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केन्या में अडानी विवाद बढ़ा, कांग्रेस- 'अडानी के एजेंट जैसे काम कर रहे मोदी'

केन्या में अडानी विवाद बढ़ा, कांग्रेस- 'अडानी के एजेंट जैसे काम कर रहे मोदी'

केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गौतम अडानी को लेकर ऐसा क्या कह दिया कि भारत में भी अब बवाल खड़ा हो गया?

प्रधानमंत्री मोदी और गौतम अडानी के संबंधों को लेकर जो आरोप विपक्ष लगाता रहा है, उसको अब केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री रैला ओडिंगा के नये बयान से बल मिला है। पूर्व केन्याई प्रधानमंत्री रैला ओडिंगा ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने ही उन्हें इस व्यापारिक घराने से मिलवाया था। इस बयान के बाद कांग्रेस ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया है कि नरेंद्र मोदी अडानी के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं।

कांग्रेस ने ओडिंगा के वीडियो बयान को साझा करते हुए ट्वीट किया है, 'केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री रेला ओडिंगा का कहना है- नरेंद्र मोदी ने मुझे अपने दोस्त गौतम अडानी और उनके बिजनेस के बारे में बताया। अडानी के अलग-अलग प्रोजेक्ट्स के बारे में जानकारी दी। इतना ही नहीं, नरेंद्र मोदी ने केन्याई डेलिगेशन को गुजरात बुलाकर अडानी के कारोबार के बारे में विस्तार से समझाया।' 

पार्टी ने आरोप लगाया, 'केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री का ये खुलासा बेहद गंभीर है, जो बताता है कि नरेंद्र मोदी किस तरह अपने दोस्त अडानी के लिए एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। मोदी विदेश में अडानी की मार्केटिंग करते हैं और उसे अरबों की डील दिलवाते हैं। नरेंद्र मोदी का साफ फंडा है- विदेश जाऊंगा, दोस्त को धंधा दिलाऊंगा... खूब अमीर बनाऊंगा।'

मोदी सरकार पर अडानी समूह का पक्ष लेने और उसकी मदद करने का आरोप लगाया गया है। वीडियो में ओडिंगा कहते सुने जा सकते हैं, 'प्रधानमंत्री मोदी ने केन्या सरकार के एक मिशन को गुजरात आने के लिए कहा और मुझे इन कंपनियों की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को देखने का मौका मिला, जिसमें बंदरगाह, बिजली संयंत्र, रेलवे लाइन और भारत सरकार द्वारा दान की गई विकसित हवाई पट्टी शामिल है। मैं अडानी समूह की कंपनियों के बारे में बात कर रहा हूँ।'

अडानी समूह को लाने के फ़ैसले का बचाव करने वाला ओडिंगा का यह बयान तब आया है जब केन्या के मुख्य हवाई अड्डे को चलाने के समूह के प्रस्ताव का विरोध हो रहा है और एक अदालत द्वारा इसे निलंबित कर दिया गया है। समूह ने पिछले सप्ताह वहां उच्च-वोल्टेज बिजली लाइनों के निर्माण के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।

केन्या में अडानी समूह को बुनियादी ढांचा परियोजनाएं सौंपने को लेकर विवाद के बीच कांग्रेस ने सोमवार को प्रधानमंत्री पर इस समूह के साथ उनके संबंधों को लेकर हमला बोला।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री रैला ओडिंगा, जो अडानी समूह के साथ पक्षपात करने के लिए आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं, अब स्वीकार करते हैं कि उन्हें एक दशक से अधिक समय पहले गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने इस व्यवसायी से मिलवाया था और तब उन्होंने ए ग्रुप के लिए आक्रामक रूप से पैरवी भी की थी।'

इस वीडियो को साझा करते हुए पवन खेड़ा ने कहा है, 'पिछले 10 वर्षों से भारत की विदेश नीति की यही कहानी रही है - अडानी द्वारा। अडानी के लिए। अडानी का।'

मोदी सरकार पर अडानी समूह का पक्ष लेने और उसकी मदद करने का आरोप लगाया गया है। हाल ही में बांग्लादेश में शेख हसीना को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद एक बिजली परियोजना के भविष्य को लेकर सवाल उठे थे। इसके बारे में एक वर्ग का आरोप है कि नई दिल्ली के दबाव के कारण इसे मंजूरी दी गई।

इससे पहले श्रीलंकाई सरकार के एक अधिकारी ने संसदीय पैनल के समक्ष दावा किया था कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने नवंबर 2021 में उनसे कहा था कि मोदी उन पर पवन ऊर्जा परियोजना को अडानी समूह को सौंपने के लिए 'दबाव' बना रहे हैं। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतृत्व वाली श्रीलंका की नई सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वह पवन ऊर्जा परियोजना के लिए अडानी समूह को पिछली सरकार द्वारा दी गई मंजूरी पर पुनर्विचार करेगी।

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