़ खुराक़ें अभी दी जानी हैं।

153 दिन, 141 करोड़ खुराक़ें

यह निष्कर्ष इस आधार पर निकाला गया है कि देश में व्यस्क लोगों की संख्या 94 करोड़ है, सबको दो-दो खुराक़ें दी  जाएं तो 188 करोड़ खुराक़ों की ज़रूरत होगी। 

इसका मतलब यह है कि साल के शेष बचे 153 दिनों में 141 करोड़ खुराक़ें दी जानी हैं, यानी रोज़ाना 92 लाख खुराक़ें रोज़ देनी होंगी।

मौजूदा रफ़्तार को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि यह बहुत मुश्किल है। 

इसे हम समझने की कोशिश करते हैं। सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में एक दिन में सबसे ज़्यादा कोरोना टीका देने का रिकॉर्ड 6.7 लाख ख़ुराकें हैं। 

केंद्र सरकार का कहना है कि वह अगस्त में 15 करोड़ और सितंबर में 19-20 करोड़ खुराक़ें दे देगी। यह कठिन काम है। 

लेकिन हम यदि यह मान लें कि सरकार यह लक्ष्य हासिल कर लेगी, तब उसे बचे हुए 92 दिनों में 106 करोड़ खुराक़ें देनी होंगी। 

 - Satya Hindi

शुरू होते ही गिरावट

बता दें कि नई कोरोना टीका नीति के तहत 21 जून को कोरोना टीकाकरण अभियान शुरू किया गया और रिकॉर्ड कायम किया गया, लेकिन उसके एक सप्ताह के अंदर ही कोरोना टीकाकरण अभियान में गिरावट आई।

एक हफ़्ते के अंदर 68 प्रतिशत कम लोगों को कोरोना टीका दिया गया। 

21 जून को 86 लाख लोगों को कोरोना टीका देने का दावा किया गया था, लेकिन एक हफ़्ते बाद बुधवार को सिर्फ 27.6 लाख कोरोना खुराक़ें दी गईं। 

स्वास्थ्य विभाग के आँकड़ों के अनुसार, 27 जून को कोरोना टीके की सबसे कम 17.21 लाख खुऱाकें दी गईं, यह 21 जून को दी गई खुराक़ों से 80 प्रतिशत कम था।

सबसे ज़्यादा कब?

जून में सबसे अधिक औसत रोज़ाना टीकाकरण हुआ। रोज़ाना औसत 39.85 लाख कोरोना टीके लगाए गए, मई में यह संख्या 19.72 लाख और अप्रैल में 30 लाख कोरोना खुराक़ें थीं।  लेकिन इसके पहले मार्च में रोज़ाना औसतन 16.39 लाख लोगो को ही कोरोना वैक्सीन दिए गए थे। 

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