पहले भी मुसलमानों के ख़िलाफ़ भड़काऊ बयान दे विवादों में रहे हैं तेजस्वी सूर्या
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं से राजनीतिक और वैचारिक बपतिस्मा कराने वाले बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्य पहली बार विवाद में नहीं आए हैं। वह अभी 30 साल के भी नहीं हुए हैं, राजनीति और संघ दोनों जगह नए ही हैं, पर विवादों के केंद्र में रहते हैं। विवाद भी ऐसे जो उनके राजनीतिक विचार और दर्शन भले दिखाएं, घनघोर आपत्तिजनक हैं।
सूर्या फ़िलहाल अरब महिलाओं के यौन जीवन के बारे अपने पुराने ट्वीट को लेकर विवादों केंद्र में हैं। उनके इस बयान पर पूरे अरब जगत में लोग गुस्सा हो गए, पारंपरिक रूप से भारत के मित्र रहने वाले देश संयुक्त अरब अमीरात ने आधिकारिक रूप से इसका विरोध किया, आम जनता ने इस पर गुस्सा जताया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि भारत के राजूदत पवन कपूर को सफ़ाई देनी पड़ी। उन्होंंने मामले को शांत करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्वीट को भी साझा किया।आप खुद देखिए कि सूर्या ने क्या कहा था।
@PMOIndia Respected Prime minister @narendramodi India's relation with the Arab world has been that of mutual respect. Do you allow your parliamentarian to publicly humiliate our women We expect your urgent punitive action against @Tejasvi_Surya for his disgraceful comment. pic.twitter.com/emymJrc5aU
— المحامي⚖مجبل الشريكة (@MJALSHRIKA) April 19, 2020
इस पर बवाल मचने के बाद उन्होंने इस ट्वीट को ही डिलीट कर दिया। लेकिन यह 5 साल पुराना ट्वीट है और उन्होंने एक टीवी बहस में पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तारिक फ़तेह की कही बातों को उद्धृत किया था। लेकिन ट्वीट करने का मतलब यह है कि वह इसका समर्थन करते हैं।
'पंक्चर वाला'
जब नागरिकता संशोधन क़ानून और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स का पूरे देश में ज़बरदस्त विरोध हो रहा था, बीजेपी के इसी सांसद ने कहा था कि सीएए-एनआरसी का विरोध 'पंक्चर बनाने वाले' करते हैं।मुग़ल राज
तेजस्वी सूर्या यहीं नहीं रुके। इसी मुद्दे पर जब दिल्ली के शाहीन बाग में महिलाओं ने लंबा और ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया था, सूर्या ने आपत्तिजनक बातें कहीं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यदि बहुमत समुदाय चौकन्ना नहीं रहा तो 'मुग़ल राज' लौट आएगा।'Mughal Raj' is not far away for Delhi if 'patriotic Indians don't stand up': BJP MP Tejasvi Suryahttps://t.co/ENPsvn7ub4
— IndiaToday (@IndiaToday) February 6, 2020
मशहूर उर्दू शायर और लोकप्रिय गीतकार जावेद अख़्तर ने इस बीजेपी सांसद को जवाब दिया। उन्होंने कहा, 'अगर आप मुग़ल राज को लेकर इतना ही भयभीत हैं तो मैं अंदाजा भी नहीं लगा सकता हूं कि आप एटीला द हून और वाइकिंग्स के हमलों को लेकर कितना ज्यादा डरे हुए होंगे। फ्रिक मत करो, हम उदारवादी आपको बचा लेंगे।'
इसी तरह उन्होंने एक बार ट्वीट कर कहा कि आतंकवादियों का निश्चित रूप से धर्म होता है और ज़्यादातर मामलों में वह इसलाम होता है।
Our honourable MP from Bengaluru pic.twitter.com/FxDWY5Eteq
— Swati Chaturvedi (@bainjal) April 20, 2020
इसी तरह जब बीजेपी 2018 में जयनगर उपचुनाव कांग्रेस से हार गई, तेजस्वी सूर्या ने कहा कि मुसलमान वोटरों के एकजुट होने से ऐसा हुआ है और अब बीजेपी को सच्चे अर्थों में हिन्दू पार्टी बन जाना चाहिए।
Call me a bigot, communal fanatic or whatever. But singular reason for BJP's defeat in Jayanagar is the complete consolidation of Muslim vote. Look at the below numbers from Gurappanapalya, a Muslim locality.
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) June 13, 2018
BJP must 'really' become a Hindu party & not just be perceived as one. pic.twitter.com/oWbtOSbEE1
मोदी विरोध, राष्ट्र द्रोह
तेजस्वी सूर्या ने 2019 के मार्च में तमाम मोदी विरोधियों को राष्ट्र विरोधी क़रार दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सभी भारत-विरोधी ताक़तें मोदी को रोकने के लिए एकजुट हो गईं।
तेजस्वी सूर्या ने साफ़ शब्दों में एलान कर दिया, 'यदि आप मोदी के साथ हैं, आप देश के साथ हैं। यदि आप मोदी के साथ नहीं है, फिर आप भारत विरोधी ताक़तों को मजबूत कर रहे हैं।'
All anti-India forces have united to stop Modi. While Modi's agenda is building a new & robust India, their agenda is to stop him. They have no positive agenda.
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) March 22, 2019
If you are with Modi, you are with India. If you are not with Modi, then you are strengthening anti-India forces. pic.twitter.com/k0mXzqItrG
एक महिला ने 27 मार्च, 2019 को ट्वीट कर #MeToo के तहत तेजस्वी सूर्या पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। लेकिन बाद में उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया।
तेजस्वी सूर्या के आईएएस पिता और स्कूल टीचर माँ राजनीति में नहीं थीं। लेकिन वह अपने चाचा और बीजेपी विधायक रवि सुब्रमण्यम से बहुत प्रभावित थे। तेजस्वी अपने स्कूल दिनों में आरएसएस की शाखा में जाया करते थे।
कॉलेज से निकल कर तेजस्वी सूर्या कर्नाटक हाई कोर्ट में वकालत करने लगे, पर वह बीजेपी के युवा संगठन युवा मोर्चा से जुड़ गए, जल्द ही इसके प्रवक्ता बन गए।
वैचारिक पृष्ठभूमि!
सवाल यह उठता है कि तेजस्वी सूर्या इस तरह के बयान देते ही क्यों हैं, इस तरह के ट्वीट करते ही क्यों हैं पर्यवेक्षकों का कहना है कि इस तरह की बातें करने वाले वह अकेले नहीं हैं। वह जिस पार्टी में हैं, वहाँ इससे भी अधिक ख़तरनाक बयान देने वाले लोग हैं।बीजेपी और संघ की रणनीति धार्मिक ध्रुवीकरण की रही है और उनकी राजनीति समुदाय विशेष के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने की ही रही है। उस पार्टी के ज़्यादातर लोग जिस वैचारिक पृष्ठभूमि के हैं, वह भारत के समुदाय विशेष को दूसरों से बेहतर और बाकी सबको दोयम दर्जे का मानती है। ऐसे में यदि तेजस्वी सूर्या आपत्तिजनक बातें कहते हैं तो ताज्जुब क्यों। यह इससे भी समझा जा सकता है कि इतना बवाल मचने के बाद अब तक बीजेपी के पार्टी अध्यक्ष या प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर एक शब्द नहीं कहा है।