हनुमान को दलित बताने का योगी का दाँव उलटा पड़ा
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के हनुमान को दलित समुदाय का बताने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। दलित समुदाय के लोगों ने कहा है कि हनुमान उनके देवता हैं इसलिए हनुमान मंदिरों पर उनके समाज का क़ब्ज़ा होना चाहिए। अहम बात यह है कि आख़िर योगी आदित्यनाथ को हनुमान को दलित समाज से संबंधित देवता बताने की ज़रूरत क्यों पड़ी। योगी ने राजस्थान के अलवर में चुनाव प्रचार के दौरान हनुमान को दलित बताया था।
शनिवार को लखनऊ के हज़रतगंज स्थित दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर पर दलित उत्थान सेवा समिति के बैनर तले बड़ी संख्या में दलित समाज के लोग पहुँचे। लोगों ने अपने हाथों में तख्ती ली हुई थी। तख्ती पर लिखा था, दलितों के देवता बजरंग बली का मंदिर हमारा है। समाज के लोगों ने वहां नारेबाजी की और हनुमान मंदिरों पर अपना दावा जताया।
हमें दें हनुमान मंदिर
गुरुवार को आगरा में लंगड़े की चौकी स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में दलित समाज के लोगों ने जनेऊ पहनकर हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस मौके पर दलितों का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस नेता अमित सिंह ने कहा, 'हमें इस बात का पता नहीं था कि हनुमान हमारे समाज से थे। अब जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने हमें यह बताया है तो सभी हनुमान मंदिरों को दलित समाज को सौंप देना चाहिए।'अनूसचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने कहा कि हनुमान दलित नहीं, आदिवासी समाज के हैं। साय ने कहा, लोग यह समझते हैं कि राम की सेना में भालू थे, बानर थे, गिद्ध थे...हमारा जनजाति समाज अलग से है। जनजातियों की एक भाषा में तिग्गा एक गोत्र है, जिसका मतलब बंदर होता है। मैं कांवर जनजाति से संबंध रखता हूँ, उसमें एक गोत्र है जिसे हनुमान कहा जाता है। इसी तरह गिद्ध भी अन्य जनजातियों में एक गोत्र है। राम के साथ लड़ाई में ये लोग गए थे। इसलिए मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि वे आदिवासी समाज से थे।
#WATCH: Nand Kumar Sai,National Commission of Scheduled Tribes chairperson,says,"Log ye samajhte hain ki Ram ke sena mein Bhaloo the, banar the, giddh the...Hamara janjaati samaaj alag alag hai,kanwar samaaj mein 'hanuman' gotra' alag se hai.Ram ke saath ladai me ye log gaye the' pic.twitter.com/nrIlug9dzg
— ANI UP (@ANINewsUP) November 30, 2018
इसके बाद केंद्रीय मंत्री सत्यपाल मलिक भी सामने आए और उन्होंने कहा कि भगवान राम और हनुमान के युग में कोई जाति व्यवस्था नहीं थी, इसलिए हनुमान आर्य थे।