आप के 'बाहरी' राज्यसभा प्रत्याशियों पर विवाद, लोगों ने पूछा - पंजाब में क्या यही बदलाव है
पंजाब से राज्यसभा के लिए घोषित आम आदमी पार्टी (आप) के नामों पर विवाद शुरू हो गया है। पंजाब से जुड़े तमाम लोगों ने आप प्रमुख अरविन्द केजरीवाल के इस फैसले की आलोचना की है और सवाल पूछा है कि क्या यही बदलाव है? क्या बिजनेसमैन को राज्यसभा में भेजने के लिए आप पंजाब की सत्ता में आई है? क्या बाहरी लोगों को पंजाब से भेजने के लिए दिल्ली से रिमोट कंट्रोल चलाया जाएगा?आप ने जो पांच नाम घोषित किए हैं, उनमें आप पदाधिकारी राघव चड्ढा, क्रिकेटर हरभजन सिंह, गुड़गांव में रहने वाले लुधियाना के बिजनेसमैन संजीव अरोड़ा, जालंधर में लवली ग्रुप (शिक्षा, स्वीट्स, उद्योग) के मालिक अशोक कुमार मित्तल, और आईआईटी दिल्ली के डॉ संदीप पाठक शामिल हैं।
तथ्य यह है कि पांच में से किसी का भी पंजाब से संबंधित मुद्दों को उठाने का कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं रहा है। इनमें से दो - चड्ढा और पाठक पंजाब के भी नहीं हैं। राज्यसभा में भेजे जाने वाले शख्स से उस राज्य और संबंधित क्षेत्र के मुद्दों की समझ और उसे सदन में उठाने की उम्मीद की जाती है। आप ने पंजाब चुनाव अभियान के दौरान महिलाओं, सिखों, दलितों और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) को महत्व देने की बात कही थी लेकिन हरभजन सिंह को छोड़कर कोई भी इस क्राइटेरिया को पूरा नहीं करते।पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने आप और केजरीवाल पर तीखा हमला किया है। सिद्धू ने मंगलवार को किए गए ट्वीट में कहा कि दिल्ली के रिमोट कंट्रोल के लिए नई बैटरियां, … हरभजन अपवाद है, बाकी बैटरियां हैं और पंजाब के साथ विश्वासघात। दरअसल, राघव चड्ढा, संजीव अरोड़ा और डॉ संदीप पाठक के नामांकन ने विशेष रूप से विपक्ष के गुस्से को बढ़ा दिया है। पंजाब के पूर्व सीएम और शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल ने दावा किया है-
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नई दिल्ली से नई पंजाब सरकार चलाई जाएगी।
- प्रकाश सिंह बादल, पूर्व सीएम, पंजाब
सिख नेता और विधायक मनप्रीत एस अयाली ने भी कहा कि आप ने राज्यसभा की सीटें गुर्गों और कारोबारियों को बांटकर पंजाबियों को धोखा दिया है। अयाली ने आप से पूछा कि क्या सूची पर उसने अपनी पंजाब इकाई के साथ चर्चा की थी। आप ने पंजाब और पंजाबियत के खिलाफ पहला झटका राज्यसभा के लिए बाहरी लोगों को मनोनीत करके दिया। यह राज्य के लोगों से धोखा है, जिन्होंने व्यापक सकारात्मक बदलाव के लिए उन्हें चुना है। क्या यही बदलाव है।किसान नेता और कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने भी कहा, गैर-पंजाबियों और व्यापारियों को राज्यसभा भेजने के बजाय, भगवंत मान को बीबी परमजीत खालरा को नामित करने की अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करना चाहिए था। वो पंजाब में पुलिस की बर्बरता का शिकार हुईं और सारे संघर्ष की चैंपियन थीं। एक अन्य कांग्रेस नेता, प्रताप सिंह बाजवा, जिनका राज्यसभा का कार्यकाल अगले महीने समाप्त हो जाएगा, ने कहा-
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आप के नामांकन में कुछ भी नया नहीं था, क्योंकि अतीत में भी यही प्रथा थी।
-प्रताप सिंह बाजवा, कांग्रेस नेता
इनकी चर्चा ज्यादा है लुधियाना के व्यवसायी संजीव अरोड़ा के चयन ने राजनीतिक गलियारों में ज़बरदस्त चर्चा की है क्योंकि आप की सूची में वह एकमात्र उद्योगपति हैं। बाकी सभी या तो शिक्षाविद हैं या क्रिकेटर हैं। दिल्ली से आप की राज्यसभा पसंद ने अतीत में भी विवाद पैदा किया था। हालांकि आम आदमी पार्टी स्वच्छ राजनीति की शुरुआत का दावा करती रही है।
उद्योगपति संजीव अरोड़ा अपने परिवार के साथ गुड़गांव में रहते हैं और अक्सर व्यापार के लिए लुधियाना जाते हैं। आरोप है कि संजीव अरोड़ा की फर्म पिछले साल कथित रूप से कम कीमतों पर लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की प्रमुख भूमि को नीलामी से हासिल करने के विवाद में फंस गई थी। स्थानीय बीजेपी नेताओं ने ट्रस्ट पर संजीव अरोड़ा की फर्म आरपीआईएल को औने-पौने दामों पर जमीन नीलाम करने का आरोप लगाया था।
बहरहाल, आप को पंजाब विधानसभा (117 में से 92 सीटों) में स्पष्ट बहुमत हासिल है। इसलिए उसके सभी प्रत्याशियों को राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने जाने की उम्मीद है।
राज्यसभा में 3 और सांसदों के चुनाव के साथ, उच्च सदन में पार्टी की संख्या 3 से बढ़कर 8 हो जाएगी। पार्टी के पास पहले से ही दिल्ली से 3 राज्यसभा सांसद हैं। पंजाब से मौजूदा राज्यसभा सांसद जिनका छह साल का कार्यकाल खत्म हो रहा है, वो हैं - प्रताप सिंह बाजवा, शमशेर सिंह दुल्लो (कांग्रेस), सुखदेव सिंह ढींडसा और नरेश गुजराल (शिरोमणि अकाली दल) और बीजेपी से श्वेत मलिक।