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फ़ेसबुक प्रमुख ज़करबर्ग को कांग्रेस की चिट्ठी, पक्षपात व हस्तक्षेप के आरोप

फ़ेसबुक प्रमुख ज़करबर्ग को कांग्रेस की चिट्ठी, पक्षपात व हस्तक्षेप के आरोप

कांग्रेस पार्टी ने फ़ेसबुक इंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क ज़करबर्ग को एक कड़ी चिट्ठी लिख कर उनके भारतीय अधिकारियों की शिकायत की है।

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के नफ़रत फैलाने वाले पोस्ट को फ़ेसबुक प्लैटफ़ॉर्म से नहीं हटाने का मुद्दा तूल पकड़ चुका है। इस बारे में कांग्रेस पार्टी ने फ़ेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क ज़करबर्ग को एक कड़ी चिट्ठी लिख कर उनके भारतीय अधिकारियों की शिकायत की है और जाँच पूरी होने तक फेसबुक के मौजूदा भारतीय अधिकारियों को हटा कर नई टीम बनाने की माँग की है। 

क्या है मामला

अमेरिकी पत्रिका वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक ख़बर में कहा था कि फ़ेसबुक ने तेलंगाना के बीजेपी विधायक टी राजा सिंह के मुसलिम विरोधी पोस्ट को इसलिए नहीं हटाया क्योंकि इससे कंपनी के व्यापार पर असर पड़ता। खबर के मुताबिक़, फ़ेसबुक इंडिया की पब्लिक पॉलिसी डाइरेक्टर अंखी दास ने कहा था कि ऐसा करने से कंपनी के बिजनेस प्रॉस्पेक्ट पर बुरा असर पड़ेगा। ऐसे कम से कम तीन और मामले थे। इसके साथ ही खबर में यह भी कहा गया था कि फ़ेसबुक ने चुनाव में बीजेपी की मदद की थी।

कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल की ओर से लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि फ़ेसबुक के भारत में कार्यरत अफ़सर ने एक राजनीतिक दल को फ़ायदा पहुँचाया। 

कांग्रेस की चिट्ठी में यह भी कहा गया है कि बीजेपी नेताओं के साथ फ़ेसबुक की मिलीभगत है और कंपनी इन नेताओं के हेट स्पीच को लगातार बढ़ावा दे रही है।

कांग्रेस पार्टी ने फ़ेसबुक पर भारत के आंतरिक लोकतंत्र में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है और कहा है कि वॉल स्ट्रीट जर्नल में इस ख़बर के छपने के बाद उसे वहां से हटा लिया गया है। इससे यह साबित होता है कि फ़ेसबुक अपनी ग़लती मानता है।

पक्षपात का आरोप

कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि इसके पहले भी निष्पक्षता नहीं बरतने के मुद्दे पर फ़ेसबुक और वॉट्सऐप के अधिकारियों से कई बार कहा चुका है। के. सी. वेणुगोपाल ने कहा कि वो ऐसी ही एक बैठक में मौजूद थे, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ।

कांग्रेस पार्टी ने माँग की है कि कंपनी इस पूरे मामले की एक उच्च-स्तरीय जाँच कराए और उसकी रिपोर्ट फ़ेसुक के निदेशक मंडल को दे। इस रिपोर्ट को प्रकाशित करे।

कांग्रेस ने एक महत्वपूर्ण माँग यह की है कि 2014 के बाद से अब तक इस प्लैटफ़ॉर्म पर पोस्ट किए गए सभी हेट स्पीच का पता लगाया जाए और उसकी जानकारी दी जाए।

यह भी कहा गया है कि जब तक जाँच पूरी नहीं हो जाती तब तक फ़ेसबुक इंडिया का कामकाज कोई और देखे ताकि जाँच प्रभवित न हो।

राहुल गांधी ने क्या कहा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है, 'हम कड़ी मेहनत के बाद हासिल किए गए लोकतंत्र में पक्षपात, फ़ेक न्यूज़ और हेट स्पीच से जोड़तोड़ नहीं करने देंगे। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने ख़बर दी है, हेट स्पीच और फ़ेक न्यूज़ को बढ़ावा देने में फ़ेसबुक की भूमिका पर सभी भारतीयों को सवाल उठाना चाहिए।'

इसके साथ ही उन्होंने मार्क ज़करबर्ग को लिखी गई चिट्ठी अटैच भी कर दी है। 

चिट्ठी पर उठते सवाल

लेकिन इस चिट्ठी से भी कई सवाल खड़े होते हैं। दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की मुख्य विपक्षी पार्टी, जिसने इस देश पर सबसे लंबे समय तक शासन किया, इस तरह की चिट्ठी फ़ेसबुक प्रमुख को लिखनी ही क्यों चाहिए, सवाल यह है। कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट जा कर फ़ेसबुक कंपनी को ही कटघरे में क्यों नहीं करती। इस पूरे काम के लिए सीधे मुख्य कार्यकारी अधिकारी को ही क्यों न निशाने पर लिया जाए।

ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी फ़ेसबुक इंडिया की पब्लिक पॉलिसी डाइरेक्टर अंखी दास को हटवाना चाहती है, शिकायत उनके ख़िलाफ़ की गई है। पर सवाल यह है कि एक अंखी दास के हट जाने से ही क्या होगा।

बहरहाल, इस कांड से दुनिया में फ़ेसबुक की फ़जीहत तो हो ही रही है। 

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