नागरिकता क़ानून: कांग्रेस के तेवर तीख़े, देश भर में जोरदार प्रदर्शन
देश भर में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के बीच कांग्रेस भी शनिवार को देश भर में मार्च निकाल रही है। पार्टी ने इस मार्च को ‘संविधान बचाओ-भारत बचाओ’ का नाम दिया है। देश के कई राज्यों की राजधानियों और अन्य शहरों में पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में इस मार्च में शामिल हो रहे हैं। मुंबई, जयपुर, देहरादून, लखनऊ सहित कई शहरों में पार्टी कार्यकर्ता इस क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं।
Mumbai: Congress takes out protest rally against #CitizenshipAmendmentAct and #NationalRegisterofCitizens pic.twitter.com/at9ln2iKk7
— ANI (@ANI) December 28, 2019
शनिवार को कांग्रेस का 135वां स्थापना दिवस भी है। इस मौक़े पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस का झंडा फहराया। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे लोगों को समर्थन देने के लिए असम जा रहे हैं। असम में इस क़ानून के विरोध में कई दिनों से लगातार प्रदर्शन हो रहा है और लोग सड़कों पर हैं।
Delhi: Congress interim President Sonia Gandhi hoists tricolour at party office on 135th #CongressFoundationDay. Rahul Gandhi,Dr.Manmohan Singh, Motilal Vora,AK Antony and other senior leaders present pic.twitter.com/h8GewiSUp9
— ANI (@ANI) December 28, 2019
राहुल गाँधी असम में पार्टी की एक रैली को भी संबोधित करेंगे और इस क़ानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि भी अर्पित करेंगे। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ हैं। प्रियंका लगातार उत्तर प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट कर रही हैं और संगठन को चुस्त-दुरुस्त बनाने की क़वायद में जुटी हैं।
लगातार दो लोकसभा चुनाव में क़रारी शिकस्त मिलने के बाद कांग्रेस के सामने ख़ुद को खड़ा करने की चुनौती है। नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ देश भर में जिस तरह बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हुए हैं और बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे हैं, उससे कांग्रेस को थोड़ी संजीवनी मिली है। कांग्रेस शासित राज्यों ने स्पष्ट कह दिया है कि वे इस क़ानून को अपने राज्यों में लागू नहीं होने देंगे। कांग्रेस की ओर से सभी राज्यों में इस क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन भी किए गए हैं।
सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी और प्रियंका लगातार इस क़ानून के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा रहे हैं और उन्होंने इसे संविधान पर हमला बताया है। कुछ अन्य विपक्षी दल भी इस क़ानून के विरोध में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इस क़ानून के विरोध में उत्तर प्रदेश में ही 18 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।