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कोर सेक्टर वृद्धि दर फिर शून्य से नीचे, पहले से बदतर हाल

कोर सेक्टर वृद्धि दर फिर शून्य से नीचे, पहले से बदतर हाल

कोर औद्योगिक क्षेत्र में विकास दर शून्य से नीचे ही है। यह पहले से बदतर हुआ और -5.2 से गिर कर -5.8 प्रतिशत पर जा पहुँचा। 

सरकार के तमाम दावों के बावजूद देश की आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। सबसे अहम 8 कोर औद्योगिक क्षेत्रों में विकास दर शून्य से नीचे रही। पर यह पहले से भी नीचे गई है। पिछली तिमाही में यह -5.2 प्रतिशत थी तो अब यह और गिर कर -5.8 प्रतिशत पर पहुँच गई है। 

ताज़ा आँकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में 8 औद्योगिक कोर सेक्टर में कुल मिला कर -5.8 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। यानी आम बोलचाल की भाषा में कहें तो इन सेक्टरों में जितना कामकाज पहले हुआ था, उससे 5.8 प्रतिशत कम हुआ। इसकी वजह यह है कि इन 8 से में 6 कोर सेक्टर में वृद्ध शून्य से नीचे रही। सीमेंट में -7.7 प्रतिशत, स्टील में -1.6 प्रतिशत, बिजली में -12.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। सबसे ज़्यादा 17.6 प्रतिशत की गिरावट कोयला क्षेत्र में देखी गई। इसके अलावा कच्चे तेल का उत्पादन 5.1 प्रतिशत गिरा। 

ये 8 कोर सेक्टर हैं-कोयला, प्राकृतिक गैस, सीमेंट, बिजली, उर्वरक, कच्चा तेल, स्टील और रिफ़ाइनरी उत्पाद। औद्योगिक उत्पादन इनडेक्स (आईआईपी) में इन क्षेत्रों की हिस्सेदारी 40.27 प्रतिशत है।  

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