कोरोना: एमपी में भी हालात बेकाबू, श्मशान-कब्रिस्तान में लंबी लाइन
देश के कई सूबों और केन्द्र शासित प्रदेशों की तरह मध्य प्रदेश में भी कोरोना के हालात पूरी तरह बेकाबू हो गये हैं। प्रदेश में पिछले 24 घंटों में 10 हजार से ज्यादा संक्रमित मिलने का रिकॉर्ड बना। भोपाल में एक ही दिन में कोरोना पीड़ितों की मौतों का भी नया रिकॉर्ड सामने आया है। भोपाल में हर 13 मिनट में एक मौत दर्ज हो रही है।
भोपाल में कोविड मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए चिन्हित दो श्मशान घाट और एक कब्रिस्तान में गुरुवार को 112 कोरोना संक्रमित और संदिग्धों के शव पहुंचे। हालांकि सरकारी आंकड़ों में महज चार मौतें भोपाल में होना दर्शाया गया। उधर, शवों की कतार देख इन श्मशान घाट और कब्रिस्तान में कार्य करने वाले कर्मी भी थर्रा उठे।
सरकारी आंकड़ा अलग
भोपाल में सुभाष नगर विश्राम घाट पर गुरुवार को 50, भदभदा पर 88 और झदा कब्रिस्तान में 17 शव पहुंचे। कुल 155 शवों में 112 का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत किया गया। सुभाष नगर में 30, भदभदा में 72 और झदा कब्रिस्तान में 10 शवों का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल नियमों के तहत हुआ। उधर, स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों में कोरोना से कुल मौतें महज चार ही बताई गईं।
यूरोपियन प्रेस फोटो एजेंसी में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ फोटो संवाददाता संजीव गुप्ता कोविड मृतकों के लिए चिन्हित विश्राम घाट और कब्रिस्तान में पहुंच रहे शवों और उनसे जुड़ी कहानियों को निरंतर कवर कर रहे हैं।
गुप्ता ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘तीनों चिन्हित अंतिम संस्कार स्थलों पर कोविड से मारे गये लोगों के शवों के पहुंचने का सिलसिला गुरुवार के दिन सरीखा ही बना हुआ है। हर दिन 80-90 शव पिछले पांच-छह दिनों से एवरेज पहुंच रहे हैं।
पिछले 40 वर्षों से प्रेस फोटोग्राफर संजीव गुप्ता ने भोपाल गैस कांड के भयावह मंजर को भी कवर किया है। गुप्ता कोरोना से हो रही मौतों के मंजर को कवर करने के बाद दावा कर रहे हैं, ‘हालात गैस कांड से भी भयावह हैं।’
जेसीबी मशीनों से कर रहे खुदाई
झदा कब्रिस्तान से जुड़े कांग्रेस के पूर्व पार्षद और समाज सेवी रेहान गोल्डन के अनुसार झदा कब्रिस्तान में कोरोना से मारे जा रहे 10 से 12 शव हर दिन आ रहे हैं। गोल्डन ने कब्र खोदने का काम करने वाले कुछ कर्मियों के कब्र खोद-खोदकर हाथों में पड़े छाले भी दिखवाये। उन्होंने कहा, ‘हम अब जेसीबी मशीनों के जरिये कब्रें खुदवा रहे हैं।’
गोल्डन का कहना है, ‘कोविड से मौतों के बाद कब्रिस्तान में जमीन कम पड़ रही है। चार एकड़ अतिरिक्त जमीन आवंटन का आग्रह कलेक्टर से किया गया है। कब्रों को भरने के लिए तत्काल अतिरिक्त मिट्टी भी मांगी गई है।
लकड़ी की भारी कमी
झदा में जमीन और मिट्टी कम है तो कोविड के लिए चिन्हित दो शमशानों में हर दिन नये चिता स्थल बनाये जाने के बाद जगह कम पड़ रही है। शमशानों में लकड़ी की भी कमी हो रही है। इसके अलावा दोनों विश्राम घाटों में इलेक्ट्रानिक शवदाह ग्रह भी शवों के बोझ को सह नहीं पा रहे हैं।
शवों की हर दिन बढ़ रही संख्या के बाद विश्राम घाट कमेटियां हिन्दू धर्म में होने वाले तीसरे की जगह दूसरे दिन ही खारी सिमटवा रही हैं।
इंदौर में भी हैं हालात बदतर
कोरोना संक्रमितों के मिलने के मामले में मध्य प्रदेश में इंदौर नंबर वन रहा है। वहां भी कोविड मृतकों के लिए चिन्हित विश्राम घाटों और कब्रिस्तानों में भोपाल सरीखे हालात पहले से बने हुए हैं।
मध्य प्रदेश में सरकारी आंकड़ों के अनुसार गुरुवार को 10 हजार 166 कोरोना संक्रमित मिलने का नया रिकॉर्ड बना। पिछले साल कोरोना का दौर शुरू हुआ था। पहले और दूसरे दौर में अब तक का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है।
दूसरे दौर में भोपाल इंदौर को पीछे छोड़ने के आसपास पहुंच चुका है। गुरुवार को इंदौर में जहां 1693 संक्रमित मिले तो वहीं भोपाल में 24 घंटों में नये संक्रमितों का आंकड़ा 1637 रहा। इन दो महानगरों के बाद जबलपुर में 653 और ग्वालियर में 595 नये रोगी मिले।
प्रदेश का कोई जिला ऐसा नहीं रहा जहां रोगी ना मिले हों। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में पिछले 24 घंटों में कोरोना से कुल 53 मौतें दर्ज हुईं। राज्य में अब तक पौने चार लाख कोरोना रोगी मिल चुके हैं। इनमें 4 हजार 365 लोगों की मौतें हुई हैं। जबकि सवा तीन लाख ठीक भी हुए हैं। वर्तमान में मध्य प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या 55 हजार 694 है। इंदौर में सबसे ज्यादा 10 हजार 351 और भोपाल में 7 हजार 314 एक्टिव रोगी हैं।
मध्य प्रदेश के हर कोने से सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड न होने, ऑक्सीजन की भारी कमी और रेमेडिसिवर इंजेक्शन की भारी किल्लत की सूचनाएं आ रही हैं।
भोपाल में तो सरकारी अस्पतालों में कोविड रोगी की मौत के बाद परिजनों और जनप्रतिनिधियों द्वारा भारी हंगामा किये जाने तथा डॉक्टरों को निशाने पर लेने के हाल ही में कई घटनाक्रम हुए हैं। उज्जैन और इंदौर से भी इसी तरह के दृश्य सामने आ रहे हैं।
दिग्विजय सिंह भी हुए संक्रमित
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी कोरोना संक्रमित हो गये हैं। संक्रमित होने की सूचना शुक्रवार को ट्वीट के जरिये उन्होंने दी। वे दिल्ली में अपने घर पर उपचार करवा रहे हैं। गत दिवस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के पुत्र कार्तिकेय सिंह के कोरोना संक्रमित होने की सूचना स्वयं कार्तिकेय ने दी थी।
कमल नाथ ने सीएम को फिर लिखा पत्र
पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ कोरोना से लड़ाई में शिवराज सरकार के पूरी तरह से फेल हो जाने के आरोप लगातार लगा रहे हैं। उन्होंने कहा है, ‘सरकार ने लोगों को मरने के लिये छोड़ दिया है। उपचार, दवा और ऑक्सीजन के अभाव में पूरे प्रदेश में मौतें हो रही हैं। मुख्यमंत्री केवल लफ्फाजी और आंकड़ों की बाजीगरी करने में जुटे हुए हैं।’
नाथ ने शुक्रवार को सीएम को दो अलग-अलग पत्र लिखकर लोगों की मदद की गुहार लगाई है।
सरकार का दावा
उधर, राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग फरमा रहे हैं, ‘कोरोना से लड़ाई में सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। मुख्यमंत्री के प्रयासों से रेमेडिसिवर इंजेक्शनों की खेप सरकारी चौपर के जरिये बुलवाई और प्रदेश भर में बंटवाई गई है। अतिरिक्त बिस्तरों के इंतजाम किये गये हैं। टेस्टिंग बढ़ाई गई है। निजी पैथ लैबों की लूट-खसोट पर अंकुश लगाने के प्रभावी कदम सरकार ने उठाये हैं।’
सारंग ने आरोप लगाया, ‘विपदा की घड़ी में साथ देने के बजाय विपक्ष कोरोना सरीखे संवेदनशील मसले पर केवल और केवल राजनीतिक रोटियां सेंकने में जुटा हुआ है।’ मीडिया से बातचीत में सारंग ने कहा, ‘सरकार मौत या अन्य किसी भी तरह के आंकड़ों को छिपा रही है, ऐसा आरोप निराधार है।’